महिलाओं के स्टार्टअप को आसानी से नहीं मिलते निवेशक: शोध

Women-run startups hindered by bias among male investors

महिलाओं द्वारा प्रवर्तित स्टार्टअप को अमूमन कोष जुटाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है और यह बात वैज्ञानिकों के एक शोध में सामने आयी है।

लॉस एंजिलिस। महिलाओं द्वारा प्रवर्तित स्टार्टअप को अमूमन कोष जुटाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है और यह बात वैज्ञानिकों के एक शोध में सामने आयी है। उन्होंने अपने एक अध्ययन में पाया कि अधिकतर पुरुष निवेशकों में उन कंपनियों में निवेश करने का रुख देखा गया है जो किसी और पुरुष द्वारा संचालित हैं। महिलाओं के तकनीकी स्टार्टअप की दुनिया में अपनी पहचान बनाने में इसके एक बाधक होने की संभावना है।

अमेरिका के सैन डिएगो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधार्थियों के अनुसार 90% वेंचर कैपटिलिस्ट (जोखिम के आधार पर नए कारोबार में पैसा लगाने वाले निवेशक) पुरुष हैं और इसलिए महिला उद्यमियों के लिए यह एक ‘मुर्गी और अंडे’ वाले स्थिति है। अध्ययन के अनुसार महिलाओं के स्टार्टअप को पुरुषों के स्टार्टअप की तुलना में कम वित्तपोषण मिलता है। इसके चलते कम महिला उद्यमी तकनीकी क्षेत्र में प्रवेश करती हैं और अंतत: वेंचर कैपटलिस्ट से कोष प्राप्त कर पाती हैं।

कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर माइकल इवेंस ने कहा, ‘‘महिलाओं (उद्यमी) के साथ पुरुषों के मुकाबले अलग तरह से व्यवहार किया जाता है। उनमें (स्टार्टअप में) लोग कम रुचि लेते हैं और इसके चलते उन्हें पुरुष निवेशकों से कम पैमाने पर वित्त पोषण मिलता है।’’ इस विश्लेषण तक पहुंचने के लिए शोधार्थियों ने 2010 से 2015 के आंकड़ों का अध्ययन किया। उन्होंने स्टार्टअप और निवेशकों के बीच संपर्क स्थापित करने वाली वेबसाइट एंजल लिस्ट से जुड़े 18,000 स्टार्टअप का अध्ययन कर यह निष्कर्ष दिया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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