आमिर खान के जन्मदिन पर जानें उनसे जुड़ी बातें

अनु गुप्ता । Mar 14 2017 4:53PM

आमिर की अधिकतर फिल्में ना केवल व्यावसायिक रूप से बल्कि उनके गज़ब के अभिनय के कारण बहुत सफल रहती हैं। दर्शकों में उनकी दीवानगी का आलम इस कदर है कि हर साल उन्हें आमिर की फिल्म का इंतज़ार रहता है।

आज हिंदी सिनेमा के मिस्टर परफेक्शनिस्ट और इंडिया के टॉम हैंक्स कहे जाने वाले अभिनेता, निर्माता और निर्देशक आमिर खान का जन्मदिन है तो चलिए एक नज़र डालते हैं उनके अब तक के फ़िल्मी सफर, उपलब्धियों और उनके निजी जीवन पर।

आमिर का जन्म 14 मार्च 1965 को मुंबई में हुआ था। उनका परिवार काफी पहले से ही बॉलीवुड से सम्बंधित था। उनके पिता ताहिर हुसैन हिंदी फिल्मों के निर्माता थे तो उनके चाचा फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता और निर्देशक थे। उनकी माता का नाम जीनत हुसैन था। आमिर प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद के वंशज हैं। इनकी शुरुआती पढ़ाई जेबी पेटिट स्कूल से हुई और फिर बॉम्बे स्कोटिश स्कूल से। आगे की पढ़ाई मुंबई के ही नरसी मोंजी कॉलेज से हुई। आमिर के रुचि पढ़ाई से अधिक टेनिस में रही यहाँ तक कि उन्होंने राज्य स्तर पर टेनिस भी खेला। 

बचपन में आमिर के माता पिता की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी क्योंकि उनके पिता की फिल्में असफल हो रही थीं। जिस कारण आमिर के स्कूल की फीस भी मुश्किल से ही निकल पाती थी। उनके माता पिता अपनी फिल्मों के ये हालात देख कर चाहते थे कि आमिर बड़े होकर डॉक्टर या इंजीनियर बनें लेकिन आमिर हमेशा से ही फिल्म इंडस्ट्री में जाना चाहते थे यहाँ तक कि उन्होंने घर पर बताये बिना थिएटर करना भी शुरू कर दिया था और कुछ नाटकों में हिस्सा भी लिया। 

हाई स्कूल के बाद आमिर ने पढ़ाई छोड़ कर अपने चाचा नासिर हुसैन के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर का काम शुरू कर दिया था। यूँ तो बचपन में ही आमिर महज 8 साल की उम्र में 1973 में आई फिल्म 'यादों की बारात' में बाल कलाकार के रूप में दिखाई दिये थे जिसके बाद वे एक और फिल्म 'मदहोश' में भी दिखे लेकिन उनका प्रॉपर बॉलीवुड कॅरियर शुरू हुआ 1984 में आई केतन मेहता की फिल्म 'होली' से। दुर्भाग्यवश ये फ़िल्म नहीं चली और ना ही किसी ने उन पर ध्यान दिया। और फिर 1988 में आई मंसूर खान की फिल्म 'क़यामत से क़यामत तक' जिसमें आमिर की एक्टिंग इतनी शानदार थी की उन्हें अपने कॅरियर का पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और बॉलीवुड में चारों तरफ उनकी एक्टिंग के चर्चे होने लगे। 

फिर 1989 में उनकी फ़िल्म आई 'राख' जो अधिक सफल तो नहीं हो पाई लेकिन उनके अभिनय की हर तरफ तारीफ हुई। 'राख' के बाद उन्होंने कुछ फिल्में कीं जिसमें से कुछ ही सफल हो पाईं। फिर इन्हें इंद्र कुमार की फिल्म 'दिल' में काम करने का मौका मिला जो उस साल की सबसे हिट फिल्म बनी। इसके बाद तो हिट फिल्मों की लाइन लग गई जैसे की 'दिल है कि मानता नहीं', 'जो जीता वही सिकंदर', 'हम हैं राही प्यार के' और 'रंगीला'। आमिर ने अपने आप को चॉकलेट बॉय की इमेज से बाहर निकालने के लिए सलमान खान के साथ कॉमेडी फिल्म 'अंदाज़ अपना अपना' जैसी सफल फिल्में भी कीं और दर्शकों का दिल जीता। 

