छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही ''पेपर लीक'' सरकार

''Paper leaks'' government messing with students'' future
मनोज झा । Mar 30 2018 10:00AM

बुधवार को सीबीएसई बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में गणित का पेपर खत्म होने के बाद लाखों छात्र राहत की सांस ले रहे थे...लेकिन अचानक उनकी नींद उड़ गई। सीबीएसई ने कहा कि दसवीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र की दोबारा परीक्षा होगी।

बुधवार को सीबीएसई बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में गणित का पेपर खत्म होने के बाद लाखों छात्र राहत की सांस ले रहे थे...लेकिन अचानक उनकी नींद उड़ गई। सीबीएसई बोर्ड ने बयान जारी कर कहा कि दसवीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र की दोबारा परीक्षा होगी। सीबीएसई का जब ये फैसला आया उस समय कई छात्र घर भी नहीं लौटे थे...जरा सोचिए क्या बीत रही होगी उन लाखों छात्रों पर... एक झटके में उनकी एक साल की मेहनत बेकार चली गई जिसमें उनका कोई दोष नहीं। 

हैरानी की बात तो ये है कि जब परीक्षा से पहले सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर लीक के दावे किए गए तब सीबीएसई बोर्ड ने उसे सिरे से खारिज कर दिया...लेकिन शाम होते-होते उसे पता चल गया कि दाल में काला है और फिर उसने परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया। सीबीएसई बोर्ड ने कहा है कि दोनों विषयों की परीक्षा की तारीख जल्द ही घोषित कर दी जाएगी। अगर बात दसवीं बोर्ड की करें तो इस साल 16 लाख, 38 हजार, 428 छात्रों ने परीक्षा दी थी। जब मामला 16 लाख से ज्यादा छात्रों से जुड़ा हो तो फिर सरकार की नींद तो उड़नी ही थी...लिहाजा मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर घटना पर सरकार की चिंता जाहिर कर दी। प्रकाश जावड़ेकर की मानें तो सरकार आगे से ऐसी व्यवस्था करेगी ताकि पेपर लीक का मामला दोबारा ना हो।

लेकिन क्या सरकार के कह देने से पेपर लीक की घटनाओं पर रोक लग जाएगी...अभी ज्यादा दिन नहीं हुए... एसएससी पेपर लीक कांड को लेकर देश में किस तरह बवाल मचा था इसे सभी ने देखा था...देश के अलग-अलग शहरों के छात्र इंसाफ की मांग को लेकर दिल्ली में धरने पर बैठे थे। छात्रों का गुस्सा तब शांत हुआ जब सरकार ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए। सवाल उठता है कि आखिर देश में ये सिलसिला कब तक चलता रहेगा...कब तक छात्रों की भविष्य से खिलवाड़ होता रहेगा...कभी एसएससी का पेपर लीक हो जाता है तो कभी रेलवे का....कभी सीबीएसई बोर्ड का तो कभी एमबीबीएस का पर्चा लीक हो जाता है। 

अगर पुरानी घटनाओं को देखें तो पेपर लीक के पीछे एक संगठित गैंग काम करता है...और उनकी पैठ उन अफसरों तक होती है जिनके हाथों में परीक्षा के संचालन का जिम्मा होता है। अब एसएससी पेपर लीक कांड को ही लीजिए...बुधवार को दिल्ली पुलिस और यूपी एसटीएफ की टीम ने जब इस सिलसिले में दिल्ली के तिमारपुर से 4 लोगों को दबोचा तो उनके पास से 51 लाख रुपये कैश मिले। आरोपियों के पास से लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन और पेपर लीक से जुड़े अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए...अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं इनका नेटवर्क कितना बड़ा होगा। अभी कुछ दिनों पहले जब मेरठ के चौधऱी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में हुए एमबीबीएस पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ ने जांच शुरु की तो उसमें मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर और कई कर्मचारियों के नाम सामने आए। साफ है बिना अधिकारियों की मिलीभगत के पेपर लीक करना आसान नहीं। 

वैसे सीबीएसई बोर्ड की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआऱ तो दर्ज कर ली है...हो सकता है अगले 24 घंटे में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो जाए...लेकिन इससे उन छात्रों को क्या हासिल होगा? एक साल तक दिन-रात मेहनत कर परीक्षा की तैयारी करने के बाद अब उन्हें फिर से परीक्षा के लिए तैयार रहना होगा। इस बार बोर्ड परीक्षा शुरु होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम में छात्रों के साथ संवाद किया था...प्रधानमंत्री ने जहां छात्रों को जरूरी टिप्स दिए थे वहीं उनसे तनाव मुक्त रहने को कहा था। लेकिन अब पेपर लीक कांड के बाद छात्र पहले से कहीं ज्यादा तनाव में हैं..और इसके लिए कोई और नहीं हमारा सिस्टम जिम्मेदार है। बच्चे देश का भविष्य होते हैं, लेकिन अगर उनके भविष्य से खिलवाड़ होने लगे तो फिर समझ लीजिए हम किस दिशा में जा रहे हैं। वैसे बार-बार पेपर लीक की घटनाओं पर प्रधानमंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से नाराजगी तो जाहिर कर दी है लेकिन जब तक इसमें शामिल बड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं होती तब तक ये सिलसिला चलता रहेगा।

मनोज झा

(लेखक एक टीवी चैनल में वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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