जरूरतमंदों और गरीबों के लिये प्रोत्साहन पैकेज का स्वागत, अब उद्योगों को राहत देने की मांग
उद्योग जगत संकट में फंसे उद्योग खासकर लघु एवं मझोले उद्यमों की मदद के लिये भी कुछ उपायों की उम्मीद कर रहा है जिनके पास मौजूदा हालात में नकदी प्रवाह बहुत कम है।
उद्योग जगत संकट में फंसे उद्योग खासकर लघु एवं मझोले उद्यमों की मदद के लिये भी कुछ उपायों की उम्मीद कर रहा है जिनके पास मौजूदा हालात में नकदी प्रवाह बहुत कम है। बनर्जी ने कहा, ‘‘सरकार को उन्हें जीएसटी और बिजली-पानी जैसी सुविधाओं के लिये किये जाने वाले सांविधिक भुगतान और जीएसटी से अगले तीन महीने के लिये छूट देने की जरूरत है। पर्यटन और होटल जैसे सर्वाधिक प्रभवित क्षेत्रों के लिये भी विशेष समर्थन की जरूरत है।’’ फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि कोरोना वायरस का प्रभाव व्यापक है और विभिन्न क्षेत्रों में इसके कारण बाधाएं देखी जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘फिक्की अब उद्योग के लियेवित्त मंत्री की तरफ से घोषणाओं की उम्मीद कर रहा है। देश के आर्थिक ताने-बने को बनाये रखने के लिये यह भी जरूरी है। हमें उम्मीद है कि जल्दी ही उद्योग के लिये घोषणा की जाएगी।’’ एसौचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि उद्योग जगत कंपनियों के लिये भी इसी प्रकार के उपायों की उम्मीद करता है।Finance Minister Smt. @nsitharaman will address a press conference at 1pm today in New Delhi.@nsitharamanoffc @PIB_India @DDNewslive#IndiaFightsCorona
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) March 26, 2020
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साथ ही उम्मीद है कि रिजर्व बैंक भी सकारात्मक कदम उठाएगा। डेलायॅट इंडिया की अर्थशास्त्री रूमकी मजूमदार ने कहा, ‘‘ 1.70 लाख करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से निश्चित रूप से उन जरूरतमंद लोगों को राहत मिलेगी जो कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक बाधाओं से प्रभावित हुए हैं। यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। इससे लॉकडाउन से प्रभावित लोगों के तत्काल राहत मिलेगी।’’ शिव नाडर विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख पार्थ चटर्जी ने कहा कि सरकार को संगठित क्षेत्र की मदद के लिये और कदम उठाने चाहिए। इससे अर्थव्यवस्था को संगठित बनाने में प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार कर्ज पर ब्याज दर में छूट दे सकती है और खासकर परिचालन लागत के लिये कुछ समय को कर्ज (ब्रिज लोन) उपलब्ध करा सकती है क्योंकि कई इकाइयां बंद हैं और उनके पास आय केस्रोत नहीं हैं।
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