एलआईसी आईपीओ लेना चाहते हैं तो इन बातों पर रखिये ध्यान

LIC IPO
कमलेश पांडेय । Feb 24 2022 2:25PM

सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का प्रस्तावित आईपीओ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ होने वाला है। क्योंकि भारत सरकार इस आईपीओ में एलआईसी के 31.6 करोड़ शेयर बेचने जा रही है। जिनमें 3.16 करोड़ शेयर पॉलिसी होल्डर्स के लिए रहेंगे।

एक तरफ विश्व युद्ध की आशंकाओं के बीच दुनिया समेत भारत के शेयर बाजार धड़ाम हो चुके हैं तो दूसरी तरफ अगले महीने मार्च में भारत का सबसे बड़ा आईपीओ आने वाला है, जिसमें सबकी अभिरुचि बढ़ती जा रही है।

यदि आप भी अगले माह में एलआईसी आईपीओ लेना चाहते हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखिये और अपने कागज पूरे करिए। अन्यथा इस सरकारी उपक्रम में अपने लिए शेयर खरीदने की संभावनाओं से आप वंचित रह सकते हैं या वंचित किये जा सकते हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) आगामी 11 मार्च को अपना आईपीओ पेश कर सकती है। उस दिन यह सिर्फ एंकर निवेशकों के लिए खुलेगा, जबकि अन्य निवेशकों के लिए इसे दो दिन बाद यानी 13 मार्च को खोला जाएगा। बताया जाता है कि मार्च के पहले सप्ताह में इसे नियामकीय मंजूरी मिल सकती है। यदि वह किसी कारण वश नहीं मिल पाती है, तभी आईपीओ प्रस्तुत करने की तिथि में फेरबदल संभव है।

एलआईसी आईपीओ में निवेशकों का ध्यान खींचने के लिए विभागीय स्तर पर कुछ बाध्यताएं निर्धारित की गई हैं, ताकि अपात्र लोगों की स्क्रूटनी की जा सके। सर्वप्रथम विभाग ने यह घोषित कर दिया है कि अगले महीने आने वाले एलआईसी के आईपीओ (पब्लिक ऑफर) में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के पॉलिसीधारकों को कोई छूट नहीं मिलेगी। एलआईसी का  कहना है कि पीएमजेजेबीवाई एक ग्रुप इंश्योरेंस प्रोडक्ट है, इसलिए इसके पॉलिसीधारक छूट के हकदार नहीं हैं।

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बता दें कि इससे पहले एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि पीएमजेजेबीवाई के पॉलिसीधारक भी आईपीओ में छूट के हकदार हैं। हालांकि अपने ही चेयरमैन के बयान के बाद देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने विभागीय बयान जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि पीएमजेजेबीआई पॉलिसीधारकों को मार्च में आने वाले आईपीओ में कोई लाभ नहीं मिलेगा। उसका कहना है कि कंपनी के चेयरमैन ने अनजाने में ऐसा कहा था।

# आईपीओ के मद्देनजर एलआईसी में बढ़ाई गई थी शेयर पूंजी

गौरतलब है कि आईपीओ की सुविधा के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की शेयर पूंजी को पिछले साल सितंबर के दौरान 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6325 करोड़ रुपये किया गया था। वहीं, गत 13 फरवरी को बाजार नियामक सेबी के साथ दायर डीआरएचपी में कहा गया कि यह प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमानित 63,000 करोड़ रुपये में 5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए है।

# एलआईसी के पात्र बीमाधारकों को आईपीओ में आरक्षण दिया जाएगा, जिसके तहत अधिकतम बोली दो लाख रुपये तक ही बोली जाएगी

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आईपीओ के लिए पिछले सप्ताह दाखिल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस यानी डीआरएचपी के अनुसार, एलआईसी के पात्र बीमाधारकों को आईपीओ में आरक्षण दिया जाएगा। इसके तहत प्रति व्यक्ति अधिकतम बोली राशि दो लाख रुपये से अधिक नहीं होगी। बता दें कि जिन लोगों के पास बोली खुलने की तारीख तक एलआईसी की एक या एक से अधिक पॉलिसी हैं तथा जो भारत के निवासी हैं, वे पॉलिसीधारक आरक्षण के तहत आवेदन कर सकते हैं। बताया गया है कि इस तरह दिया जाने वाला आरक्षण आईपीओ के आकार के 10 फीसदी से अधिक नहीं होगा। इससे एलआईसी पॉलिसी धारकों की बल्ले-बल्ले हो चुकी है और वो अगले महीने प्रस्तुत किये जाने वाले एलआईसी आईपीओ की बाट जोह रहे हैं।

