ऐसे बनवाएं अपना मूल निवास प्रमाण पत्र, ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में जानिए

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यूपी में भी मूल निवास प्रमाणपत्र भी अब एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुके हैं। यहां आप किसी सरकारी योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको भी इन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ सकती है। ये ऐसे दस्तावेज हैं, जिनके बिना आपको किसी सरकारी योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो सकता है।

किसी भी व्यक्ति के मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र उनके गृह राज्य से बनता है। उस राज्य के जिस जनपद के आप निवासी हैं, वहां की तहसील से यह प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है। लेकिन, जब से यह ऑनलाइन बनने लगा है, तब से आप कहीं से भी इसे हासिल कर सकते हैं। इससे लोगों को काफी सहूलियत हुई है।

हालांकि, जो लोग कई वर्षों से किसी दूसरे प्रदेश के विभिन्न शहरों में स्थायी रूप से बस चुके हैं और अपने मूल प्रदेश से लगभग नाता तोड़ चुके हैं, तो वैसे लोग वहां से भी अपना मूल निवास प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। आज के डिजिटल युग में इस सम्बन्ध में आवेदन करने की सुविधा और उसका प्रिंट हासिल करने की सुविधा ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

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यह बात अलग है कि विभिन्न प्रदेशों में इसकी अलग-अलग सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन उनकी कुछ मौलिक बातें एक ही हैं। बहुत से राज्यों में मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने की सुविधा अब आवेदकों को घर बैठे ही मिल रही है। यहां हम मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के बारे में बताएंगे।

# मध्यप्रदेश में मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से लोगों को मिली काफी सुविधा

मध्यप्रदेश में मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से अब घर बैठे ही मूल निवास प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। इससे लोगों को विभिन्न विभागों के बार-बार चक्कर काटने से छुटकारा मिल गया है। क्योंकि कुछ दिनों पहले तक यह प्रमाण पत्र तहसील कार्यालय, लोकसेवा गारंटी केंद्रों और एमपी ऑनलाइन कियोस्क से बन रहे थे। 

लेकिन, कुछ समय पहले शासन ने एमपीई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से आवेदकों को घर बैठे इस सुविधा का लाभ लेने का विकल्प देने का निर्णय लिया है। जिसके लिए भुगतान इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट या ई-वालेट के माध्यम से ऑनलाइन करना पड़ता है। 

एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर आवेदकों यह सुविधा शीघ्रता पूर्वक मिल रही है, जिससे स्थानीय निवासी का प्रमाण पत्र आवेदक घर बैठे बनवा सकते हैं। इसके लिए आवेदक को एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर जाकर आधार नंबर से लॉगिन करना होता है। वहां आधार नंबर डालते ही आधार कार्ड का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आता है। जिसके वेरीफाई होने के बाद आवेदक पोर्टल पर लाॅगिन हो जाता है और फिर इस सेवा का लाभ घर बैठे उठा सकता है।

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बता दें कि स्थानीय निवासी के प्रमाण पत्र के लिए स्वयं का घोषणा पत्र डाउनलोड करके उसमें अपनी आय का उल्लेख करना पड़ता है। यदि आवेदक बीपीएल है तो उसे वैध गरीबी रेखा प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि भी लगानी  होती है। ऑनलाइन प्रपत्र डाउन लोड कर उसे भरने के बाद आवेदन संबंधित अधिकारी को डिजिटल हस्ताक्षर के लिए फारवर्ड करना पड़ता है। इसके बाद, आवेदन में जरूरी जानकारी व दस्तावेजों का सत्यापन के बाद संबंधित अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर होने के बाद संबंधित प्रमाण पत्र ऑनलाइन हासिल किया जा सकेगा। आवेदक कहीं से भी इस प्रमाण पत्र का प्रिंट निकाल सकता है।

# राजस्थान में मूल निवास प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर व ई-मित्र कियोस्क का लोग ले रहे सहारा

राजस्थान में भी आम आदमी को मूल निवास प्रमाण-पत्र बनाने के लिए अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं। क्योंकि वहां पर तहसील स्तर पर ही उपलब्ध कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएसए) व ई-मित्र कियोस्कों पर महज 40 रु. शुल्क देकर डिजिटल हस्ताक्षर वाला मूल निवास प्रमाण-पत्र कोई भी सही निवासी ले सकता है।

हालांकि, राजस्थान के गृह विभाग ने ई-मित्र कियोस्कों और सीएसएस के लिए फीस व अन्य गड़बड़ियों पर 2000 रु. जुर्माना करने और मान्यता रद्द करने का प्रावधान भी रखे हुए हैं, जिससे वहां गड़बड़ियां न के बराबर होती हैं। यहां ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए आवेदन पत्र का प्रारूप भी अलग-अलग निर्धारित है। नई फीस और जुर्माने के प्रावधान सूबे में कबके लागू हो चुके हैं। 

यहां डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए ई-मित्र कियोस्क या सीएसएस पर आवेदन करना होता है। कियोस्क से आवेदन पत्र और इसके साथ लगे दस्तावेज अपलोड कर दिए जाते हैं। फिर, अपलोड किए गए दस्तावेजों को संबंधित तहसीलदार, एसडीएम या एडीएम ऑनलाइन देखकर प्रमाण-पत्र जारी करने की मंजूरी देते हैं। इसके लिए, राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित दो फोटो, शपथ-पत्र, पहचान पत्र, मार्कशीट, राजपत्रित अधिकारी या दो जिम्मेदार लोगों के प्रमाण-पत्र जमा करना जरूरी होता है।

