अंडरवर्ल्ड भाजपा विधायकों के पीछे क्यों पड़ गया?
उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायकों को रंगदारी के लिये मिल रही धमकी ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है, विपक्ष इसे योगी सरकार की नाकामयाबी बता रहा है तो सत्तारूढ़ दल बीजेपी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर रंगदारी के लिये और किसी पार्टी के विधायक के पास मैसेज या फोन क्यों नहीं आया।
उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायकों को रंगदारी के लिये मिल रही धमकी ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है, विपक्ष इसे योगी सरकार की नाकामयाबी बता रहा है तो सत्तारूढ़ दल बीजेपी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर रंगदारी के लिये और किसी पार्टी के विधायक के पास मैसेज या फोन क्यों नहीं आया। वहीं पुलिस को शक है कि उसका ध्यान भटकाने के लिये यह सब किया जा रहा है और इसकी आड़ में चुनावी साल में प्रदेश का माहौल खराब किया जा सकता है। हिन्दू−मुसलमानों के बीच दीवार खड़ी की जा सकती है। जिसका फायदा कुछ सियादी दल उठा सकते हैं। पुलिस इस तरह के कृत्य को किसी बड़ी आतंकी वारदात की साजिश के रूप में भी देख रही है। खुफिया एजेंसियों को लगता है कि यह सब ध्यान भटकाने की साजिश भी हो सकती है। इसलिये इस प्रकरण में प्रदेश के पुलिस व खुफिया तंत्र का इस्तेमाल करने के अलावा केंद्र सरकार की एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। ऐसे में जाहिर है पुलिस का ध्यान इस मामले पर केंद्रित हो गया है।
उक्त प्रकरण में अंतरराष्ट्रीय कॉल किए जाने के कारण एटीएस की भूमिका अहम हो जाती है। इससे पहले एटीएस ने अवैध सिम बॉक्स के जरिए अंतरराष्ट्रीय फोन कॉल कराने वाले गिरोहों का पर्दाफाश किया था। मैसेज भेजने वाले ने परिवार की सलामती का हवाला देकर विधायकों से दस लाख रुपये रंगदारी मांगी है।
बहरहाल, एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की सख्ती के चलते राज्य के गुंडे−माफियाओं का मनोबल गिरा हुआ है, गुंडे−माफिया मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं तो दूसरी ओर डर के मारे कई खूंखार अपराधी अपनी जमानत रद्द करा कर जेल की सलाखों के पीछे चले गये हैं या फिर प्रदेश की सीमा से बाहर हो गये हैं। जिसके चलते आम जनता भले ही राहत महसूस कर रही हो, लेकिन जनता के नुमांइदों (विधायकों) के पास आई एक फोन कॉल ने इनके होश उड़ा दिये हैं। यूपी के करीब दो दर्जन विधायकों के पास अलग−अलग समय पर अंडरवर्ल्ड से दस−दस लाख की रंगदारी मांगने का फोन (मैसेज) आया है। रंगदारी मांगने का फोन आने के बाद विधायक डरे−सहमे हुए हैं क्योंकि यह फोन न तो मजाक है न ही किसी छोटे−मोटे गुंडे द्वारा दी जा रही धमकी तक सीमित है। रंगदारी मांगने का फोन दुबई से आया है और इसका कनेक्शन इंडिया के मोस्ट वांटेड दाउद इब्राहिम से जुड़ा है। रंगदारी मांगने वाला दाऊद का खास गुर्गा है। विधायकों को अली बुदेश नाम के इस गुर्गे द्वारा धमकी दी आ रही है, सभी विधायकों से 10−10 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई है। यूपी पुलिस के सूत्र बताते हैं कि जिस नंबर से धमकी भरे मैसेज आ रहे हैं, वह अमेरिका के टेक्सास का है। आईडी ट्रेस करने से पता चला है कि इसमें डॉन दाऊद इब्राहिम के एक साथी अली बुदेश का नाम है। वहीं इंटरनेट प्रोटोकॉल अड्रेस (आईपी अड्रेस) पाकिस्तान का आ रहा है।
खास बात यह है कि जिन विधायकों को मैसेज आ रहे हैं, वह सभी बीजेपी के हैं, इसको लेकर भी अफवाहों का बाजार गरम है। पुलिस धमकी भरे मैसेज के पीछे का स्थानीय कनेक्शन भी तलाश रही है। बताया जाता है कि अली बुदेश गल्फ देशों में सक्रिय है, लेकिन पिछले कई वर्षों से भारत में उसकी किसी भी मामले में कोई आपराधिक सक्रियता नहीं देखी गई है। अली बुदेश की मां मुंबई और पिता बहरीन के रहने वाले हैं। उनका वहीं पर बिजनेस है। बुदेश ने रंगदारी मांगने की खबरों से इंकार करते हुए कहा है कि उसका दाउद इब्राहिम से कोई नाता नहीं है, वह फर्जी तरीके से मेरे नाम से विधायकों को धमकी दे रहा है। पुलिस और साइबर सेल के हाथ इस मामले में कुछ अहम सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर तेजी से जांच की जा रही है। साइबर सेल इस मामले की जांच कर रही है। जिन विधायकों को धमकी दी गई है वह सब के सब भारतीय जनता पार्टी से चुने गये विधायक हैं। रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। अभी तक बीजेपी के करीब 25 विधायकों के पास व्हाट्सऐप के जरिए 10−10 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई है।