# एलआईसी आईपीओ में आरक्षित हिस्सेदारी का लाभ उठाने के लिए अब तक 70 लाख लोगों ने अपडेट किया अपना पैन कार्ड

बताया गया है कि अब तक एलआईसी के 60-70 लाख पॉलिसीधारकों ने अपना पैन कार्ड उसकी वेबसाइट पर अपडेट करा लिया है। वस्तुतः पिछले दो महीने से पॉलिसीधारक तेजी से अपना पैन कार्ड पॉलिसी के साथ अपडेट करा रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि, जिनके पैन कार्ड पॉलिसी में अपडेट नहीं हैं, वे पॉलिसीधारकों के लिए रिजर्व हिस्से के तहत शेयर्स के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। यही कारण है कि ग्राहक तेजी से अपडेट करा रहे हैं, ताकि एलआईसी आईपीओ में आरक्षित हिस्सेदारी का लाभ उठाया जा सके।

# यूक्रेन संकट के बावजूद बाजार में एलआईसी आईपीओ की खूब हो रही है चर्चा

खास बात यह कि रूस-यूक्रेन संकट के बाद शेयर बाजार में आये दबाव के बीच एलआईसी आईपीओ के आगे टलने के अनुमानों को जहाँ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने खारिज कर दिया है, वहीं स्पष्ट तौर पर इशारा भी कर दिया है कि बाजार में एलआईसी आईपीओ चर्चा में है, क्योंकि निवेशक इसको लेकर काफी अभिरुचि भी दिखा रहे हैं। यही वजह है कि सरकार इस इश्यू को लेकर आगे बढ़ रही है। उनका कहना है कि एलआईसी का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होने जा रहा है, जो देश व देशवासियों दोनों के लिए गौरव की बात है।

# यदि आप एलआईसी आईपीओ खरीदना चाहते हैं तो जल्दी करें ये-ये काम, क्योंकि नजदीक है डेडलाइन

उल्लेखनीय है कि सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का प्रस्तावित आईपीओ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ होने वाला है। क्योंकि भारत सरकार इस आईपीओ में एलआईसी के 31.6 करोड़ शेयर बेचने जा रही है। जिनमें 3.16 करोड़ शेयर पॉलिसी होल्डर्स के लिए रहेंगे। बताते चलें क एलआईसी का मेगा आईपीओ जल्दी ही आने वाला है। क्योंकि सरकार इस आईपीओ में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है और इसका ड्राफ्ट यानी एलआईसी आईपीओ ड्राफ्ट गत दिनों सेबी (एसईबीआई) के पास जमा हो चुका है। इस ड्राफ्ट के हिसाब से सरकार इस आईपीओ के जरिए 31.6 करोड़ शेयर बेचने वाली है, जिसमें 5 फीसदी हिस्सा एलआईसी के कर्मचारियों और 10 फीसदी हिस्सा एलआईसी पॉलिसी होल्डर्स के लिए रिजर्व रहेगा। यह बात अलग है कि पॉलिसी होल्डर्स को इस आरक्षित कोटि यानी रिजर्व कैटेगरी का लाभ उठाने के लिए अपनी पॉलिसी के साथ पैन को लिंक करना होगा।

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# पैन लिंक करने पर शेयर मिलने के ज्यादा होंगे चांस

अपने एक दिशानिर्देश में एलआईसी ने कहा है कि उसके जो पॉलिसी होल्डर्स आरक्षित कोटि यानी रिजर्व कैटेगरी वाले शेयर खरीदना चाहते हैं, वे अपनी पॉलिसी के साथ पैन को लिंक कर लें। विभाग के द्वारा इसके लिए 28 फरवरी तक का समय नियत किया गया है। कहने का अभिप्राय यह कि इस तारीख तक जो लोग पॉलिसी के साथ पैन को लिंक नहीं कर पाएंगे, उन्हें रिजर्व कोटा का लाभ नहीं मिलेगा। यानी कि ऐसे लोगों को आम रिटेल इन्वेस्टर माना जाएगा। बता दें कि रिटेल कैटेगरी में ज्यादा बोलियां आने से आईपीओ में शेयर अलॉट होने के चांसेज काफी कम हो जाएंगे।

