Chaitra Purnima 2024: चैत्र पूर्णिमा व्रत होता है विशेष पुण्यदायी

Chaitra Purnima 2024
Prabhasakshi

पंडितों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन तीर्थ स्नान, दान, व्रत, और भगवान विष्णु की पूजा करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। चैत्र पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है।

हिन्दू धर्म में चैत्र पूर्णिमा व्रत का खास महत्व है। इस व्रत से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है तो आइए हम आपको चैत्र पूर्णिमा व्रत का महत्व एवं पूजा विधि के बारे में बताते हैं। 

जानें चैत्र पूर्णिमा के बारे में 

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा मनाई जाती है। इसे चैत्र पूर्णिमा और चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। पूर्णिमा के दिन चंद्र देव अपने पूर्ण आकार में होते हैं। चैत्र पूर्णिमा भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित मानी जाती है। साथ ही इस दिन शुभ फलों की प्राप्ति के लिए व्रत भी रखा जाता है। इस तिथि को भगवान सत्यनारायण की पूजा को भी विशेष महत्व दिया गया है। भक्तगण इस दिन व्रत भी रखते हैं। इस दिन की पूजा और व्रत, विशेष पुण्यदायी मानी गई है। इस दिन पूजा और व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि शुरूआत - अप्रैल 23, 2024 को सुबह 03:25 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त - अप्रैल 24, 2024 को सुबह 05:18 बजे

चैत्र माह की पूर्णिमा का महत्व 

पंडितों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन तीर्थ स्नान, दान, व्रत, और भगवान विष्णु की पूजा करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। चैत्र पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। इस दिन किए गए विष्णु पूजन से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। इस दिन चंद्रमा भी पूर्ण आकार में होता है। माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

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चैत्र पूर्णिमा व्रत के नियम भी हैं खास  

पंडितों के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन सत्य नारायण भगवान की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। रात के समय चंद्रमा को कच्चे दूध में चावल मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए। चंद्र देव के मंत्र 'ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमसे नम:' या 'ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:' का जाप करना चाहिए। चैत्र पूर्णिमा के दिन इन उपाय का पालन करने से व्यक्ति को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। चैत्र पूर्णिमा के दिन विष्णु जी के साथ लक्ष्मी जी की भी आराधना करनी चाहिए। ऐसा करने से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी की पूजा करना शुभ फलदाई होती है। इस दिन सुबह और शाम को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। वैवाहिक जीवन में आ रही समस्या के लिए चैत्र पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी को साथ मिलकर चंद्रदेव को अर्घ्य देना चाहिए।  चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी पड़ती है। इस दिन को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए इस दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) की पूजा फलदायी मानी गई है।

चैत्र पूर्णिमा तिथि और स्नान-दान का समय

पंडितों के अनुसार इस साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल सुबह 03 बजकर 25 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 24 अप्रैल सुबह 05 बजकर 18 मिनट पर होगा। उदयातिथि को ध्यान देते हुए चैत्र पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान 23 अप्रैल को होगा। अगर आप किसी भी प्रकार की विशेष पूजा कर रहें हैं या फिर गंगा स्नान करने की सोच रहे हैं, तो 23 अप्रैल को ही करें।

चैत्र पूर्णिमा के दिन करें इन चीजों का दान, मिलेगा लाभ

पंडितों के अनुसार पूर्णिमा के दिन चांदी का दान कर सकते हैं। पूर्णिमा के दिन दूध-दही का दान भी शुभ माना जाता है। चैत्र पूर्णिमा के दिन सफेद फूल का दान करने से चंद्रमा प्रसन्न होते हैं। अगर कुंडली में चंद्र दोष है तो पूर्णिमा के दिन सफेद वस्त्र का दान करें। पूर्णिमा के दिन वस्त्र, अन्न और धन का दान अत्यंत शुभ माना जाता है। चैत्र पूर्णिमा के दिन चावल और दूध-चावल, चीनी से बनी खीर का भी दान जरूर करें।

चैत्र पूर्णिमा पर करें ये काम, होगा पुण्यदायी

पंडितों के अनुसार भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें। इस दिन भगवान शिव की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। इस तिथि पर चंद्र मंत्र जाप करने से मानसिक तनाव दूर करने में मदद मिलती है। इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा के नीचे रखकर खाना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन गंगा नदी में पवित्र स्नान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ पर जोर देना चाहिए। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य देना चाहिए।

चैत्र पूर्णिमा पर न करें ये काम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा के इस शुभ दिन पर भूलकर भी तामसिक भोजन न खाएं। इस शुभ दिन पर शराब का सेवन करने से बचें। इस दिन अपने बाल और नाखून न काटें।  पूर्णिमा के दिन अपने जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद करने से बचें। इस दिन जुए में शामिल होना अशुभ माना जाता है। इस दिन मां का अपमान करने से जीवन में अशुभता आती है।

चैत्र पूर्णिमा पर ऐसे करें पूजा 

पंडितों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी काम करके शुभ मुहूर्त में स्नान कर लेना चाहिए। अब चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद दीपक जलाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करें। इसके बाद कनकधारा स्तोत्र और मंत्रों का जाप करें। अब आरती कर फल, खीर, मिठाई का भोग लगाएं। प्रसाद का वितरण करें। अंत में ब्राह्मण या गरीबों को श्रद्धा के अनुसार दान करें।

भगवान विष्णु के इन मंत्रों का जाप करें

पंडितों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा पर इन मंत्रों का जाप आपके लिए फायदेमंद होगा। 

ॐ नमो : नारायणाय

ॐ नमो : भगवते वासुदेवाय

शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

- प्रज्ञा पाण्डेय

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