Madhya Pradesh, Punjab and Haryana के कुछ हिस्सों में गेहूं फसल पत्ते निकलने की अवस्था में पहुंची

Wheat crop
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एमएनसीएफसी ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि दूसरी ओर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में बुवाई में देरी के कारण गेहूं की फसल अभी पेड़ से पत्ते निकलने की अवस्था तक नहीं पहुंच पाई है।

मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में गेहूं की फसल पेड़ से पत्ते निकलने की अवस्था (वेजिटेटिव स्टेज) में पहुंच गई है। महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एमएनसीएफसी) ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है। एमएनसीएफसी ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि दूसरी ओर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में बुवाई में देरी के कारण गेहूं की फसल अभी पेड़ से पत्ते निकलने की अवस्था तक नहीं पहुंच पाई है। एक गेहूँ के पौधे के जीवन चक्र को तीन मुख्य विकास चरणों में विभाजित किया जाता है जैसे कि पेड़ से पत्ते निकलने की अवस्था जिसमें पत्ते एवं तना विकसित होते हैं; दूसरी प्रजनन का चरण, और तीसरा अनाज भराव का चरण।

गेहूं की फसल आम तौर पर मार्च में दाने भरने के चरण में प्रवेश करती है और तापमान में किसी भी असामान्य वृद्धि से उपज को नुकसान हो सकता है। गेहूं मुख्य रबी फसल है, जिसकी कटाई अगले महीने के अंत से शुरू होगी। सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड 11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। सरकार ने पिछले साल की उत्पन्न हुई स्थिति से बचने के लिए गेहूं की फसल पर तापमान में वृद्धि के प्रभाव की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है जब गर्म लू के कारण उत्पादन में गिरावट आई थी। बेहतर कृषि पूर्वानुमान और सूखे के आकलन के लिए अंतरिक्ष और संबंधित प्रौद्योगिकी के उपयोग को संचालित करने के लिए कृषि मंत्रालय के तत्वावधान में एमएनसीएफसी की स्थापना की गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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