# पैन नहीं लिंक कराने से यह भी होगा नुकसान

इसके अलावा कंपनी ने यह भी कहा है कि प्रस्तावित आईपीओ में उसके कर्मचारियों और पॉलिसी होल्डर्स को फ्लोर प्राइस पर डिस्काउंट मिलेगा। हालांकि यह डिस्काउंट कितना होगा, इसकी कोई जानकारी अभी तक नहीं दी गई है। यह बात अलग है कि कंपनी ने कहा है कि वह आईपीओ लॉन्च होने के कम-से-कम 2 दिन पहले यह बता देगी। बता दें कि इस डिस्काउंट का लाभ उठाने के लिए भी पॉलिसी के साथ पैन को लिंक कर लेना जरूरी है।

# जानिए, ये है पॉलिसी के साथ पैन को लिंक करने का प्रोसेस 

सबसे पहले एलआईसी की ऑफिशियल वेबसाइट खोलें। फिर होमपेज पर ऑनलाइन पैन रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन दिया गया है, उस पर आप क्लिक करें। इसके बाद नए विंडो में डॉक्यूमेंट को लेकर इंस्ट्रक्शंस मिलेंगे। उन्हें पढ़कर प्रोसीड पर क्लिक करें। ततपश्चात पैन, पॉलिसी नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस और कैप्चा भरें। अब रिक्वेस्ट ओटीपी ऑप्शन आएगा, उसे क्लिक करें। उसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को सबमिट करें। अब ओटीपी सबमिट होते ही पॉलिसी के साथ पैन लिंक हो जाएगा। हालांकि जो पॉलिसी होल्डर खुद से ये काम नहीं कर पा रहे हों, वे इसके लिए अपने एजेंट से संपर्क कर सकते हैं। इससे उनका काम बेहद आसान हो जाएगा

# एलआईसी की पॉलिसी बिक्री में आई गिरावट, जानिये आईपीओ लॉन्च से पहले कितना बढ़ा आर्थिक बोझ

एलआईसी की ओर से बाजार नियामक सेबी को सौंपे गए दस्तावेजों के मुताबिक, एलआईसी की पॉलिसी बिक्री में भी भारी कमी आई है। इससे जहां एक ओर कंपनी को नुकसान हुआ है, वहीं दूसरी ओर कोरोना और अन्य कारणों से होने वाली मृत्यु के बीमा दावों में तेज बढ़ोतरी के कारण एलआईसी पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। एक ओर जहां आईपीओ लॉन्च की तैयारी हो रही है, वहीं दूसरी ओर एलआईसी पॉलिसी बिक्री में भारी कमी दर्ज की गई है। 

एलआईसी की ओर से बाजार नियामक सेबी को सौंपे गए दस्तावेजों के मुताबिक, एलआईसी की पॉलिसी बिक्री में भी भारी कमी आई है। व्यक्तिगत और समूह पॉलिसियां की बिक्री वित्त वर्ष 2018-19 के 7.5 करोड़ से 16.76 फीसदी घटकर वित्त वर्ष 2019-20 में 6.24 करोड़ पर आ गई। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 15.84 की गिरावट आई और यह आंकड़ा 5.25 करोड़ रह गया। कंपनी के मुताबिक, लॉकडाउन के चलते 2019-20 की चौथी तिमाही में व्यक्तिगत पॉलिसियों की बिक्री 22.66 फीसदी घटकर 63.5 लाख रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 82.1 लाख  थी। 2020-21 और 2021-22 की पहली तिमाहियों में यह क्रमश: 46.20 फीसदी घटकर 19.1 लाख और फिर 34.93 फीसदी घटकर 23.1 लाख रह गई।

