मुद्रास्फीति को चार % के इर्दगिर्द रखने का लक्ष्य निर्धारित
सरकार ने अगले पांच साल के लिए मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने के लक्ष्य को आज अधिसूचित किया।
सरकार ने अगले पांच साल के लिए मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने के लक्ष्य को आज अधिसूचित किया। रिजर्व बैंक के साथ मौद्रिक नीति रूपरेखा करार के तहत यह लक्ष्य तय किया गया है। केंद्र ने रिजर्व बैंक के साथ परामर्श कर के मुद्रास्फीति यह दायरा तय किया है जो मार्च, 2021 तक की अवधि के लिए है। संसद में रखी गई सरकार की अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘रिजर्व बैंक कानून 1934 की धारा 45जेडए के तहत मिले अधिकारों के तहत केंद्र सरकार ने बैंक के साथ विचार विमर्श के बाद अधिसूचना प्रकाशित होने की तारीख से 31 मार्च, 2021 तक के लिए मुद्रास्फीति का यह लक्ष्य तय किया है।’’
अधिसूचना में मुद्रास्फीति का लक्ष्य चार प्रतिशत रखा गया है। यह इससे दो प्रतिशत ऊपर यानी छह प्रतिशत या दो प्रतिशत नीचे यानी दो प्रतिशत तक भी हो सकती है। सरकार और रिजर्व बैंक ने पिछले साल फरवरी में मौद्रिक नीति रूपरेखा करार किया था, जिसके तहत रिजर्व बैंक नीतिगत दरें तय करेगा और जनवरी, 2016 तक मुद्रास्फीति को छह प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य लेकर चलेगा। इसके बाद 2016-17 तथा आगे के वर्षों के लिए इसे चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) तय किया गया है। सरकार ने वित्त कानून 2016 के जरिये रिजर्व बैंक कानून में बदलाव किया था जिससे मौद्रिक नीति समिति की स्थापना की जा सके। इसके तहत विशेष मुद्रास्फीति लक्ष्य होना था, लेकिन सरकार ने मुद्रास्फीति लक्ष्य को अधिसूचित नहीं किया था।
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