उच्चतम न्यायालय में Adani firms के खिलाफ सीमा-शुल्क विभाग की अपील खारिज

Adani
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न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को अपना आदेश पारित किया। पीठ ने कहा कि इस मामले में न्यायालय के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है लिहाजा अपीलों को निरस्त किया जाता है।

उच्चतम न्यायालय ने आयातित उत्पादों के अधिक मूल्यांकन के मामले में अडाणी समूह की दो फर्मों के खिलाफ दायर सीमा-शुल्क विभाग की अपील को खारिज दिया है। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को अपना आदेश पारित किया। पीठ ने कहा कि इस मामले में न्यायालय के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है लिहाजा अपीलों को निरस्त किया जाता है।

मामले से जुड़े एक वकील ने कहा कि अडाणी समूह की फर्मों- अडाणी पावर राजस्थान लिमिटेड (एपीआरएल) और अडाणी पावर महाराष्ट्र लिमिटेड (एपीएमएल) की परियोजना लागत उनके प्रतिस्पर्धियों की लगाई कीमत के बराबर या कम ही थी। वकील ने कहा कि इन फर्मों की तरफ से लगाई कीमत केंद्रीय बिजली नियामक आयोग के निर्धारित प्रति मेगावॉट लागत मानक से कम ही थी। अडाणी समूह की इन फर्मों ने महाराष्ट्र और राजस्थान में ताप-विद्युत परियोजनाएं लगाने के लिए जरूरी उत्पादों का आयात किया था।

इसी तरह पीएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को महाराष्ट्र ईस्टर्न ग्रिड पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के लिए पारेषण लाइन बिछाने और एक सब-स्टेशन बनाने का ठेका मिला था। राजस्व आसूचना महानिदेशालय (डीआरआई) ने मई, 2014 में इन फर्मों को आयातित उत्पादों के मूल्य बढ़ाकर बताने के मामले में कारण बताओ नोटिस भेजा था। हालांकि, डीआरआई के निर्णय प्राधिकरण ने वर्ष 2017 में सभी आयात के मूल्य को सही पाया था। इसके खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की गई लेकिन पिछले साल वहां पर भी सीमा-शुल्क विभाग की अपील ठुकरा दी गई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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