# कोविड 19 के चलते एलआईसी की आय घटी, व्यय बढ़ा, जिससे ज्यादा हुआ आर्थिक बोझ

एक ओर एलआईसी की पॉलिसी की बिक्री में आई कमी से कंपनी को जहाँ आर्थिक नुकसान हुआ, वहीं दूसरी ओर कोरोना काल में संक्रमण और अन्य कारणों से होने वाली मृत्यु के बीमा के लिए किए जाने वाले भुगतान के मामले में भी बीमा कंपनी एलआईसी पर लगातार आर्थिक बोझ बढ़ा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 महामारी की वजह से कंपनी की व्यक्तिगत और समूह पॉलिसियों की कुल संख्या में गिरावट आई है। जबकि, मृत्यु के बीमा दावों में बढ़ोतरी हुई है। इसके अनुसार, वित्त वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिए मृत्यु बीमा दावों के लिए क्रमशः 17,128.84 करोड़ रुपये, 17,527.98 करोड़ रुपये और 23,926.89 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है। वहीं 30 सितंबर, 2021 को समाप्त हुए छह महीनों के लिए 21,734.15 करोड़ रुपये भुगतान किया गया।

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# एलआईसी पर आयकर विभाग का 75000 करोड़ रुपये का है बकाया, अपने फंड से नहीं करना चाहती है भुगतान

आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) लाने की तैयारियों में जुटी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी पर आयकर विभाग का करीब 75,000 करोड़ रुपये बकाया है। खास बात है कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) टैक्स की देनदारियां चुकाने के लिए अपने फंड का इस्तेमाल नहीं करना चाहती है। वहीं, आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास पेश किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, एलआईसी पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के 74,894.6 करोड़ रुपये के कुल 63 मामले चल रहे हैं। इनमें बीमा कंपनी पर प्रत्यक्ष कर के 37 मामलों में 72,762.3 करोड़ और 26 अप्रत्यक्ष कर मामलों में 2,132.3 करोड़ रुपये बकाया है, जिनकी वसूली होनी है।

# एलआईसी के पास पड़ी हुई है 21,500 करोड़ की लावारिस रकम

बता दें कि एलआईसी के पास सितंबर 2021 तक पॉलिसीधारकों के 21,500 करोड़ रुपये ऐसे हैं जो लावारिस पड़े हैं। यानी इनके लिए कोई दावा करने वाला नहीं है। इसका तातपर्य यह है कि या तो इन पॉलिसीधारकों की मौत हो गई या फिर इनके बारे में उनके परिवार को पता नहीं है। उल्लेखनीय है कि एलआईसी के पास मार्च 2021 तक 18,495 करोड़ रुपये इस मद में पड़ा हुआ था, जबकि 2020 मार्च तक यह रकम 16,052 करोड़ रुपये थी। वहीं, मार्च 2019 तक यह रकम महज 13,842 करोड़ रुपये थी।

# पूरी तरह ऑफर फॉर सेल आईपीओ

सेबी में सौंपे गए डीआरएपी के अनुसार, एलआईसी का इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल होगा। इसमें सरकार अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी के अंतर्गत 31.6 करोड़ शेयर जारी करेगी। इस हिसाब से कंपनी की एम्बेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये होगी। प्रायः किसी बीमा कंपनी का मार्केट कैप इस वैल्यू का चार गुना होता है। अतः एलआईसी की मार्केट वैल्यू 288 अरब डॉलर यानी करीब 22 लाख करोड़ रुपये होगी, जिससे एलआईसी देश की सबसे बड़ी मूल्यवान कंपनी बन जाएगी। 

# आईपीओ में अभिरुचि लेने वालों के लिए एलआईसी ने दी यह बड़ी सुविधा

समय पर प्रीमियम नहीं भरने के कारण या फिर अन्य किसी कारण से बहुत सारे लोगों की एलआईसी की पॉलिसी बंद हो जाती है। लिहाजा, कंपनी की ओर से कहा गया है कि पांच साल से जो पॉलिसी बंद पड़ी हैं, ऐसे मामले में कम चार्ज भरकर उसे फिर से चालू कराया जा सकता है। इसके अलावा, ऐसे पॉलिसीधारक जिनकी पॉलिसी बंद हो चुकी है, वे भी रिजर्वेशन पोर्शन के जरिए आईपीओ के लिए आवेदन करने के पात्र हो सकते हैं। साथ ही, ऐसे सभी पॉलिसीधारक आईपीओ के लिए रिजर्वेशन के तहत निवेश करने के हकदार हैं जो मैच्योरिटी, सरेंडर या पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु के चलते एलआईसी के रिकॉर्ड से बाहर नहीं हुए हैं।

