राज्यों के कर्ज की लागत पिछली नीलामी में 0.09 प्रतिशत बढ़ी

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राज्यों के लिये कर्ज जुटाने की लागत लगातार दूसरे सप्ताह बढ़ी है। बॉन्ड की ताजा नीलामी में कर्ज की औसत लागत 0.09 प्रतिशत बढ़कर 7.65 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इससे पहले, लगातार छह सप्ताह तक कर्ज की लागत घटी थी।

राज्यों के लिये कर्ज जुटाने की लागत लगातार दूसरे सप्ताह बढ़ी है। बॉन्ड की ताजा नीलामी में कर्ज की औसत लागत 0.09 प्रतिशत बढ़कर 7.65 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इससे पहले, लगातार छह सप्ताह तक कर्ज की लागत घटी थी। इससे पिछली नीलामी में औसत न्यूनतम दर (कट-ऑफ) 0.10 प्रतिशत बढ़कर 7.56 प्रतिशत रही थी। औसत कर्ज लागत का बढ़ना बताता है कि पिछले सप्ताह में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि के बाद कुल मिलाकर ब्याज बढ़ रहा है।

फेडरल रिजर्व ने यह भी कहा है कि वह 40 साल के उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई को काबू में लाने के लिये ब्याज दर में दो और वृद्धि करेगा। इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारांश औसत ‘कट-ऑफ’ 0.09 प्रतिशत बढ़कर 7.65 प्रतिशत रहा जो इससे पिछली नीलामी में 7.56 प्रतिशत था। इसमें भारांश औसत अवधि 15 साल पर स्थिर रही। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ 10 साल की मियाद वाले सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल 0.03 प्रतिशत बढ़कर 7.29 प्रतिशत रहा। दस साल की अवधि के कर्ज पर भारांश औसत कट-ऑफ 0.12 प्रतिशत बढ़कर 7.67 प्रतिशत रहा।

इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही की अंतिम नीलामी में 14 राज्यों ने कुल 27,800 करोड़ रुपये जुटाये। इसके साथ 23 राज्य पहली छमाही में 2.8 लाख करोड़ रुपये जुटा चुके हैं जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत कम है। साथ ही संभावित राशि चार लाख करोड़ रुपये से 31 प्रतिशत कम है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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