# यूपी में मूल निवास प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए ऐसे करें ऑनलाइन अप्लाई  

यूपी में भी मूल निवास प्रमाणपत्र भी अब एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुके हैं। यहां आप किसी सरकारी योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको भी इन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ सकती है। ये ऐसे दस्तावेज हैं, जिनके बिना आपको किसी सरकारी योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो सकता है। बात चाहे राशनकार्ड की हो या वृद्धा, विकलांग अथवा विधवा पेंशन योजना की हो, या फिर बच्चों की स्कॉलरशिप की हो, आपको इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ ही जाती है। 

हां, पहले उत्तर प्रदेश में निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए जहां आपको तहसील कचहरी के कई चक्कर काटने पड़ते थे, वहीं अब आप बिना किसी ऑफिस के चक्कर काटे घर बैठे आसानी से यूपी निवास प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं, जो एक हफ्ते के अंदर  आपको प्राप्त भी हो जाता है। 

यूपी निवास प्रमाण पत्र के माध्यम से आपके निवास स्थान के बारे में पता चलता है। क्योंकि कभी-कभी लोगों को अपना निवास स्थान बदलना पड़ जाता है, इसलिए आपको निवास प्रमाण पत्र बनवाने की भी आवश्यकता पड़ती है। एक बार निवास प्रमाण पत्र बनाने पर वह तब तक वैद्य रहता है, जब तक कि आप अपना निवास स्थान परिवर्तित नहीं करते हैं।

निवास प्रमाण पत्र का आवेदन करने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जिनके साथ ही आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। ये प्रमाण पत्र इस प्रकार हैं- पहचान पत्र, जैसे-आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बिजली का बिल, राशन कार्ड की फोटोकॉपी, स्वप्रमाणित घोषणा पत्र, वेतनभोगी होने की स्थिति में वेतन पर्ची, पासपोर्ट साइज़ फोटो।

आपको ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट http://164.100.181.16/citizenservices/login/login.aspx पर जाना होगा। यदि आप चाहें तो यहां क्लिक करके डायरेक्ट भी जा सकते हैं। हां, यदि आप इस वेबसाइट पर पहली बार विजिट कर रहे हैं, तो सबसे पहले आपको यहां पर अपना एक यूजर अकाउंट बनाना होगा। इसके लिए आप न्यू यूजर रजिस्टर पर क्लिक करके अपना अकाउंट बना सकते हैं। 

और यदि, आपका यहां पर पहले से ही अकाउंट है, तो आप अपनी लॉगिन आईडी और पासवर्ड डालकर लॉगिन कर सकते हैं। लॉगिन करने पर आपको 'आवेदन करें' विकल्प के बाद 'समस्त सेवाएं' विकल्प पर क्लीक करना होगा। फिर आपको 'निवास प्रमाणपत्र' को सेलेक्ट करना होगा। जिसके पश्चात आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा, उस पर क्लीक करके अपना आवेदन पत्र भरें। 

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आवेदन पत्र में आपसे कुछ आवश्यक जरूरी जानकारी भरने के लिए कहा जाता है, जिसे आपको बड़ी सावधानी पूर्वक सही-सही भरना होता है। सभी जरूरी जानकारी भरने के पश्चात आपको जरूरी दस्तावेजों और स्वप्रमाणित घोषणा पत्र की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी। फिर सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा। 

सबमिट बटन पर क्लिक करने के पश्चात आपको विभाग की निर्धारित दस रुपए की फीस को पे करना होगा। इसके लिए आप अपने डेबिट कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। कार्ड से पेमेंट करने के पश्चात आपका सफलतापूर्वक आवेदन पत्र सबमिट हो जाएगा और संबंधित विभाग द्वारा एक हफ्ते के अंदर जारी कर दिया जाएगा।

यदि आपने यूपी निवास प्रमाणपत्र की स्थिति ऑनलाइन चेक करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट http://164.100.181.16/ssdgsap/certVerify.aspx पर जाना होगा। वेबसाइट पर पहुंचने के पश्चात आपको अपने आवेदन पत्र का क्रमांक डालकर सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा। जैसे ही आप उस सबमिट बटन पर क्लिक करेंगे, आपके सामने आपके आवेदन पत्र की स्थिति दर्शाई जाएगी। 

इस तरह से आप घर बैठे अपने मोबाइल, लैपटॉप अथवा पीसी द्वारा ऑनलाइन यूपी मूल निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं और सरकार द्वारा चलाई जा रही इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। या फिर किसी भी जनसेवा केंद्र पर जाकर आप मूल प्रमाण पत्र के लिए अप्लाई कर सकते हैं। आपको वहीं से प्रिंटआउट भी मिल जायेगा। आपका प्रमाण पत्र 7 दिन में जारी कर दिया जायेगा, जिसे आप किसी शॉप पर जाकर प्रिंट आउट ले सकते हैं।

कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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