चाइल्ड पोर्नोग्राफी समाज के माथे पर बदनुमा दाग है, इस समस्या का हल कड़ाई से निकालना होगा

Child pornography
अजय कुमार । Nov 20 2021 1:18PM

गत दिनों चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर नई बहस तब छिड़ गई जब सीबीआई ने देश के कई राज्यों से पोर्नोग्राफी के धंधे में लिप्त लोगों को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने नोएडा, दिल्ली, झांसी, तिरूपति और ओडिशा सहित कई राज्यों में छापेमारी की थी।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक गंभीर ही नहीं अमानवीय कृत्य भी है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के जरिये कुछ लोग पैसा कमा रहे हैं तो तमाम लोग मानसिक रूप से बीमार होने के कारण इसको बढ़ावा दे रहे हैं। जो देश के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। इस अपराध की सजा जितनी भी गंभीर हो कम ही है, लेकिन दुख की बात यह है कि भारत में इस पर रोक के सभी प्रयास और बनाए गए कानून नाकाफी साबित हो रहे हैं। हालात यह हैं कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से कमाई के चक्कर में लोग अपना ईमान धर्म तक बेच दे रहे हैं। देश में ऐसे लोग ना जाने कहां-कहां छिपे होंगे यह कोई नहीं जानता। बस ढिंढोरा उनका ही पिटता है जो पकड़े जाते हैं। इंटरपोल के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। पोर्नोग्राफी पर इंटरपोल की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2017 से लेकर 2020 के बीच करीब तीन वर्षों में ऑनलाइन बच्चों के ही यौन शोषण के 24 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं।

    

गत दिनों चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर नई बहस तब छिड़ गई जब सीबीआई ने देश के कई राज्यों से पोर्नोग्राफी के धंधे में लिप्त लोगों को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने नोएडा, दिल्ली, झांसी, तिरूपति और ओडिशा सहित कई राज्यों में छापेमारी की थी। इसी क्रम में कानपुर से एक युवक जितेंद्र कुमार (23) को गिरफ्तार किया गया था। पूरे मामले के खुलासे के लिए सीबीआई उससे पूछताछ कर रही है। साथ ही उसके मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य जरूरी दस्तावेज भी जब्त किए हैं। उसके बैंक खाते में हुए लेन-देन की भी जांच चल रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी बच्चों के अश्लील वीडियो कई साइट्स पर अपलोड करता था। इन लोगों ने एक ग्रुप बना रखा था। यह लोग मिलकर टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप ग्रुप में अश्लील सामग्री अपलोड करने के साथ ही उसे फॉरवर्ड करने का काम करते थे। इसके एवज में यह ऑनलाइन पैसे लेते थे। पड़ताल में मालूम चला है कि इनका ग्रुप ऑन डिमांड वीडियो भी ऊंची कीमत पर अपलोड करता था। इसकी अधिकांश डिमांड बाहरी देशों से होती थी। बच्चों के यौन शोषण एवं वीडियो इंटरनेट में अपलोड करने के मामले में सीबीआई टीम ने बीते मंगलवार को आधा दर्जन जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। बताते चलें कि बीते वर्ष भी इसी तरह की एक घटना का खुलासा उत्तर प्रदेश के जिला चित्रकूट में हुआ था। तब चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट से जुड़े अवर अभियंता को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उसके बाद से सीबीआई इस पूरे रैकेट का सुराग तलाशने में जुटी थी। आशंका जताई जा रही कि यहां भी इस रैकेट के तार हैं। इनकी धरपकड़ की खातिर ही सीबीआई ने छापेमारी की। 

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पुलिस सूत्रों का कहना है कि बाकायदा व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी का धंधा चलाया जाता है। पुलिस को छानबीन में पता चला कि ओनली चाइल्ड सेक्स वीडियोज नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है। इसका नेटवर्क पूरे देश भर में फैला है। कुछ युवकों के भी इससे जुड़े होने की आशंका है। इसी का सुराग तलाशते हुए मंगलवार को सीबीआई को कई जगह पहुंच गई। ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए उसने आधा दर्जन से अधिक जगहों पर छापेमारी की और एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है। 

कानपुर के पुलिस अफसरों का कहना है डॉर्क इंटरनेट मार्केट में चाइल्ड पोर्नोग्राफी करोड़ों डॉलर का धंधा है। बिहार, उत्तर प्रदेश एवं तमिलनाडु से ही यह पूरा नेटवर्क ऑपरेट होता है। मंगलवार की छापेमारी में बिहार में पांच एवं यूपी में झांसी, वाराणसी, गाजीपुर, मुगलसराय एवं इटावा में एक-एक व्यक्ति के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। झांसी के पड़ोस के ग्वालियर से भी एक व्यक्ति पकड़ा गया। एरच में युवक की धरकपड़ के साथ ही सीबीआई टीम ने यहां से लैपटॉप एवं मोबाइल भी जब्त किए हैं। पूछताछ के लिए आरोपी को भी वह अपने साथ ले गई।

