Yamuna Chhath 2024: कब है यमुना छठ और क्यों मनाई जाती है? जानें इसका महत्व
चैत्र महीने में यमुना छठ का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन यमुना नदी में नहाने से यमदंड नहीं सेहना पड़ता। शनि भी प्रसन्न होते हैं जानें यमुना छठ 2024 कब है और इसका महत्व। शास्त्रो के मुताबिक इस धरती पर देवी यमुना अवतरित हुईं थी। इसलिए इसे यमुना जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन यमुना छठ मनाया जाता है, यह त्योहार मथुरा और वृंदावन और गुजरात में बहुत ही भव्य तरीके से मनाया जाता है। शास्त्रो के मुताबिक इस धरती पर देवी यमुना अवतरित हुईं थी। इसलिए इसे यमुना जयंती के नाम से भी जाना जाता है। भारत में कई सारी नदिया हैं इन में से एक है यमुना नदी जो काफी पवित्र है। यमुना छठ के दिन यमुना नदी में स्नान करना विशेष महत्व है, कहा जाता है कि इससे यम के यातनाएं नहीं झेलनी पड़ती जानें यमुना छठ 2024 की डेट कब है और इसका शुभ मुहूर्त और महत्व।
यमुना छठ 2024 डेट
हिंदू कैलेंडर के अनुसार यमुना छठ 14 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। इसे चैती छठ के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं में देवी यमुना को भगवान श्री कृष्ण की पत्नी माना जाता है। इसी वजह से यमुना मुख्य रुप से ब्रजवासियों में ज्यादा पूजनीय हैं।
यमुना छठ 2024 मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 13 अप्रैल 2024 को दोपहर 12 बजकर 04 मिनट पर शुरु होगी। इसकी समाप्ति 14 अप्रैल 2024 को सुबह 11 बजकर 43 पर होगी। इस दिन सूर्योदय से पूर्व यमुना नदी में स्नान कर पूजा, पाठ करें।
- स्नान- दान समय- सुबह 04.47- सुबह 5.12
- रवि योग- सुबह 05.56- प्रातः 1.35, 15 अप्रैल
- त्रिपुष्कर योग- प्रातः 01.35 - सुबह 05.55, 15 अप्रैल
यमुना छठ का महत्व
सनातन धर्म में गंगा को ज्ञान की देवी और यमुना को भक्ति का सागर माना गया है। ऐसा माना जाता है कि यमराज ने यमुना को ये वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति यमुना नदी में स्नान करेगा।, उसे यमलोक नहीं जाना पड़ेगा। इसी वजह से यमुना जंयती के दिन ब्रज यमुना में आस्था की डूबकी लगाई जाती है। यमुना में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। शनि की शुभता भी प्राप्त होती क्योंकि देवी यमुना सूर्य और छाया की पुत्री हैऔर मुत्य के देवता यमराज और शनि देव की बहन मानी जाती है।
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