हल्के फुल्के अंदाज में रिश्तों की गर्माहट महसूस कराती है खजूर पे अटके
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ''खजूर पे अटके'' आपको हल्के फुल्के अंदाज में मानवीय मूल्यों का अहसास कराती है। ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में हम कैसे अपने रिश्ते नातों को भूलते जा रहे हैं।
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'खजूर पे अटके' आपको हल्के फुल्के अंदाज में मानवीय मूल्यों का अहसास कराती है। ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में हम कैसे अपने रिश्ते नातों को भूलते जा रहे हैं और कैसे हर रिश्ते पर हमारा स्वार्थ हावी हो रहा है, इन्हीं सब चीजों को निर्देशक हर्ष छाया ने बड़ी ही खूबसूरती के साथ पर्दे पर पेश किया है। फिल्म की स्टार कास्ट भले बहुत बड़ी ना हो लेकिन अगर कहानी में दम हो तो छोटे बजट की फिल्म भी बड़ा कमाल कर जाती है। खजूर पे अटके से भी बड़ा कमाल दिखाने की उम्मीद की जा रही है।
फिल्म की कहानी देविंदर शर्मा के जीवन पर आधारित है। देविंदर मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती है और अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। यह खबर सुनकर मुंबई से दूर रहने वाले उसके दो भाई और बहन का परिवार वहां आ जाता है। हालांकि इनको यहां आने के लिए अपने घर वालों का विरोध भी झेलना पड़ता है क्योंकि हवाई जहाज की टिकटें महंगी होती हैं लेकिन लोकलाज के डर के चलते यह सभी रिश्तेदार अस्पताल में आ तो जाते हैं लेकिन जब देविंदर की सांसें बढ़ती जाती हैं तो इन्हें तकलीफ होने लगती है। उसके भांजे लड़कियों को इशारेबाजी में लग जाते हैं और डांस बार आदि चले जाते हैं। एक रिश्तेदार की लड़की एक्टिंग के लिए ऑडिशन देने चली जाती है तो भाई की बीवी अपना हुलिया ठीक कराने के लिए ब्यूटी पार्लर जाती है। यही नहीं देविंदर की पत्नी को भी खाने पीने से फुर्सत नहीं है तो उसका लड़का भी अपनी गर्लफ्रैंड के साथ बिजी है। आखिरकार देविंदर इस दुनिया से चला जाता है लेकिन जाते-जाते अपने रिश्तेदारों को बड़ी सीख देकर चला जाता है।
अभिनय के मामले में मनोज पाहवा कमाल के रहे। सीमा भार्गव का काम भी अच्छा रहा। विनय पाठक, अलका अमीन, सना कपूर और डॉली अहलूवालिया का किरदार भी दर्शकों को पसंद आयेगा। फिल्म की सबसे बड़ी खासियत इसकी कहानी है जो कहीं भी जरा-सी भी भटकी नहीं है। फिल्म का गीत-संगीत सामान्य है। निर्देशक हर्ष छाया की यह फिल्म आपका अच्छा टाइम पास करेगी इसलिए इसे एक बार देखा जा सकता है।
कलाकार- मनोज पाहवा, सीमा भार्गव, विनय पाठक, अलका अमीन, डॉली अहलूवालिया, सुनीता सेनगुप्ता, सना कपूर और निर्देशक हर्ष छाया।
प्रीटी
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