आम चुनाव में नौ लाख तक अस्थायी नौकरियां सृजित होने की उम्मीद : उद्योग विशेषज्ञ

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वर्कइंडिया के सीईओ और सह-संस्थापक नीलेश डूंगरवाल ने कहा कि देश में आम चुनावों के दौरान विभिन्न भूमिकाओं में नौ लाख तक अस्थायी नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण 19 अप्रैल को हुआ था। चुनाव का अन्तिम चरण एक जून को संपन्न होगा। 4 जून को नतीजे घोषित होंगे।

मुंबई । उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि देश में आम चुनावों के दौरान विभिन्न भूमिकाओं में नौ लाख तक अस्थायी नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। आम चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को संपन्न हुआ था। इसमें 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान हुआ था। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण एक जून को संपन्न होगा। 

वर्कइंडिया के सीईओ और सह-संस्थापक नीलेश डूंगरवाल ने पीटीआई-से कहा, 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान देश भर में पैदा होने वाली अस्थायी नौकरियों की सही संख्या चुनाव के पैमाने, मतदान केंद्रों की संख्या और चुनाव संबंधी गतिविधियों की जरूरत जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगी। हालांकि, हम चुनावों के दौरान कम से कम नौ लाख नौकरियों की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान पैदा होने वाली अस्थायी नौकरियों में चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कई तरह की भूमिकाएं शामिल हैं। 

डूंगरवाल ने कहा कि कुछ सामान्य पदों में मतदान केंद्र अधिकारी, चुनाव क्लर्क, सुरक्षा कर्मी, डाटा एंट्री ऑपरेटर, परिवहन समन्वयक और प्रशासनिक कर्मचारी शामिल हैं। ये कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने और पूरे चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। डूंगरवाल ने कहा कि इससे पहले 2019 के आम चुनावों के दौरान कंपनी के मंच पर अकाउंटिंग (80 प्रतिशत), डाटा एंट्री (64 प्रतिशत), सुरक्षा कर्मी (86 प्रतिशत), बैक ऑफिस (70 प्रतिशत), डिलीवरी, ड्राइवर, फील्ड बिक्री एवं खुदरा (65 प्रतिशत), लेखन (67 प्रतिशत) जैसे पेशे से जुड़ी नौकरियां बढ़ीं। 

सीआईईएल के मानव संसाधन निदेशक और सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने भी इस विचार को दोहराते हुए कहा कि पिछले छह महीनों में यह अनुमान लगाया गया है कि आगामी चुनावों की तैयारी के दौरान लगभग दो लाख अस्थायी पद तैयार हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये भूमिकाएं चुनाव की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण विभिन्न क्षेत्रों जैसे आंकड़ा विश्लेषण, योजना, जनसंपर्क, बाजार सर्वेक्षण, मीडिया संबंध, सामग्री डिजाइन, सामग्री विपणन, सोशल मीडिया विपणन, एआई रणनीति और परियोजना प्रबंधन में फैली हुई हैं। 

मिश्रा ने कहा कि अगले चरण के निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान समाप्त होने तक प्रचार गतिविधियां बढ़ रही हैं, इसलिए हमें आयोजन प्रबंधन, छपाई, परिवहन, खाद्य और पेय पदार्थ, खानपान, सुरक्षा, आईटी नेटवर्क प्रबंधन और विश्लेषण के लिए गतिविधियों में भारी वृद्धि की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों के लिए अस्थायी आधार पर करीब चार लाख लोग काम पर रखे जाएंगे। चूंकि ये नौकरियां केवल चुनावों के लिए हैं, इसलिए अस्थायी रोजगार में यह उछाल मौजूदा नौकरी बाजार की गतिशीलता को प्रभावित नहीं करेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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