Iran-Israel Tensions के बीच Oil Imports पर होगा असर? भारत का रूसी तेल आयात दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा, हरदीप सिंह पुरी ने दिया आश्वासन

Hardeep
ANI
रेनू तिवारी । Jun 23 2025 12:34PM

दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक और उपभोक्ता भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगभग 5.1 मिलियन बैरल कच्चे तेल का अधिग्रहण किया, जिसे रिफाइनरियाँ पेट्रोल और डीज़ल जैसे उत्पादों में संसाधित करती हैं।

ईरान-इज़राइल संघर्ष का प्रभाव: भारत ने जून में रूस से तेल की खरीद में वृद्धि की है, आयात की मात्रा सऊदी अरब और इराक से संयुक्त खरीद से अधिक है, जबकि ईरान के खिलाफ़ इज़रायल के महत्वपूर्ण हमले के बाद बाजार में अस्थिरता है। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक और उपभोक्ता भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगभग 5.1 मिलियन बैरल कच्चे तेल का अधिग्रहण किया, जिसे रिफाइनरियाँ पेट्रोल और डीज़ल जैसे उत्पादों में संसाधित करती हैं।

पीटीआई की रिपोर्ट में उद्धृत वैश्विक व्यापार विश्लेषक फर्म केप्लर के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार, भारतीय रिफाइनरियां जून में 2-2.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन रूसी कच्चा तेल खरीदेंगी, जो दो वर्ष का उच्चतम स्तर होगा तथा इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत से प्राप्त कुल मात्रा से अधिक होगा।

जून से भारत ने रूसी तेल का आयात करना शुरू कर दिया है। सऊदी अरब और इराक मध्य पूर्व के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। ईरान पर इजरायल के हमले के कारण बाजार अस्थिर हो गया है। जून में प्रतिदिन 2-2.2 मिलियन बैरल रूसी तेल का आयात किया गया। वैश्विक व्यापार विश्लेषण फर्म केपलर के प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला कि यह इराक, सऊदी अरब, यूएई और कुवैत से खरीदे गए कुल आयतन से अधिक था। ये आयात पिछले दो वर्षों में सबसे अधिक थे। 

इसे भी पढ़ें: आप की अदालत: AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,

मई में, रूस से भारत का तेल आयात 1.96 मिलियन बैरल प्रतिदिन था। जून में अमेरिका से आयात बढ़कर 439,000 बीपीडी हो गया। यह पिछले महीने खरीदे गए 280,000 बीपीडी से बहुत अधिक उछाल है। केपलर के अनुसार, जून में मध्य पूर्व आयात अनुमान लगभग 2 मिलियन बीपीडी है, जो मई की खरीद से कम है।

केप्लर के रिफाइनिंग एवं मॉडलिंग के प्रमुख शोध विश्लेषक सुमित रिटोलिया ने पीटीआई-भाषा को बताया, "हालांकि आपूर्ति अभी तक अप्रभावित बनी हुई है, लेकिन जहाज़ों की गतिविधि से पता चलता है कि आने वाले दिनों में मध्य पूर्व से कच्चे तेल की ढुलाई में कमी आएगी।"

दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा आपूर्ति क्षेत्रों में बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक और चौथे सबसे बड़े गैस खरीदार भारत के पास कई हफ्तों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा आपूर्ति है और उसे कई मार्गों से आपूर्ति प्राप्त हो रही है। मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सरकार पिछले दो सप्ताह से पश्चिम एशिया में बदलती भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।’’

इसे भी पढ़ें: Nilambur Byelection Result 2025 | UDF उम्मीदवार आर्यदान शौकत ने 11000 वोटों की बढ़त हासिल, CPM को काफी निराशा

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, हम पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति में विविधता लेकर आए हैं और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से नहीं आता है।’’ होर्मुज जलडमरूमध्य पश्चिम एशिया से आने वाले तेल के लिए एक महत्वपूर्ण पारगमन मार्ग है, जिसे ईरान अपने परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के बाद बंद करने की धमकी दे रहा है। पुरी ने कहा, ‘‘हमारी तेल विपणन कंपनियों के पास कई सप्ताह के लिए आपूर्ति है तथा उन्हें कई मार्गों से ऊर्जा आपूर्ति प्राप्त होती रहेगी। हम अपने नागरिकों को ईंधन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़