क्रिप्टोकरेंसी के आदान-प्रदान में खरीदार को काटना होगा टीडीएसः सीबीडीटी

CBDT
ANI Photo.

आयकर विभाग की नियंत्रक संस्था सीबीडीटी ने कहा, इस तरह, एक्सचेंज से इतर किए जाने वाले डिजिटल परिसंपत्ति लेनदेन में खरीदार को आयकर अधिनियम की धारा 194एस के तहत कर कटौती करने की जरूरत है।

नयी दिल्ली| आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल परिसंपत्ति (वीडीए) या क्रिप्टोकरेंसी के आदान-प्रदान में खरीदार एवं विक्रेता दोनों को ही अपने स्तर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटना होगा।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 194एस के मुताबिक खरीदार को वीडीए के लेनदेन में कर कटौती करनी होगी।

आयकर विभाग की नियंत्रक संस्था सीबीडीटी ने कहा, इस तरह, एक्सचेंज से इतर किए जाने वाले डिजिटल परिसंपत्ति लेनदेन में खरीदार को आयकर अधिनियम की धारा 194एस के तहत कर कटौती करने की जरूरत है।

सीबीडीटी ने कहा कि ऐसी देनदारी के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि कटौती किए गए कर का भुगतान किया जा चुका हो।

सीबीडीटी ने इसे एक उदाहरण के जरिये समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि अगर ए वीडीए को बी वीडीए के बदले दिया जा रहा हो तो इस स्थिति में दोनों ही पक्ष खरीदार होने के साथ विक्रेता भी हैं। सीबीडीटी ने कहा, इस संदर्भ में दोनों ही पक्षों को वीडीए अंतरण के संदर्भ में कर देना होगा। दूसरे पक्ष को इसका साक्ष्य देना होगा ताकि दोनों वीडीए की अदला-बदली हो सके।

फिर दोनों ही पक्षों को टीडीएस विवरण में चालान नंबर के साथ इसका उल्लेख करना होगा। नांगिया एंडरसन एलएलपी के भागीदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि सीबीडीटी ने खरीदार को यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है कि विक्रेता ने प्रतिफल जारी करने से पहले उचित करों का भुगतान कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था खरीदारों के लिए राहत बनकर आई है। ऐसा न होने पर खरीदारों को खुद ही टीडीएस की लागत उठानी पड़ती और विक्रेता से वसूली की गुंजाइश भी नहीं रहती।

सीबीडीटी ने पिछले हफ्ते कहा था कि एक्सचेंजों के जरिये होने वाले वीडीए लेनदेन में एक प्रतिशत टीडीएस काटने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से एक्सचेंजों पर होगी। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी या वीडीए पर टीडीएस लगाने की घोषणा की गई थी। यह प्रावधान एक जुलाई से प्रभावी होने वाला है। इस साल के बजट में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में स्पष्टता आई है।

एक अप्रैल से ऐसे लेनदेन पर 30 प्रतिशत आयकर के अलावा उपकर और अधिभार भी लगता है। डिजिटल मुद्रा मद में 10,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया गया था। यह एक जुलाई से लागू होगा।

निर्धारित व्यक्तियों के लिये टीडीएस के लिये सीमा 50,000 रुपये सालाना है। इसमें व्यक्ति/हिंदु अविभाजित परिवार शामिल हैं। उन्हें आयकर कानून के तहत अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़