भारत को युद्ध की धमकी देने वाला पाकिस्तान खुद गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा है

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पाकिस्तान की सनक गई नहीं है। पाकिस्तान की सरकार की विफलता से हालात इस कदर बिगड़ रहे हैं कि सेना सत्ता पाने की फिराक में है। सरकार को हटाकर सेना कब सत्ता पर काबिज हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

पाकिस्तान की हालत उस सींकिया पहलवान जैसी हो गई है जो अपने से मजबूत कई गुना पहलवान को कोस रहा है, ताकतवर पहलवान इसलिए सुन रहा है कि सींकिया पहलवान के शरीर में कहीं मारने की जगह ही नहीं है। वह पहले से ही कुपोषण का शिकार है। यदि गलती से कहीं मार दिया तो मर जाएगा, केवल इसी डर से उसकी तमाम बकवास और धमकियां सुन रहा है। जम्मू−कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बुरी तरह बौखलाया हुआ है। उसकी हालत सांप−छछूंदर जैसी हो गई है। जिसे न उगला जा सकता है और न ही निगला।

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कारण साफ है। पाकिस्तान नकारात्मकता के धरातल पर खड़ा है। पाकिस्तान का जन्म ही भारत के विरोध में हुआ था, आज भी वही हालत है। पाकिस्तान के सभी दलों की राजनीति ही भारत विरोध के कारण चलती है। पाकिस्तान बदहाली के दौर से गुजरते हुए लगभग भिखारी की अवस्था में पहुंचता जा रहा है, इसकी चिंता हुक्मरानों को नहीं है। उन्हें सिर्फ सोते−जागते हुए कश्मीर नजर आता है। बावजूद इसके कि पाकिस्तान यह भी अच्छी तरह से समझता है कि तीन युद्धों में करारी शिकस्त खा चुकने के बाद वह एक इंच जमीन भी नहीं ले सकता, किन्तु फिर भी खिसियाने की हालत में है।

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कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की सरकार की हालत किस दीवनागी की हद तक जा चुकी है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने अवाम से जुम्मे की नवाज के बाद आधे घंटे तक विरोध की अपील की है। इस निर्णय पर सोशल मीडिया में इमरान की खूब खिल्ली उड़ाई जा रही है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर इस तरह की बचकाना हरकत से क्या हासिल हो जाएगा। आधे घंटे तक लोग क्या करेंगे। हालात यह है कि अवाम को अभी तक यही पता नहीं है कि आखिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि इमरान ने यह निर्णय किया है। अवाम को समझ ही नहीं आ रहा है कि आखिर हो क्या रहा है। क्योंकि कश्मीर में एक भी व्यक्ति के मरने की खबर नहीं है। जिससे पाक सरकार यह कह कर अवाम को भड़का सके कि उनके भाइयों के साथ हिंसा हो रही है।

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अनुच्छेद 370 का क्या मसला है, यह पाक अवाम के पल्ले नहीं पड़ रहा है। इसके बावजूद इमरान खान और उसके मंत्री इस मुद्दे पर परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं। यह भी कोरी गीदड़ भभकी से अधिक कुछ नहीं है। पाकिस्तान की सरकार अच्छी तरह जानती है कि यदि ऐसी कोई गलती की गई तो पाकिस्तान दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा। कश्मीर के मुद्दे पर विश्व के देशों से समर्थन की उम्मीद पर पहले ही पानी फिर चुका है। पाकिस्तान आतंकवाद का घर है। यहां आतंकियों की खेप तैयार की जाती है। सरकार भी सेना और आतंकी संगठनों के बूते ही चलती है। यह बात पूरा विश्व अच्छी तरह जानता है। विश्व के ज्यादातर देशों में पाकिस्तान की साख इतनी खराब हो चुकी है कि पाक नागरिकों को आसान से वीजा तक नहीं मिलता। सभी देश पाकिस्तान से आने वाले नागरिकों को संदिग्ध नजरिए से देखते हैं।

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विश्व के कई देशों में हुए आतंकी हमलों में पाक नागरिक शामिल रहे हैं। आतंकवाद के चलते ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला जा चुका है। उस पर आर्थिक पाबंदी लगाई गई है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। डीजल−पेट्रोल सहित अन्य खाद्य सामग्रियों के दाम आसमान पर पहुंच चुके हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय का लाखों का बिजली का बिल बकाया चल रहा है। पूरी अवाम त्राहिमाम कर रही है और हुक्मरान कश्मीर राग अलापे जा रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों के कारण गृहयुद्ध की तरफ बढ़ रहा है। खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है। ईर्ष्या की आग में लगातार जल रहा है। पाकिस्तान हर मोर्चे पर विफल साबित हुआ है।

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इसके बावजूद सनक गई नहीं है। पाकिस्तान की सरकार की विफलता से हालात इस कदर बिगड़ रहे हैं कि सेना सत्ता पाने की फिराक में है। सरकार को हटाकर सेना कब सत्ता पर काबिज हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। पाकिस्तान अपने पुराने इतिहास को दोहराने के कगार पर पहुंचता दिखाई दे रहा है, जहां सेनाध्यक्षों ने सरकार को बर्खास्त कर सत्ता की बागडोर अपने हाथों में ले ली थी। पाकिस्तान का लोकतंत्र लगंड़ा तो पहले ही था, अब पूर्ण अपंगता की तरफ बढ़ रहा है।

कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्रसंघ में उठाने की धमकी से भी पाकिस्तान को कुछ हासिल होने वाला नहीं है। किसी भी देश ने उसका समर्थन नहीं किया है। पाकिस्तान ने भारत को डराने के प्रयास के लिए गजनवी मिसाइल टेस्ट किया है। यह जानते हुए भी कि भारत के पास पहले से ही हजारों किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें मौजूद हैं। मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करने की उपलब्धि भारत पहले ही हासिल कर चुका है। यह मिसाइल टेस्ट पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अंधे कुए में धकेलने का काम करेगी। इस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि देश में आम अवाम भूखे मरने की हालत में है और पाकिस्तान मिसाइलों पर रुपए उड़ा रहा है। इससे लगता यही है कि पाकिस्तान के हुक्मरान मतिभ्रम का शिकार हो गए हैं। घरेलू सच्चाई से भागकर झूठ का पर्दा डाले हुए हैं। पाकिस्तान की सरकार विकास के हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है। इस सच्चाई से अवाम को बहकाने के लिए कश्मीर का राग अलापा जा रहा है। यह निश्चित है कि पाकिस्तान जिस तरफ बढ़ रहा है, वहां से कश्मीर की तो एक इंच जमीन भी नहीं मिलेगी पर खुद तबाही के कगार पर जरूर पहुंच जाएगा।

-योगेन्द्र योगी

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