पैसे की बढ़ती चाहत से सचेत करती ''मोह माया मनी''

प्रीटी । Nov 29, 2016 1:10PM
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ''मोह माया मनी'' उस मध्य वर्ग की कहानी है जो उच्च वर्ग में शामिल होने के लिए शॉटकट तरीका अपनाने पर आमादा है लेकिन इस चक्कर में वह कहीं का नहीं रहता।

इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'मोह माया मनी' उस मध्य वर्ग की कहानी है जो उच्च वर्ग में शामिल होने के लिए शॉटकट तरीका अपनाने पर आमादा है लेकिन इस चक्कर में वह कहीं का नहीं रहता। पैसे को किसी भी तरह कमाने के लिए आदमी किस कदर गिर सकता है यह कहानी में दिखाया गया है। लेकिन प्रस्तुतिकरण अच्छा नहीं होने के कारण फिल्म से आपको निराशा होगी। फिल्म देखकर आपको लगेगा कि निर्देशक को फिल्म शुरू करने और फिर खत्म करने की बहुत जल्दी थी। फिल्म का अंत ऐसे मोड़ पर अचानक हो जाता है कि दर्शक खुद को ठगा-सा महसूस करते हैं।

फिल्म की कहानी अमन वर्मा (रणवीश शौरी) और उसकी पत्नी दिव्या (नेहा धूपिया) के इर्दगिर्द घूमती है। यह दोनों दिल्ली में रहते हैं और चाहते हैं कि रातों रात अमीर बन जाएं। अमन और दिव्या साथ रहते जरूर हैं लेकिन दोनों के बीच रिश्ते ठीक नहीं हैं। अमन एक प्रॉपर्टी डीलर कंपनी में सेल्स टीम में काम करता है और उसके प्रदर्शन की बदौलत कंपनी के बॉस उससे काफी खुश रहते हैं और उस पर काफी विश्वास भी करते हैं लेकिन वह एक दिन कंपनी के साथ धोखाधड़ी के मामले में पकड़ा जाता है तो उसे निकाल दिया जाता है। अब शुरू होता है अमन का एक ऐसा सफर जहां वह जुर्म की दुनिया में ना चाहते हुए भी प्रवेश करने को मजबूर होता है।

अभिनय के मामले में रणवीर शौरी ने कमाल का काम किया है। वह दिल्ली के ही हैं इसलिए प्रॉपर्टी डीलर के ठेठ अंदाज में उन्होंने समां बांध दिया है। नेहा धूपिया का काम भी दर्शकों को पसंद आएगा। अन्य सभी कलाकार सामान्य रहे। गीत-संगीत कामचलाऊ है। निर्देशक मुनीश भारद्वाज पटकथा के साथ पूरा न्याय नहीं कर पाये और कई जगह फिल्म धीमी गति से आगे बढ़ते हुए भी प्रतीत होती है। फिल्म का क्लाइमेक्स इसका सबसे कमजोर पक्ष है क्योंकि यह अधूरा-सा लगता है।

कलाकार- रणवीर शौरी, नेहा धूपिया, देवेंद्र चौधरी।

निर्देशक मुनीश भारद्वाज।

- प्रीटी

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