वेदांता ने सरकार से कहा, पिछली तिथि के कर मुद्दे सुलझाये जाएं

vedanta urges govt to resolve retrospective tax issues

खनन क्षेत्र की कंपनी वेदांता लिमिटेड ने सरकार से कहा है कि वह सुस्त पड़े तेल एवं गैस खोज क्षेत्र में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिये पिछली

नयी दिल्ली। खनन क्षेत्र की कंपनी वेदांता लिमिटेड ने सरकार से कहा है कि वह सुस्त पड़े तेल एवं गैस खोज क्षेत्र में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिये पिछली तिथि से जुड़े कर मुद्दे का जल्द समाधान करे। वेदांता ने वर्ष 2011 में केयर्न इंडिया का अधिग्रहण करने के बाद तेल कारोबार में कदम रखा। उसके के ऊपर 20,495 करोड़ रुपये का कर मांग बकाया है। यह कर मांग कर विभाग को पिछली तिथि से कर उगाही का अधिकार देने वाले कानून के तहत की गई है।

वेदांता ने ‘तेल एवं गैस की खोज और धातु एवं खनिज का खनन- राष्ट्रों की समृद्धि की कुंजी’ शीर्षक के तहत प्रकाशित टेबलॉयड में सरकार से कहा कि विदेशी निवेशकों को सहज बनाने के लिए पिछली तिथि के कर मुद्दे सुलझाये जाने चाहिए।

 

केयर्न इंडिया को 2015 में आयकर विभाग से 20495 करोड़ रुपये की कर मांग का नोटिस प्राप्त हुआ। यह कर मांग उसकी मूल कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी को 2006-07 में पूंजीगत लाभ पर विद्होल्डिंग कर की कटौती नहीं करने पर भेजा गया। इस कर मांग में 10,248 करोड़ रुपये का कर और 10,247 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है। कंपनी ने इस कर मांग को मध्यस्थता अदालत में चुनौती दी है।

 

इसमें कहा गया है कि अगले कुछ साल में भारत की तेल एवं गैस मांग दोगुनी हो जाएगी। ऐसें में सरकार को राजस्व से ऊपर उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए और उच्च स्तर की पारदर्शिता तथा प्रशासन के साथ नीतियों को आसान बनाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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