अपने काम को और ज्यादा परफेक्ट बनाने के लिए आमिर ने एक साल में एक या दो फिल्में करने का निर्णय लिया और 1996 में आई उनकी फिल्म 'राजा हिंदुस्तानी' 90 के दशक की सबसे सफल बनी। जिसके बाद हर साल उनकी फिल्में आईं और उन्हें दर्शकों ने काफी पसंद भी किया। इतने सालों में आमिर अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस भी बना चुके थे जिसका नाम है आमिर खान प्रोडक्शन। 2001 में उन्होंने आशुतोष गोवारिकर के साथ मिलकर 'लगान' फिल्म बनाई जो उनके प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म थी। इस फिल्म ने सफलता के नए आयामों को छुआ और यहाँ तक कि ये फिल्म ऑस्कर अवार्ड के फाइनल राउंड तक पहुँची लेकिन बस एक फिल्म से हार गई। इसके बाद आमिर ने बॉलीवुड से चार साल का ब्रेक लिया और 2005 में 'मंगल पांडे द राइजिंग स्टार' से धमाकेदार वापसी की। 2006 में आई उनकी फिल्म 'रंग दे बसंती' एक बार फिर ऑस्कर अवार्ड के लिए नामांकित हुई। इस फिल्म ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और उस साल की सबसे कमाऊ फिल्म बनी।

साल दर साल उनकी फिल्में आती रहीं और 2009 में आई फिल्म 'थ्री इडियट्स' जो हिंदी सिनेमा के इतिहास में उस समय तक सबसे सफल और सबसे अधिक कमाने वाली फिल्म बनी। इस फिल्म ने ना केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी खूब नाम कमाया। ये पहली फिल्म बनी जिसने 200 करोड़ रुपए से अधिक कमाये। इस फिल्म के बाद आमिर की 'धूम 3', 'तलाश' और 'पीके' जैसी फिल्में आईं जिन्होंने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए। अभी आई उनकी फिल्म 'दंगल' ने तो कहा जा रहा है 400 करोड़ रूपए तक कमा लिए हैं। आमिर टीवी पर अपने सीरियल 'सत्यमेव जयते' के लिए खासे प्रसिद्ध रहे। उन्होंने इस सीरियल के माध्यम से गरीब, महिलाओं और पिछड़े हुए लोगों की परेशानियों को मंच देने की कोशिश की।

बात करें उनके निजी जीवन की तो आमिर की पहली शादी 1986 में नीना दत्ता से हुई जिससे उनके दो बच्चे बेटा जुनैद और बेटी इरा हुए। लेकिन 2001 में उन्होंने नीना से तलाक ले लिया और 2005 में अपनी फिल्मों की असिस्टेंट प्रोड्यूसर किरण राव से दूसरी शादी कर ली। 2011 में सरोगेसी की मदद से इन्हें एक बेटा हुआ जिसका नाम इन्होंने आज़ाद राव खान रखा है।

आमिर की अधिकतर फिल्में ना केवल व्यावसायिक रूप से बल्कि उनके गज़ब के अभिनय के कारण बहुत सफल रहती हैं। दर्शकों में उनकी दीवानगी का आलम इस कदर है कि हर साल उन्हें आमिर की फिल्म का इंतज़ार रहता है और साथ ही ये भी माना जाने लगा है कि आमिर जो भी फिल्म बनाते हैं वे सफल ही रहती हैं। आमिर अपनी फिल्मों में परफेक्शन के लिए जाने जाते हैं। वे अपने हर रोल के लिए पूरी मेहनत करते हैं और कैरेक्टर के अनुसार ही अपने शरीर को ढाल लेते हैं। उनके जितना परफेक्शन कम ही अभिनेताओं में देखने को मिलता है। आमिर जवान पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

उपलब्धियां

आमिर को कई बार फ़िल्मफ़ेयर और राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं यहाँ तक कि उनकी फिल्मों को ऑस्कर अवार्ड और बाफ्टा अवार्ड्स में नामांकन भी मिल चुका है लेकिन एक फिल्म के लिए पुरस्कार ना मिलने के कारण आमिर किसी भी पुरस्कार समारोह में नहीं जाते। भारत सरकार ने इन्हें 2003 में पदम्श्री और 2010 में पदम् भूषण से सम्मानित किया था। 

अनु गुप्ता

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