Smriti Mandhana ने मुश्किल वक्त में मानसिक मजबूती पर खोला दिल, बोलीं “क्रिकेट ही मेरी सबसे बड़ी ताकत”

शादी टूटने के बाद आई अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि क्रिकेट के प्रति उनका प्यार कभी कम नहीं होता और यही खेल उन्हें आगे बढ़ने की ताकत देता है। उन्होंने बताया कि बैकग्राउंड में किया गया शांत मेहनत और तैयारी ही उनके आत्मविश्वास की असली कुंजी है। भारत की पहली महिला ODI विश्व कप जीत को याद करते हुए वह भावुक हो उठीं और इसे अपने करियर का सबसे गर्व का पल बताया। साथ ही उन्होंने लोगों से अपने परिवार की निजता का सम्मान करने की अपील भी की।
स्मृति मंधाना हाल ही में पहली बार मीडिया के सामने आईं, जब उनकी शादी संगीतकार पलाश मुच्छल के साथ रद्द होने की खबरों ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। मौजूद जानकारी के अनुसार, मंधाना ने एक कार्यक्रम में कहा कि चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, वे हर बार अपने बैट और मेहनत की ताकत से ही मन को स्थिर करने की कोशिश करती हैं। उन्होंने साफ कहा कि क्रिकेट ही वह चीज है जो किसी भी चुनौती के बीच उन्हें मजबूती देती हैं।
कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि वे हमेशा से अपनी तैयारी और बैकग्राउंड वर्क पर भरोसा करती हैं। स्मृति ने कहा कि मैदान पर लोग सिर्फ प्रदर्शन देखते हैं, लेकिन खिलाड़ी अपने आपको उस मेहनत से परखते हैं, जो वे रोज़ाना बिना शोर किए करते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे वे अच्छा महसूस कर रही हों या बुरा, लगातार अभ्यास उन्हें हमेशा आत्मविश्वास देता है।
गौरतलब है कि भारतीय महिला टीम ने 2 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका को हराकर अपना पहला वनडे विश्व कप खिताब जीता था। मंधाना ने बताया कि टीम ने वर्षों की मेहनत का सपना पूरा किया हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही भारतीय जर्सी पहनने का सपना उन्हें प्रेरित करता रहा और विश्व चैंपियन बनना हमेशा से उनके मन में था।
उन्होंने कहा कि फाइनल से पहले पूरी टीम ने जीत की कल्पना की थी और जब स्क्रीन पर वर्ल्ड कप उठाने का क्षण आया, तो वह अहसास सभी के लिए यादगार बन गया। मंधाना ने स्वीकार किया कि 12 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई बार उम्मीदें पूरी नहीं हुईं, लेकिन इस जीत ने सब कुछ सार्थक कर दिया हैं।
बता दें कि कुछ दिन पहले स्मृति मंधाना ने सोशल मीडिया पर आधिकारिक रूप से यह स्पष्ट किया था कि उनकी शादी रद्द कर दी गई हैं। इस मुद्दे पर लगातार हो रही चर्चा को देखते हुए उन्होंने दोनों परिवारों की निजता का सम्मान करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि वे चाहती हैं कि लोग इस अध्याय को यहीं समाप्त होने दें और उन्हें आगे बढ़ने का समय दें।
उन्होंने यह भी दोहराया कि उनका पूरा ध्यान अपने खेल और देश के लिए खेलने पर रहेगा। उनके अनुसार, उनका सबसे बड़ा उद्देश्य भारत के लिए जितनी ज्यादा जीत संभव हो सके, उतनी जीत दिलाना हैं और वे अगले वर्षों में इसी पर केंद्रित रहेंगी।
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