क्या है बैंकिंग लोकपाल और यह कैसे करता है कार्य? जानिए पूरी जानकारी

Banking Lokpal

कई बार जब हम बैंक में कोई सर्विस लेते हैं या बैंक के द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं से ग्राहकों को कोई समस्या उत्पन्न होती हैं तो इन्हीं समस्याओं पर नजर रखने और इन समस्याओं के समाधान के लिए 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' के द्वारा एक बैंक लोकपाल नियुक्त किया जाता है।

हमारे पास रखे पैसे को सुरक्षित रखने का ख्याल जब हमारे मन में आता है, तब सबसे पहला नाम जो हमारे मन में आता है वो है बैंक का। अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए हम अपने पैसे बैंकों में डिपॉज़िट करते हैं, जिन पर एक निश्चित ब्याज भी हमें प्राप्त होता है। हमारे देश में तमाम बैंक मौजूद हैं जो लोगों को बेहतर सेवा प्रदान करते हैं।

इन सभी बैंकों पर नजर 'रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया' रखता है।

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क्या है बैंकिंग लोकपाल?

कई बार जब हम बैंक में कोई सर्विस लेते हैं या बैंक के द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं से ग्राहकों को कोई समस्या उत्पन्न होती हैं तो इन्हीं समस्याओं पर नजर रखने और इन समस्याओं के समाधान के लिए 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' के द्वारा एक बैंक लोकपाल नियुक्त किया जाता है। बैंक लोकपाल का कार्य बैंक व उपभोक्ता के बीच में सामंजस्य बिठाकर समस्याओं का समाधान करना है। ज्ञात हो कि बैंक लोकपाल की शुरुआत 1995 में की गई थी, लेकिन साल 2000 में इसे संशोधित किया गया और उसके बाद साल 2006 में इसे पुनः संशोधित करके नए तरीके से लागू किया गया। 

सामान्य तौर पर कहा जाए तो बैंक लोकपाल एक स्वतंत्र संस्था है जो 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' की देखरेख में कार्य करती है।

किन सुविधाओं के लिए की जाती है शिकायतें?

बैंकिंग के क्षेत्र में ज्यादातर शिकायतें चेक संबंधी, ड्राफ्ट की वसूली में देर करने की होती हैं। इसके अलावा एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड के प्रयोग में बाधा आने के लिए भी बैंकिंग लोकपाल में शिकायत की जा सकती है। इसके साथ कई बार बैंक द्वारा सिक्कों को नहीं लिए जाने शिकायत भी की जाती है। छोटे नोट को भी कई बार बैंक एक्सेप्ट नहीं करते हैं जिसको लेकर बैंक लोकपाल में शिकायत की जा सकती है। वहीं कई बार क्या होता है कि सरकारी टैक्स का भुगतान बैंक द्वारा नहीं स्वीकार करने को लेकर भी बैंकिंग लोकपाल में शिकायत कर लोगअपनी समस्या का समाधान पाते हैं। 

इसी प्रकार अगर कोई बैंक अपने ग्राहक को बिना कोई सूचना दिए टैक्स लगाता है तो भी हम लोकपाल में इसकी शिकायत कर सकते हैं।

कहाँ है मुख्यालय?

देशभर के 22 राज्यों में बैंक लोकपाल की नियुक्ति की गई है और इनका मुख्यालय उस राज्य के राजधानी में स्थित रहता है। वहीं बैंक लोकपाल के अंतर्गत सभी क्षेत्रीय बैंक सहित अनुसूचित वाणिज्य बैंक और अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंक भी इसमें शामिल होते हैं। अगर आप बैंक लोकपाल के एड्रेस संबंधी जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आपको भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट ( https://www.rbi.org.in/Scripts/AboutUsDisplay.aspx?pg=BankingOmbudsmen.htm ) पर सभी 22 लोकपाल के पते की जानकारी मिल जाएगी।

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कैसे करता है कार्य?

जब आप किसी बैंक से संबंधित शिकायत बैंक लोकपाल में करते हैं तो आपको डाक-विभाग या ईमेल के द्वारा आपको अपनी शिकायत करनी होती है। आपके शिकायत करने के 30 दिनों के अंदर इस पर सुनवाई की जाती है। इसके लिए आपको किसी सादे कागज पर अपनी शिकायत को लिख कर बैंकिंग लोकपाल के पते पर भेजना होता है। वहीं अगर आप ऑनलाइन शिकायत करना चाहते हैं तो आपको ( https://cms.rbi.org.in/cms/IndexPage.aspx?aspxerrorpath=/cms/cms/indexpage.aspx ) पर भेजना होता है। 

आप चाहें तो सभी बैंक की शाखा में भी एक फॉर्म मौजूद होता है जिस पर बैंक लोकपाल को सम्बंधित शिकायत की जा सकती है। आपके द्वारा भेजी गयी शिकायत के सन्दर्भ में 1 महीने में कार्यवाही की जाती है और सम्बंधित बैंक तथा ग्राहक के बीच लोकपाल समझौते के माध्यम से मामले को सुलझाने का प्रयास करता है। वहीं अगर बैंक लोकपाल को लगता है कि शिकायतकर्ता ने जानबूझकर गलत कंप्लेंट की है बैंक के खिलाफ और सिर्फ यह शिकायत परेशान करने के लिए की गई है तो वह आपके एप्लीकेशन को निरस्त भी कर सकता है। 

आपको यह जानकारी कैसी लगी, कमेन्ट-बॉक्स में अवश्य अपनी राय दें।

- मिथिलेश कुमार सिंह

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