कसया से विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी और डिबाई से अनीता राजपूत ने इस मामले में केस दर्ज कराया है। बीजेपी विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज कराया है। इससे पहले लखनऊ, सीतापुर, बुलंदशहर और शाहजहांपुर सहित कई जिलों से बीजेपी विधायकों को ऐसे धमकी भरे मैसेज मिले हैं। दुबई के नंबर से मैसेज भेजने वाले ने अपना नाम अली बुदेश भाई लिखा है। पुलिस ने सभी विधायकों की सुरक्षा बढ़ा दी है। जिन विधायकों को धमकी मिली है उसमें शशांक त्रिवेदी− मोहाली, सीतापुर, डॉ. अनीता लोधी राजपूत− डिबाई, बुलंदशहर, लोकेंद्र प्रताप सिंह− मोहम्मदी, लखीमपुरखीरी, वीर विक्रम सिंह− कटरा, शाहजहांपुर, विनय द्विवेदी− मेहनौन, गोंडा, प्रेम नारायण पांडेय− तरबगंज, गोंडा, विनोद कटियार− भोगनीपुर, कानपुर देहात, श्याम बिहारी लाल− बरेली, मानवेंद्र सिंह− दादरौल, शाहजहांपुर, रजनीकांत मणि त्रिपाठी− कसया, कुशीनगर आदि के नाम शामिल हैं।
लखनऊ (पश्चिम) के सुरेश श्रीवास्तव, सरेनी के धीरेंद्र बहादुर सिंह, तिंदवारी के बृजेश कुमार प्रजापति, कालपी के नरेंद्र पाल सिंह जादौन, कुशीनगर के रजनीकांत मणि त्रिपाठी, गोपामऊ के श्याम प्रकाश, कुर्सी के साकेंद्र वर्मा, अलीगंज (एटा) के सतपाल राठौर, बालामऊ के रामपाल वर्मा, बदायूं के आरके वर्मा, माधोगढ़ के मूल चंद्र निरंजन, इटवा के सतीश द्विवेदी, ददरौल के मानवेंद्र सिंह और रामपुर के पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना ने भी रंगदारी के लिये धमकी भरा मैसेज मिलने की शिकायत पुलिस से की है।
पुलिस ने भी 25 विधायकों को ऐसे मैसेज मिलने की पुष्टि की है। बुलंदशहर की डिबाई सीट से बीजेपी विधायक डॉ. अनीता लोधी राजपूत से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन पर बात भी की थी। उन्होंने उनसे चिंता नहीं करने को कहा था। अनीता राजपूत ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम में केस दर्ज कराया है। सीएम योगी ने एटीएस व एसटीएफ को मामले का जल्द खुलासा करने का निर्देश दिया है। डीजीपी ओ0पी0 सिंह ने आईजी एसटीएफ अमिताभ यश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की है, आईजी एसटीएफ ने बताया कि राजस्थान, दिल्ली व अन्य प्रदेशों में भी इस तरह के धमकी भरे मैसेज आए हैं।
डीआईजी कानून एवं व्यवस्था प्रवीण कुमार ने इस संबंध में कहा कि विधायकों को धमकी दिए जाने के मामले में डीजीपी की तरफ से सभी जिलों को एडवाइजरी जारी की गई है। कप्तानों से कहा गया है कि वे लगातार अपने जिले के विधायकों के संपर्क में रहें। उनकी सुरक्षा से जुड़ी जरूरतों पर नजर रखें। विधायकों की शिकायत और सूचना को गंभीरता से लेने को कहा गया है। वहीं, हरदोई के गोपामऊ के विधायक श्याम प्रकाश ने सीएम को पत्र लिखकर एसपी की शिकायत की है कि एसपी विपिन कुमार मिश्र को जब उन्होंने फोन करके परिवार की सुरक्षा के लिए सम्पर्क किया तो उन्होंने मामले को गंभीर न मानते हुए वॉटस ऐप नंबर ब्लॉक करने को कहा और फोन काट दिया।
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा विधायकों को वॉट्सएप मैसेज भेजकर धमकी दिए जाने के मामले को संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) से इस प्रकरण के सभी तयों की जानकारी ली और निर्देश दिए कि तत्काल एटीएस और एसटीएफ के माध्यम से मामले की जांच की जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अमल करते हुए पुलिस ने एसआईटी गठित कर दी है। आईजी एसटीएफ के नेतृत्व में यह टीम काम करेगी और एसएसपी एटीएस जोगिन्दर सिंह और साइबर क्राइम विशेषज्ञ के तौर पर एसटीएफ में तैनात एएसपी त्रिवेणी को लगाया गया है।
-अजय कुमार
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