निर्देशक तिग्मांशु धूलिया की बेहतरीन पेशकश ''राग देश''
फिल्म में मनोरंजन की दृष्टि से तो बहुत कुछ नहीं है लेकिन राष्ट्रीय गौरव की बढ़ती भावना के दौर में देशभक्ति की और फीलिंग लेना चाहते हैं तो इस फिल्म को एक बार जरूर देखना चाहिए।
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'राग देश' आर्मी के तीन ऐसे अफसरों की कहानी है जिन पर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है और कहानी में दिखाया गया है कि वह कैसे अपने आप को बेगुनाह साबित करते हैं। निर्देशक तिग्मांशु धूलिया ने इस फिल्म को बनाने में वाकई बड़ी मेहनत की है यह बात हर जगह नजर आती है। फिल्म में मनोरंजन की दृष्टि से तो बहुत कुछ नहीं है लेकिन यदि आप कुछ अलग हट कर देखना चाहते हैं और राष्ट्रीय गौरव की बढ़ती भावना के दौर में देशभक्ति की और फीलिंग लेना चाहते हैं तो इस फिल्म को एक बार जरूर देखना चाहिए।
फिल्म की कहानी मेजर जनरल शाहनवाज़ खान (कुणाल कपूर), लेफ्टिनेंट कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों (अमित साध) और कर्नल प्रेम सेहगल (मोहित मारवा) के इर्दगिर्द घूमती है। सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नैशनल आर्मी के ये तीन अधिकारी, दूसरे विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों को भगाकर भारत में फिर से प्रवेश के लिए सैनिकों को एकजुट करते हैं। खान, ढिल्लों और सहगल को ब्रिटिश भारतीय सेना के खिलाफ षड्यंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाता है। दूसरी तरफ, उनके वकील भुलाभाई देसाई (केनेथ देसाई) आरोपों को सुलझाने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ पेश करने की कोशिश करते हैं।
अभिनय के मामले में कुणाल कपूर प्रभावी रहे। अमित साध और मोहित मारवा का काम भी दर्शकों को पसंद आयेगा। फिल्म के अन्य कलाकारों से भी निर्देशक अच्छा काम लेने में सफल रहे हैं। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की जान है। निर्देशक तिग्मांशु धूलिया ने कहानी को बड़े ही शानदार तरीके से बयां किया है। निर्देशक ने फिल्म में सत्यता को साबित करने के लिए काफी मेहनत की और वह आजादी से पहले के माहौल को ठीक उसी तरह से रीक्रिएट कर पाने में सफल रहे।
कलाकार- कुणाल कपूर, अमित साध, मोहित मारवाह और निर्देशक तिग्मांशु धूलिया।
- प्रीटी
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