पोषण निगरानी APP को OFFLINE उपलब्ध कराया जाएगा: WCD

The nutrition monitoring app will be made OFFLINE
[email protected] । Jun 30 2018 5:50PM

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा निर्मित पोषण निगरानी एप को आंशिक रूप से ऑफलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि आंगनवाड़ी कर्मी दूर - दराज इलाकों में बच्चों के आंकड़ों का रिकॉर्ड रख सके।

नयी दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा निर्मित पोषण निगरानी एप को आंशिक रूप से ऑफलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि आंगनवाड़ी कर्मी दूर - दराज इलाकों में बच्चों के आंकड़ों का रिकॉर्ड रख सके।

‘इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवपलमेंट सर्विसेज - कॉमन एपलीकेशन’ का इस्तेमाल प्रत्येक गांव का पोषण ढांचा तैयार करने के लिए किया जाता है। इसका लक्ष्य कुपोषण की समस्या से स्थायी रूप से निपटना है। इस प्रणाली से जमीनी स्तर की वास्तविकता का पता चलता है।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि आंशिक रूप से इस एप को ऑफलाइन उपलब्ध कराया गया है ताकि आंगनवाड़ीकर्मी दूर - दराज इलाकों (जहां इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं या खराब हैं) में बच्चों की पोषण संबंधी जानकारी एप पर दर्ज कर सकें।

आंगनवाड़ी ये जानकारी पर्यवेक्षकों के साथ साझा करेगी , जिसके बाद वे उन्हें डेटाबेस सर्वर में दर्ज करेंगे। मंत्रालय के अधिकारियों सहित , विभिन्न हितधारक डेटाबेस सर्वर से जानकारी हासिल कर सकते हैं। अभी यह एप राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 27 जिलों में उपलब्ध हैं।

जहां करीब 12 लाख आंगनवाड़ी केंद्र इसकी सेवाएं ले रहे हैं। वर्ष के अंत 14 लाख केंद्रों के इसकी सेवाएं लेने और करीब 10 करोड़ लोगों के इसका लाभ लेने की उम्मीद है। डब्ल्यूसीडी के अधिकारी के अनुसार 1 करोड़ लोग इस एप से जुड़े हैं, इनमें से 92 लाख बच्चे और 12 लाख गर्मवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली महिलाएं हैं। 

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