पॉलीमर साइंस में बीटेक करने के बाद है शानदार करियर संभावनाएं, जानें विस्तार से

polymer science
Priya Mishra । Aug 23 2021 5:57PM

विदेश ही नहीं, भारत में भी कई पॉलिमर और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज़ खुल चुकी हैं। नतीजतन, करियर विकल्प के रूप में केमिकल इंजीनियरिंग या पॉलिमर इंजीनियरिंग का महत्व कई गुना बढ़ गया है। अगर आप इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो 12वीं के बाद पॉलीमर साइंस में बीटेक कर सकते हैं।

मौजूदा तकनीकी दौर में पॉलीमर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इनमें प्लास्टिक, मोल्डेड सामग्री, सिंथेटिक फाइबर, रबर आदि शामिल हैं। ईको-फ्रेंडली और रीसाइक्लेबल प्लास्टिक के साथ इन सभी पॉलीमर प्रोडक्ट्स के उचित प्रबंधन की आवश्यकता भी समय के साथ बढ़ रही है। यह काम पॉलिमर इंजीनियर्स करते हैं। वे प्लांट डिज़ाइन, प्रोसेस डिज़ाइन और थर्मोडाइनेमिक्स के सिद्धांतों का उपयोग करते हैं। विदेश ही नहीं, भारत में भी कई पॉलिमर और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज़ खुल चुकी हैं। नतीजतन, करियर विकल्प के रूप में केमिकल इंजीनियरिंग या पॉलिमर इंजीनियरिंग का महत्व कई गुना बढ़ गया है। अगर आप इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो 12वीं के बाद पॉलीमर साइंस में बीटेक कर सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको पॉलीमर साइंस में बीटेक के बाद करियर अवसर के बारे में जानकारी देंगे- 

इसे भी पढ़ें: इन सरकारी संस्थानों में निकली है बंपर वैकेंसी,अंतिम तिथि से पहले कर दें आवेदन

पॉलिमर इंजीनियरिंग में बीटेक के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के अवसर

पॉलिमर इंजीनियरिंग में बी।टेक के बाद आप सरकारी फर्मों जैसे सेंट्रल ग्लास एंड सिरेमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, राउरकेला और सेंट्रल साल्ट एंड मरीन केमिकल्स रिसर्च इंस्टीट्यूट आदि में बतौर जूनियर रिसर्च फेलो काम कर सकते हैं। इन फेलोशिप कार्यक्रमों के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को NTA द्वारा आयोजित UGC-NET और UGC-CSIR राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता है। कुल मिलाकर कम से कम 55% अंकों के साथ एम।टेक डिग्री प्राप्त करने के बाद कोई भी नेट के लिए बैठ सकता है। जिन उम्मीदवारों ने अपनी बी।टेक डिग्री में 60% अंक प्राप्त किए हैं, वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में वैज्ञानिक या इंजीनियर के रूप में 40,000/- रुपये के मासिक वेतन के साथ काम कर सकते हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन भी वैज्ञानिक बी पद की भूमिका में पॉलिमर इंजीनियरिंग स्नातकों की भर्ती करता है। इनके अलावा सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ब्रह्मपुत्र क्रैकर एंड पॉलिमर लिमिटेड (बीसीपीएल) जैसे संगठन भी पॉलिमर इंजीनियरिंग में बी।टेक स्नातकों को नियुक्त करते हैं। इनके अलावा स्नातक डिग्री धारक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, ऑयल इंडिया लेबोरेटरीज, पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग प्लांट्स और ऑयल एंड नेचुरल गैस कमीशन (ओएनजीसी) आदि विभागों में भी रोजगार पा सकते हैं। उम्मीदवार विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों में लेक्चरर पद का विकल्प भी चुन सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: इन 5 वेबसाइटों से पाएं बेहतरीन फ्रीलांसिंग जॉब्स

पॉलिमर इंजीनियरिंग में बीटेक के बाद निजी क्षेत्र के अवसर

जर्मन आधारित कंपनी विंडमोलर एंड होल्शर, अक्सर अपने मैकेनिकल इंजीनियरिंग अनुभाग में संचालन करने के लिए पॉलिमर इंजीनियरों की भर्ती करती है। 7 से 8 साल के कार्य अनुभव वाले लोग एलाइड सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में सेल्स/बिजनेस डेवलपमेंट सेक्शन में जा सकते हैं। यहाँ आप 35,000/- से रु। 50,000/- प्रति माह तक की सैलरी पा सकते हैं। अपोलो टायर्स लिमिटेड, सिएट लिमिटेड आदि जैसी टायर कंपनियों को भी पॉलिमर इंजीनियर्स की जरूरत है। पॉलीमर इंजीनियरिंग में स्नातकों के लिए क्वालिटी इंजीनियर, प्रोडक्शन इंजीनियर्स/टेक्नोलॉजिस्ट, पॉलीमर स्पेशलिस्ट आदि सामान्य जॉब प्रोफाइल हैं।

- प्रिया मिश्रा

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़