WTC Final में क्यों चूक गई टीम इंडिया, आखिर विराट की कप्तानी में क्या कमी है ?

Virat Kohli
आयशा आलम । Jun 25 2021 2:55PM

गौरतलब है टीम इंडिया का प्रदर्शन फाइनल मुकाबले में काफी निराशाजनक रहा। विराट कोहली की कप्तानी में यह तीसरा मौका है जब भारतीय टीम आईसीसी ट्रॉफी के नॉकआउट में जाकर बिखर गई हो। ऐसे में हर किसी ने विराट कोहली की कप्तानी पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए।

23 जून 2021 भारतीय क्रिकेट के लिए काफी अहम था। यह वो दिन था जब टीम इंडिया 144 सालों से चले आ रहे टेस्ट क्रिकेट की पहली वर्ल्ड चैंपियन बन सकती थी। साउथैंप्टन का मैदान तैयार था, बारिश और रोशनी से बाधित बीच में हर किसी का अंदाजा था कि यह मैच ड्रॉ होगा और दोनों टीमों को ज्वाइंट रूप से चैंपियन बना दिया जाएगा। लेकिन मैच के आखिरी दिन यानि रिजर्व डे के दिन कुछ ऐसा होता है जो भारतीय टीम और फैंस दोनों के लिए हमेशा हमेशा दर्द देने वाला बन गया। इस दिन टीम इंडिया मैदान पर उतरी तो हर किसी के मन में यही उम्मीद थी कि या तो ये मैच ड्रॉ होगा या फिर भारत जीतेगा। हालांकि भारतीय क्रिकेट फैंस का यह भ्रम तोड़ा भारतीय टीम ने और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला 8 विकेट से हार गई। न्यूजीलैंड की टीम ने यह मैच जीतने के लिए 139 रनों का आसान लक्ष्य मिला और टीम ने मैच 8 विकेट से जीत लिया। जिसके साथ कीवी टीम इतिहास में खेले गए पहली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन टीम भी बन गई। 

गौरतलब है टीम इंडिया का प्रदर्शन फाइनल मुकाबले में काफी निराशाजनक रहा। विराट कोहली की कप्तानी में यह तीसरा मौका है जब भारतीय टीम आईसीसी ट्रॉफी के नॉकआउट में जाकर बिखर गई हो। ऐसे में हर किसी ने विराट कोहली की कप्तानी पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। हर किसी को लगता है कि विराट एक कप्तान के रूप में आईसीसी टूर्नामेंट में फेल हो जाते है और टीम इंडिया का कप्तान बदल देना चाहिए। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि आखिर भारतीय टीम द्विपक्षीय सीरीज में तो अच्छा प्रदर्शन करती है लेकिन जैसे ही बात आईसीसी के नॉकआउट टूर्नामेंट की आती है तो टीम फेल क्यों हो जाती है।

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आखिर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में कहां चूक गई टीम इंडिया ?

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारतीय बल्लेबाजों की कमी की वजह से टीम को हार का मुंह देखना पड़ा। टीम की बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और भारत यह मैच हार गया। इस हार में हर खिलाड़ी के उपर सवाल उठने लाजमी है लेकिन बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर टीम इंडिया को ज्यादा गौर करने की जरूरत है। इस टीम में ओपनर्स ने अच्छी शुरूआत मिलने के बाद अपने विकेट फेंक दिए और उसके बाद चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ी से जब सबसे ज्यादा जरूरत थी वो भी आउट होकर चले गए। इसके साथ ही विराट कोहली और आजिंक्य रहाणे जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी स्विंग गेंदबाजी के सामने कही टिक नहीं सकें। ऐसे में अगर इस हार का कोई सबसे बड़ा जिम्मेदार है तो वो टीम इंडिया के बल्लेबाज ही है। 

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क्या विराट कोहली की कप्तानी में कोई कमी है ?

विराट कोहली एक बल्लेबाज के तौर पर दिग्गजों की लिस्ट में शुमार हो गए हैं। विराट कोहली एक बल्लेबाज के तौर पर हर बड़े रिकॉर्ड्स अपने नाम कर रहे हैं। लेकिन बात जब उनकी कप्तानी की आती है तो हर कोई यही कहता है कि विराट एक बेहतर कप्तान नहीं है और उनकी जगह टीम इंडिया को दूसरा कप्तान ढूंढ लेना चाहिए। ऐसे में विराट कोहली की आलोचना करना वाले लोगों को समझना होगा कि माना टीम इंडिया फाइनल मुकाबलों में पीछे छूट जाती है लेकिन उसमें एक कप्तान की भूमिका से ज्यादा भी और कई चीजें मायने रखती है। अगर विराट की कप्तानी में 2017 चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल और 2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल पर नजर डाली जाएं तो तीनों जगह एक समानता देखने को मिलती है वो है टीम इंडिया का बल्लेबाजी क्रम ढेर हो जाना। ऐसे में एक कप्तान की भूमिका ज्यादातर मैदान पर फील्ड प्लेसमेंट के समय बढ़ जाती है लेकिन जब बात टीम की बल्लेबाजी की आती है तो हर बल्लेबाज पर बराबर दारोमदार होता है। ऐसे में बड़े बड़े बल्लेबाजों से शुमार टीम इंडिया का बैटिंग लाइनअप ढेर क्यों हो जाता है। भारत के पास इतने बड़े बड़े बल्लेबाज है जो ना जाने कितने शतक और कितने हजारों रन ठोक कर मैदान पर उतरते है वो आखिर क्यों फेल हो जाते है। ऐसे में यह समझने की जरूरत है कि कही भारतीय बल्लेबाजी किसी बड़े मैच में दबाव में तो नहीं आ जाती है। कहीं भारतीय बल्लेबाज अपने काबिलियत पर ना खेलकर कुछ ज्यादा एक्सट्रा करने का तो नहीं सोचने लगते या फिर एक बड़ा मैच उनके दिमाग पर हावी हो जाता है। ऐसे में भारतीय टीम को अगर आगे आईसीसी ट्रॉफी जीतने का सपना पूरा करना है तो उन्हें बड़े मैचों में अपने काबिलियत पर विश्वास रखना होगा और कोशिश करनी होगी कि उनकी टीम ताश के पत्तों की तरह ढेर हो ना हो। वैसे भी विराट की कप्तानी पर सवाल उठाना लाजमी है। हर कोई चाहता है कि विराट आईसीसी ट्रॉफी जीते लेकिन साथ ही लोगों को यह भी समझना होगा कि भारतीय टीम का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में जितना शानदार रहा है उसमें विराट की कप्तानी का रोल काफी बड़ा है। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक पर काबिज है। विराट की कप्तानी में ही भारतीय टीम पिछले दो सालों में टेबल टॉप कर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची है। ऐसे में विराट की कप्तानी में सुधार की जरूरत है तो टीम के बाकी खिलाड़ियों को भी अपनी भूमिका समझने की जरूरत है। टीम को समझना होगा कि एक बल्लेबाजी यूनिट में हर बड़े मैच में हर खिलाड़ी से बेस्ट प्रदर्शन की उम्मीद है। ऐसे में उम्मीद है इस साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया अच्छा प्रदर्शन करेगी और आखिरकार विराट अपनी पहली आईसीसी ट्रॉफी जीत पाएंगे।

- आयशा आलम

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