   

बता दें कि हाल के दिनों में बच्चों के खिलाफ यौन शोषण से जुड़े मामलों में काफी तेजी आई है। व्हाट्सएप के साथ टेलीग्राम पर भी ऐसे कंटेंट आसानी से अपलोड हो रहे हैं। मोटी रकम कमाने के लालच में कई युवा इस गंदे धंधे के दलदल में घुसे हैं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर साइबर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि भारत में हर 40 मिनट में एक अश्लील वीडियो बनाया जाता है और ऐसे वीडियो अपलोड करने के मामले में केरल सबसे ऊपर है। वहीं इस तरह के वीडियो अपने मोबाइल पर देखने के मामले में हरियाणा सबसे आगे है। इंटरनेट पर अपलोड किए गए पोर्न में 35-38 फीसदी वीडियो बच्चों और टीनएजर्स के हैं। सबसे अधिक सर्च किए गए कीवर्ड्स में स्कूलगर्ल्स, टीन्स और देसी गर्ल्स जैसे कीवर्ड हैं।

आश्चर्यजनक है कि भारत में रोजाना जितना डेटा इंटरनेट से डाउनलोड होता है, उसका 35-40 फीसदी कंटेंट पोर्नोग्राफी का ही होता है। इंडियन साइबर आर्मी के सूत्र बताते हैं कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी का कंटेंट और इसके ग्राहक तेजी से बढ़ रहे हैं। सर्च इंजन पर रोजाना करीब 1,16,000 बार चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सर्चिंग होती है। इसका मतलब है कि हर सेकेंड करीब 380 लोग सर्च इंजन पर एडल्ट कंटेंट देख रहे होते हैं। सभी सर्च इंजन पर करीब 25 फीसदी सर्च सिर्फ पोर्नोग्राफी से जुड़ी हुई होती है। यानी रोजाना लगभग 6.8 करोड़ सर्च पोर्नोग्राफी से जुड़े होते हैं। हाल ही के ट्रेंड देखकर यह पता चलता है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए सबसे अधिक मोबाइल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें टीयर 2, टीयर 3 और टीयर 4 शहरों से सबसे अधिक वीडियो अपलोड होती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे और पिछड़ी जगहों के बच्चे आसानी से टारगेट किए जाते हैं। इनके अलावा शहरी इलाकों के स्कूलों के भी बहुत सारे बच्चे चाइल्ड पोर्नोग्राफी का शिकार होते हैं।

      

वकील और आईटी एक्सपर्ट पवन दुग्गल खुलासा करते हुए कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर सख्त निर्देश दिए जाने के बावजूद ऐसा कंटेंट तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में भारत के ऐसे कंटेंट की खूब मांग है, क्योंकि यहां से ऐसा कंटेंट बहुत ही कम कीमत में मुहैया करा दिया जाता है। साइबर इंवेस्टिगेटर कहते हैं कि शहरी बच्चे डेटिंग और चैटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसके जरिए कई बार उनकी निजी तस्वीरें लीक हो जाती हैं। इसके बाद यह तस्वीरें पोर्न वेबसाइट्स पर अपलोड कर दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे इन एप्स के प्रति आकर्षित तो होते हैं, लेकिन वह इससे होने वाले नुकसानों के बारे में नहीं जानते हैं।

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पोर्न कितनी तेजी से फैल रहा है इस बारे में कोई नया सरकारी डेटा तो सामने नहीं आया है, लेकिन एक पुरानी स्टडी के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी समेत सभी तरह के पोर्न में करीब 100 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को भी यह बता चुकी है कि उन्होंने चाइल्ड पोर्नोग्राफी को रोकने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए हैं। इसी के तहत उन्होंने चाइल्ड पोर्नोग्राफी वाला कंटेंट परोसने वाली 3,522 वेबसाइट को जून 2017 में बंद कर दिया था। इसके लिए सभी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और टेलिकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट को भी यह निर्देश जारी किए गए थे कि वह चाइल्ड पोर्नोग्राफी परोसने वाली सभी वेबसाइट्स पर कनेक्शन रोक दें, ताकि ऐसे वीडियो ना फैलें।

बात उत्तर प्रदेश के चित्रकूट की घटना की कि जाए तो बीते वर्ष यहां 50 बच्चों के यौन शोषण की खबर ने सबको हिलाकर रख दिया था। चित्रकूट में एक जूनियर इंजीनियर को बच्चों के यौन शोषण करने और उनका वीडियो डार्कवेब पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी का नाम रामभवन है जिसे बांदा से गिरफ्तार कर अब जेल भेज दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये इंजीनियर पिछले 10 साल से इस वारदात को अंजाम दे रहा था। जानकार बताते हैं कि भारत में हर साल हजारों बच्चे चाइल्ड पोर्नोग्राफी का शिकार बनते हैं और इस ताजा मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर भारत अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या कर रहा है।

-अजय कुमार

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