# यदि आप एलआईसी का आईपीओ लेना चाहते हैं तो निम्नलिखित बातें अवश्य जानने की पहल करें

यदि आप एलआईसी का आईपीओ लेना चाहते हैं तो निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातें अवश्य जानने की पहल करें। क्योंकि देश का अब तक का सबसे बड़ा एलआईसी आईपीओ होली से पहले या फिर उसके तुरन्त बाद में आ सकता है। इसमें बीमाधारकों के लिए 10 फीसद हिस्सा रिजर्व रखा गया है। वहीं, सस्ते में शेयर पाने के लिए बीमाधारकों को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। ऐसे में यदि आप भी एलआईसी आईपीओ को लेने के लिए इच्छुक हैं तो निम्नलिखित बातें आपको अवश्य जाननी चाहिए।

पहली, यह दुनिया में किसी बीमा कंपनी का तीसरा सबसे बड़ा आईपीओ है। एसबीआई कैपिटल्स, सिटी ग्रुप, नोमुरा, जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन सचस सहित पांच अन्य घरेलू व वैश्विक इन्वेस्टमेंट बैंक इस आईपीओ के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर्स हैं। दूसरी, एलआईसी आईपीओ का पांच फीसद हिस्सा कर्मचारियों और 10 फीसद बीमाधारकों के लिए रिजर्व रखा गया है। तीसरी, एलआईसी के 26 करोड़ बीमाधारकों के लिए 3.16 करोड़ शेयर रिजर्व रखे गए हैं, लेकिन केवल वही बीमाधारक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं, जिनका पैन पॉलिसी से लिंक और डीमैट अकाउंट होगा। चौथी, इसका कुल 35 फीसद हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए है। यानी जिनके पास एलआईसी का बीमा है, वह अधिकतम चार लाख रुपये तक के शेयरों के लिए बोली लगा सकता है। वह पॉलिसीहोल्डर और रिटेल कैटगरी में बोली लगा सकता है। पांचवीं, यदि दोनों आवेदन एक ही डीमैट अकाउंट से किए जाते हैं, तब भी यह वैध माना जाएगा। बीमाधारकों के लिए कोई लॉकइन पीरियड नहीं होगा और वे लिस्टिंग के दिन ही शेयर बेच सकते हैं। छठी, बीमाधारकों के पास अपने नाम से डीमैट अकाउंट होना चाहिए। साथ ही उसे 28 फरवरी तक अपने पॉलिसी रेकॉर्ड में पैन अपडेट करना जरूरी है। पॉलिसी 13 फरवरी, 2022 को या उससे पहले जारी होनी चाहिए। सातवीं, समूह बीमा इसके लिए वैलिड नहीं है। नॉमिनीज और मृतक पॉलिसीहोल्डर की एन्युटी पा रहा जीवनसाथी इसके लिए आवेदन नहीं कर सकता है। आठवीं, https://linkpan.licindia.in/UIDSeedingWebApp/ पर पैन अपडेट किया जा सकता है। नौवीं, PAN-LIC स्टेटस जानने के लिए https://linkpan.licindia.in/UIDSeedingWebApp/getPolicyPANStatus पर जाएं। अपना पॉलिसी नंबर, जन्मतिथि और पैन डालें। इसके बाद कैप्चा डालकर सबमिट कर दें। दसवीं, किसी भी आईपीओ के लिए आवेदन करने या शेयरों की खरीद और बिक्री के लिए डीमैट होना जरूरी है। भारत में दो डिपॉजिटरीज एनएसडीएल और सीडीएसएल हैं। कई फाइनेंशियल संस्थाएं इन डिपॉजिटरीज में पार्टिसिपेंट हैं। इनमें से किसी के साथ भी डीमैट अकाउंट खोला जा सकता है। यदि किसी बीमाधारक के पास पहले से ही डीमैट अकाउंट है तो उसे नया खुलवाने की जरूरत नहीं है।

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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