2019 की हार के बावजूद अमेठी का मैदान छोड़ने के मूड़ में नहीं दिख रहे हैं राहुल गांधी

Rahul Gandhi
ANI
अजय कुमार । Feb 21 2024 12:55PM

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने अमेठी से गांधी परिवार के करीबी रिश्ते को लेकर सोनिया गांधी के 26 साल पहले दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी भी अमेठी से दिल का करीबी रिश्ता होने की बात को आज दोहरा रहे हैं।

कांग्रेस नेत्री और गांधी परिवार की बेटी प्रियंका वाड्रा गाँधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने की चर्चा पर कांग्रेस आलाकमान भले ही चुप्पी साधे हुए है, लेकिन राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने काफी कुछ साफ कर दिया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा जब अमेठी पहुंची तो लगे हाथ कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने का संकेत देकर गाँधी परिवार की अमेठी-रायबरेली वाली सियासत को फिर जिंदा कर दिया है। यह दोनों वह संसदीय क्षेत्र हैं जिसका गांधी परिवार से काफी लगाव रहा है। जब कांग्रेस पूरे उत्तर प्रदेश में उखड़ गई तब भी अमेठी रायबरेली में उसकी जड़ें जमी रही थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जरूर अमेठी से गाँधी परिवार का सफाया हो गया था लेकिन यहां कांग्रेस अभी खत्म नहीं हुई है। गांधी परिवार भावनात्मक रूप से अपने आप को अमेठी से जोड़कर बड़ा उलटफेर करने की ताकत रखता है। खरगे ने राहुल गांधी की अमेठी से लोकसभा उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा नहीं की मगर अमेठी की जनता से यह जरूर कह दिया कि राहुल गांधी कल भी आपके साथ थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे। इससे पूर्व सोनिया गांधी ने भी रायबरेली की जनता को लिखे भावनात्मक पत्र में अमेठी का जिक्र करके इसे गांधी परिवार के करीब बताया था।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने अमेठी से गांधी परिवार के करीबी रिश्ते को लेकर सोनिया गांधी के 26 साल पहले दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी भी अमेठी से दिल का करीबी रिश्ता होने की बात को आज दोहरा रहे हैं। राहुल के अमेठी से चुनाव लड़ने के इरादों का साफ संदेश देते हुए खरगे ने इस संसदीय क्षेत्र की जनता से यह कहने से भी गुरेज नहीं किया कि भले ही क्षेत्र को कोई सांसद मिल सकता है, मगर राहुल गांधी जैसा इंसान उन्हें कहां मिलेगा। मगर इससे इत्तर अमेठी से चुनाव लड़ना गांधी परिवार के लिये अब आसान नहीं रह गया है। पिछले पांच वर्षों में अमेठी काफी बदल गया है। अमेठी की मौजूदा सांसद और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी अमेठी की जनता के दिलों में अपनी जगह बना ली है। खास बात यह रही कि मल्लिकार्जुन खरगे भारत जोड़ो न्याय यात्रा के क्रम में जब अमेठी पहुंचे तो राहुल गांधी की मौजूदगी में वहां हुई एक जनसभा में अमेठी के रास्ते उत्तर प्रदेश के मैदान में कांग्रेस के डटे रहने का एलान किया गया। अमेठी वासियों के साथ गांधी परिवार के निकट रिश्तों का जिक्र करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने एक शायरी की पंक्तियों- ‘अगर तलाश करे कोई मिल ही जाएगा, मगर तुम्हारी तरह कौन हमको चाहेगा’, के द्वारा राहुल के अमेठी के चुनावी रण में ताल ठोंकने की घोषणा की।

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खरगे ने यह भी कहा कि अमेठी को भले ही कोई सांसद मिल जाए मगर राहुल जैसा सहज और सहृदयी इंसान कहां मिल पाएगा। शायरी की इन पंक्तियों के बाद खरगे ने कहा कि अमेठी के लोग भी यही बोलते हैं और राहुल गांधी को चाहते हैं। राहुल गांधी ने चुनाव लड़ने को लेकर भले ही सीधे कोई टीका-टिप्पणी नहीं की लेकिन अमेठी और यहां के लोगों के साथ गहरे प्यार और जुड़ाव का इजहार करते हुए सदैव उनका आभारी रहने की बात कह पुराने रिश्ते की डोर को आगे बढ़ाते रहने का संदेश दिया। अमेठी से रिश्ते की बुनियाद नई नहीं बल्कि दशकों पुरानी है।

खैर, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि राहुल गांधी और उससे पहले सोनिया गांधी के रिश्ते की बुनियाद अमेठी से नई नहीं बल्कि दशकों पुरानी है। इसका संदेश देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष ने राजनीति में आने के बाद 1998 में पहली बार अमेठी आयी सोनिया गांधी के पूरे बयान को पढ़ा। इसमें सोनिया ने कहा था- ‘मेरे मन में अमेठी के लोगों के प्रति अटूट प्रेम और आदर है। अमेठी मेरे पति की कर्मभूमि थी। उनके दिल में अमेठी के भाई-बहनों के लिए कितना प्यार और समर्पण था मैंने इसे गहराई से महसूस किया है। आपने हर हालात में हमारा साथ दिया है। ये बात हम कभी भूल नहीं सकते। खरगे ने कहा कि सोनिया गांधी की यही बात फिर राहुल गांधी ने दोहराई है। आपके साथ उनका गहरा संबंध और प्रेम है। कांग्रेस अध्यक्ष के इस बेलाग बयान का सार स्पष्ट है कि वर्तमान में केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी 2019 की पराजय के बावजूद अमेठी का चुनावी रण नहीं छोड़ेंगे।

   

बहरहाल, जल्द ही अमेठी और रायबरेली को लेकर कांग्रेस निर्णय ले लेगी, मगर सवाल यह भी है कि यदि सपा-कांग्रेस में गठबंधन नहीं भी होता है तो क्या समाजवादी पार्टी रायबरेली और अमेठी में गांधी परिवार को पहले की तरह वॉकओवर दे सकती है। सपा कई बार गांधी परिवार के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारने का कारमाना कर चुकी है।

-अजय कुमार

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