पाक की सिंधु जल संधि संबंधी शिकायतों पर विश्व बैंक ने की सुनवाई

World Bank hearings on complaints related to Indus Water Treaty of Pak
[email protected] । May 22 2018 9:32AM

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने विश्व बैंक के समक्ष सिंधु जल संधि में भारत के कथित उल्लंघन का मामला उठाया है, जिसने संधि के तहत मैत्रीपूर्ण समाधानों के अवसर तलाशने पर चर्चा की।

वाशिंगटन। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने विश्व बैंक के समक्ष सिंधु जल संधि में भारत के कथित उल्लंघन का मामला उठाया है, जिसने संधि के तहत मैत्रीपूर्ण समाधानों के अवसर तलाशने पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू - कश्मीर में 330 मेगावाट किशनगंगा जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन करने के कुछ दिनों बाद कल इस मामले पर बैठक हुई। पाकिस्तान की आपत्ति है कि उसके देश में बहकर आने वाली नदी पर परियोजना शुरू करने से पानी की आपूर्ति बाधित होगी।  पाकिस्तान के विदेश दफ्तर ने शुक्रवार को जलविद्युत परियोजना के उद्घाटन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि दोनों देशों के बीच विवाद के निपटान के बिना इसका उद्घाटन ‘ सिंधु जल संधि 1960’ का उल्लंघन है , जिसके तहत साझा नदियों में पानी के उपयोग को नियमति किया जाता है। विश्व बैंक के प्रवक्ता ने से कहा, ‘‘सिंधु जल संधि एक बेहद महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जो भारत-पाकिस्तान को मानवीय जरूरतों को पूरा करने और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रभावी जल प्रबंधन की वर्तमान एवं भावी चुनौतियों से निपटने के लिए एक आवश्यक सहकारी ढांचा प्रदान करता है।’’ 

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बैठकों में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडलों द्वारा उठाई गई चिंताओं और संधि के तहत मैत्रीपूर्ण समाधानों के अवसर तलाशने पर चर्चा की जा रही है।’’ विश्व बैंक के अधिकारियों ने पाकिस्तानी शिकायतों की प्रकृति के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।मामले पर चर्चा आज भी जारी रहेगी।पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अटॉर्नी जनरल अश्तर औसाफ अली कर रहे हैं।इस्लामाबाद की आपत्ति है कि जलविद्युत परियोजना दोनों देशों के बीच हुई सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) में दिए मानदंड के तहत नहीं है। वहीं भारत का कहना है परियोजना संधि के मानकों के तहत ही तैयार की गई है। 

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