न्यूट्रिशन और डाइटेटिक्स के क्षेत्र में हैं कॅरियर की अपार संभावनाएं

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आज के समय में मेडिकल की दुनिया सिर्फ दवाई और डायग्नोसिस तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि आहार-सेहत इसके महत्वपूर्ण फैक्टर हो गए हैं। हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री में पोषण और आहार के क्षेत्र में बतौर डाइटिशियन कॅरियर बनाना अब लोगों को काफी फायदेमंद लगने लगा है।

आज के समय में विभिन्न प्रकार के कॅरियर ऑप्शन उभर रहे हैं, और इन पर तमाम युवा विश्वास भी जता रहे हैं।

इन्हीं में से एक है न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स!

क्योंकि हेल्थ को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है, और हेल्थ की जब भी बात आती है, तो खानपान और पोषण से संबंधित जानकारियों की अहमियत बढ़ जाती है। चूंकि आज के समय में कोरोना चल रहा है, और कोरोना पीरियड में वर्क फ्रॉम होम कल्चर जबरदस्त ढंग से बढ़ा है। ऐसी स्थिति में घर बैठे लोगों को आहार और पोषण संबंधित जानकारियां सटीकता से दे पाए, इस प्रकार के कॅरियर ऑप्शन का उभरना स्वाभाविक ही है।

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आज के समय में मेडिकल की दुनिया सिर्फ दवाई और डायग्नोसिस तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि आहार-सेहत इसके महत्वपूर्ण फैक्टर हो गए हैं। हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री में पोषण और आहार के क्षेत्र में बतौर डाइटिशियन कॅरियर बनाना अब लोगों को काफी फायदेमंद लगने लगा है।

बता दें कि अगर आप भी इस फील्ड में कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो खाद्य पदार्थों की बारीक जानकारी, उसकी एनालिसिस कर पाना, उसके स्केल को समझना और मेडिकल रिसर्च जानना ज़रूरी हो जाता है। इससे खुद को अपडेट रखना उतना ही जरूरी है, जितना किसी अन्य पेशे में लोग उसकी बारीकियों को ध्यान रखते हैं। कोविड-19 में पोषण विशेषज्ञ और आहार विशेषज्ञों की मांग जबरदस्त ढंग से बढ़ी है।

हर कोई अपनी इम्युनिटी ठीक रखना चाहता है, फिट रहना चाहता है, और ऐसे में डाइटिशियन की डिमांड निश्चित रूप से बढ़ जाती है।

डाइटिशियन न्यूट्रिशनिस्ट की मांग इन दिनों सबसे ज्यादा है। पहले के समय में न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स एक्सपर्ट, कंज्यूमर प्रोडक्ट कंपनियों में ही रहते थे, किंतु अब रोजमर्रा की सेहत से संबंधित प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां भी इनका उपयोग कर रही हैं। एफएमसीजी की कोलगेट, बोर्नविटा, हेल्थ ड्रिंक्स इत्यादि कंपनियां भी इस तरह के विशेषज्ञों को अपने पास रख रही हैं। होटल इंडस्ट्री में भी बड़े-बड़े होटल इस फील्ड के एक्सपर्ट को काम पर रखती ही हैं।

यहां तक कि गवर्नमेंट स्तर पर भी डाइटिशियन सरकारी हॉस्पिटल में भी नजर आने लगे हैं। बल्कि स्कूल, कैफेटेरिया और अन्य कंपनियां भी इस तरह की नियुक्तियों पर काम करने लगी हैं।

इसके अलावा एथलीट, स्पोर्ट में तो यह बिल्कुल जुड़ा हुआ क्षेत्र है। मतलब कि अगर आप कोई खिलाड़ी हैं, या खिलाड़ियों से जुड़े संस्थानों से संबंध रखते हैं, तो आपको इस तरह के न्यूट्रिशन और डाइटेटिक्स सर्विसेज लेनी ही होगी।

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इसके अलावा कैरियर ऑप्शन की बात करें तो स्पीकिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट में अपार संभावनाओं से जुड़ा हुआ यह क्षेत्र काफी महत्त्व का हो गया है।

अगर योग्यता की बात करें तो होम साइंस या फिर साइंस से अगर आपने प्लस टू किया हुआ है, तो उसके बाद बैचलर डिग्री, फिर मास्टर डिग्री अथवा डिप्लोमा कोर्स करके इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं। 1 साल का डिप्लोमा कोर्स करने के लिए आपको फूड साइंस में या फिर बायोटेक्नोलॉजी अथवा होम साइंस में बैचलर डिग्री रखना जरूरी है।

डाइटेटिक्स को एक साइंस माना जाता है, और इसमें खानपान इंडस्ट्री को बारीकी से समझना होता है। इसके लिए आपको पीजी डिप्लोमा इन क्लिनिकल न्यूट्रिशन, पीजी डिप्लोमा इन डाइटेटिक्स एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन, बीएससी इन न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स, एमएससी फूड एंड न्यूट्रिशन साइंस इत्यादि कोर्स कर सकते हैं।

कई लोग तो एमएससी फूड एंड न्यूट्रिशन साइंस अथवा न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री लेकर एमबीए इत्यादि भी करते हैं और इस फील्ड में चूंकि हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री हमेशा ही इस तरह के कॅरियर ऑप्शन अपने साथ जोड़े रखती हैं और उसका वेलकम करती है, तो आपके सामने अवसरों की कमी नहीं होने वाली है।

अगर पद की बात की जाए तो क्लीनिकल डाइटिशियन, कम्युनिटी डाइटेटिक्स मैनेजमेंट, डाइटिशियन कंसलटेंट, डाइटिशियन फूड एनालिस्ट इत्यादि तमाम पद हैं, जो आपको शुरुआती स्तर पर भी 15000 के आसपास सैलरी दिला सकते हैं।

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ना केवल देश में आप होटल, शिपिंग क्रूज इत्यादि कंपनियों में काम कर सकते हैं, बल्कि विदेशों में भी आपके सामने तमाम आप्शन उपलब्ध हैं। हालांकि ट्रेडिशनल कोर्सेज के मुकाबले इसमें आप्शन जरूर कम आते हैं, लेकिन अगर आपने मन से कोर्स किया है, और इस फील्ड की संभावनाओं से अपडेट हैं तो आप निश्चित ही बेरोजगार नहीं रहेंगे।

अगर कुछ इंस्टिट्यूट की बात की जाए तो मेडिकल इंस्टीट्यूट आफ न्यूट्रिशन हैदराबाद, दिल्ली है, तो इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूट आफ होम इकोनॉमिक्स सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर, पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पंजाब व इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी इत्यादि स्थानों से संबंधित कोर्स कराया जाता है।

- मिथिलेश कुमार सिंह

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