''जजमेंटल है क्या'' की जान हैं कंगना रनौत और राजकुमार राव

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रेनू तिवारी । Jul 26 2019 6:43PM

फिल्म का ये सफर काफी दिलचस्प है। फिल्म में रामायण के संवादों ने फिल्म के डायलॉग में नया-पन डाल दिया है। जैसे- अब तक रावण सीता की खोज में था, अब सीता रावण को ढूंढ़ेगी। अगर आप फिल्म देखने जा रहे हैं जो पढ़ लिजिए ''जजमेंटल है क्या'' मूवी रिव्यू-

लंबे समय से विवादों में रही कंगना रनौत की 'जजमेंटल है क्या' बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई है। कंगना रनौत और राजकुमार राव की फिल्म का नाम पहले 'मेंटल है क्या' था लेकिन डॉक्टरों के विरोध के बाद फिल्म का नाम बदल कर 'जजमेंटल है क्या' कर दिया गया। साइकोलॉजी पर आधारित ये फिल्म दुनिया को देखने का एक अलग नजरिया आपको समझाएगी। फिल्म में बचपन से ट्रामा की शिकार बॉबी (कंगना रनौत) अपने आसपास के लोगों को किस तरह से देखती है और कैसे एक मर्डर मिस्ट्री, फिल्म को थ्रिलर बना देती है। फिल्म का ये सफर काफी दिलचस्प है। फिल्म में रामायण के संवादों ने फिल्म के डायलॉग में नया-पन डाल दिया है। जैसे- अब तक रावण सीता की खोज में था, अब सीता रावण को ढूंढ़ेगी। अगर आप फिल्म देखने जा रहे हैं जो पढ़ लिजिए 'जजमेंटल है क्या' मूवी रिव्यू- 

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फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी एक ट्रॉमा से ग्रसित लड़की बॉबी की है। बचपन में बॉबी के साथ एक अप्रिय घटना हो जाती है जिसकी वजह से वह दिमागी रूप से बीमार हो जाती हैं। वह आम लोगों की तरह ही जिंदगी जीने की कोशिश करती हैं लेकिन बचपन में हुई घटना उसका साथ नहीं छोड़ती। बॉबी जल्दी कुछ समझ नहीं पाती उसे सच और झूठ में फर्क करना नहीं आता। फिल्म में बॉबी को लोग मेंटल कहते हैं लेकिन बॉबी को अपनी बीमारी से कोई फर्क नहीं पड़ता वो कहती हैं कि मैं अपनी मेंटल दुनियां में बेहद खुश हूं। 

फिल्म में बॉबी यानी की कंगना एक डबिंग आर्टिस्ट हैं वह जब भी कोई भी किरदार निभाती हैं तो उस किरदार में पूरी तरह से घुस जाती हैं। बॉबी किरदार को खुद में उतार लेती हैं और अपने आपको किरदार की तरह समझकर डबिंग करती हैं। अपनी ही दुनियां में मनमग्न बॉबी को जिंदगी तब बदल जाती हैं जब फिल्म में केशव (राजकुमार राव) की एंट्री होती है। केशव के खुशहाल परिवार को बॉबी समझने की कोशिश करती है, लेकिन बॉबी को केशव की खुशहाल जिंदगी समझ नहीं आती उसे लगता हैं कि कोई इतना परफेक्ट कैसे हो सकता है। फिल्म में मोड़ तब आता है जब केशव की पत्नी (अमायरा दस्तूर) की हत्या हो जाती हैं और कहानी उलझ जाती है, बॉबी को केशव पर शक होता हैं और केशव को बॉबी पर.. शक की सुई घूमती रहती है। अब कत्ल किसने किया हैं इसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

अभिनय 

फिल्म के अभिनय की बात करें तो फिल्म 'जजमेंटल है क्या' की जान हैं राजकुमार राव और कंगना रनौत। फिल्म की कहानी का सारा कार्यभार राजकुमार राव और कंगना रनौत के कंधे पर है। फिल्म की काहानी कहीं-कहीं टूटती नजर आ रही है। लेकिन कंगना के जानदार अभिनय ने टूटती कहानी को संभाल लिया हैं। अमायरा दस्तूर, अमृता पूरी, जिमी शेरगिल, सतीश कौशिक, हुसैन दलाल ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है।

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डायरेक्शन

फिल्म का निर्देशन प्रकाश कोवलामुदी ने किया है। प्रकाश ने फिल्म को काफी अच्छे तरीके से बना कर दर्शकों के सामने परोसा है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग दोनों शानदार है। फिल्म की लाइट्स और म्यूजिक के साथ खेलते हुए प्रकाश ने फिल्म में बज डाल दिया है। म्यूजिक में वखरा स्वाग लजवाब है। फिल्म के बेसिक संदेश को प्रकाश ने साइकोलॉजिकल थ्रिलर के जरिए देने की कोशिश की है। कुछ हद तक वह सफल भी रहे हैं। 

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