कब है गुड़ी पड़वा? जानिए शुभ मुहूर्त और इस पर्व का महत्व

gudi padwa

चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को को चैत्र नवरात्रि और गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन से नए हिंदू वर्ष की शुरुआत होती है। इस बार 2 अप्रैल (शनिवार) को गुड़ी पड़वा है। इसे पच्चड़ी, उगादी और संवत्सर पड़वो के नाम से भी जाना जाता है।इस दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी।

हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को को चैत्र नवरात्रि और गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन से नए हिंदू वर्ष की शुरुआत होती है। इस बार 2 अप्रैल (शनिवार) को गुड़ी पड़वा है। इसे पच्चड़ी, उगादी और संवत्सर पड़वो के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। यह पर्व कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश में मनाया जाता है। इसलिए इसी दिन से विक्रम संवत का नया साल भी शुरू होता है। इस दिन दुनिया में पहला सूर्योदय हुआ था। भगवान ने इस प्रतिपदा तिथि को सर्वश्रेष्ठ तिथि कहा था। इसलिए इसे सृष्टि का प्रथम दिन भी कहा जाता है। सृष्टि का पहला दिन गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है। 

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गुड़ी पड़वा शुभ मुहूर्त 

प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 1 अप्रैल (शुक्रवार) को सुबह 11 बजकर 53 मिनट से

प्रतिपदा तिथि समाप्त- 2 अप्रैल (शनिवार) को रात 11 बजकर 58 मिनट तक

गुड़ी पड़वा को बन रहा खास संयोग

इस साल गुड़ी पड़वा के दिन खास संयोग बन रहा है। इस दिन इंद्र योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। अमृत सिद्धि योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग 1 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 2 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 11 मिनट तक हैं। वहीं इंद्र योग 2 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक है।

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गुड़ी पड़वा का महत्व 

गुड़ी पड़वा दो शब्दों को जोड़कर बना है- ‘गुड़ी’ जिसका अर्थ है ‘विजय पताका’ और पड़वा जिसका अर्थ है प्रतिपदा तिथि। माना जाता है कि इसी दिन सतयुग का पहला सूर्योदय हुआ था। इसी दिन से विक्रम संवत का नया साल भी शुरू होता है। आपको बता दें कि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को घर के बाहर आम के पत्ता का तोरण और ध्वज लगाना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन मां दुर्गा और भगवान श्रीराम की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों में मीठी रोटी पूरन पोली बनाते हैं। कहा जाता है कि खाली पेट पूरन पोली खाने से चर्म रोग की समस्या भी दूर होती है।

- प्रिया मिश्रा

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