कार्डियो से जुड़े इन मिथ्स पर ना करें भरोसा

cardio exercise
Creative Commons licenses
मिताली जैन । Jul 10 2022 10:17AM

कार्डियो एक्सरसाइज को लेकर अक्सर लोगों के मन में यह धारणा होती है कि कार्डियो को हमेशा एक्सरसाइज की शुरुआत में ही करना चाहिए। दरअसल, उनका यह मानना होता है कि यह उनके शरीर को गर्म करने में मदद करता है और इससे उन्हें एक्सरसाइज करने में मदद मिलती है।

फिट रहने के लिए एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर, जब व्यक्ति एक्सरसाइज करना शुरू करता है तो सबसे पहले वह कार्डियो करने का ही मन बनाते हैं। कार्डियोवैस्कुलर स्ट्रेन्थ को मजबूत रखने के लिए कार्डियो सबसे अच्छे व्यायामों में से एक है। यह आपके फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और आपके फील-गुड एंडोर्फिन को बढ़ाता है। इसके अलावा, कार्डियो एक्सरसाइज करने से कैलोरी बर्न होती है और इससे वजन कम करने में मदद मिलती है। कार्डियो एक पॉपुलर एक्सरसाइज है, जिसे लेकर लोगों के मन में कई तरह के मिथ्स होते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कार्डियो से जुड़े मिथ्स व उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-

मिथ 1- एक्सरसाइज की शुरुआत में करनी चाहिए कार्डियो एक्सरसाइज

सच्चाई- कार्डियो एक्सरसाइज को लेकर अक्सर लोगों के मन में यह धारणा होती है कि कार्डियो को हमेशा एक्सरसाइज की शुरुआत में ही करना चाहिए। दरअसल, उनका यह मानना होता है कि यह उनके शरीर को गर्म करने में मदद करता है और इससे उन्हें एक्सरसाइज करने में मदद मिलती है। वहीं, कुछ लोग सोचते है कि पहले कार्डियो करने से स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करने में समस्या होती है। हर किसी का एक्सरसाइज को लेकर एक अलग तर्क हो सकता है। हालांकि, सच्चाई यह है कि वास्तव में कसरत करने का कोई सही या गलत तरीका नहीं है और यह हर व्यक्ति की इच्छा के अनुसार अलग हो सकता है।

इसे भी पढ़ें: Monsoon Health Tips: डेंगू, मलेरिया का बढ़ा कहर, ये आसान टिप्स रखें आपको बीमारियों से कोसों दूर

मिथ 2- सिर्फ कार्डियो से कम होगा वजन

सच्चाई- बहुत से लोग यह सोचते हैं कि वजन कम करने के लिए कार्डियो ही करना चाहिए। यकीनन कार्डियो अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने में मददगार होती है। लेकिन सिर्फ कार्डियो से ही वजन कम होगा, यह मिथ गलत है। आपका वजन कम करने में स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग से लेकर डाइट तक एक अहम् रोल अदा करती है। इसलिए, अगर आप हेल्दी तरीके से वजन कम करना चाहते हैं तो ऐसे में आप कार्डियो के साथ-साथ स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग पर भी उतना फोकस करें।

इसे भी पढ़ें: सेहत और त्वचा के लिए फायदेमंद है कच्चा दूध, लाभ जानकर हैरान रह जाएंगे आप

मिथ 3- एरोबिक व्यायाम कार्डियो के समान नहीं है

सच्चाई- अधिकांश लोग जिसे कार्डियो कहते हैं, वह वास्तव में एरोबिक व्यायाम है। जबकि सच्चाई यह है कि एरोबिक व्यायाम कार्डियो हैं लेकिन सभी कार्डियो एरोबिक नहीं हैं। कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज कोई भी ऐसी एक्टिविटी है जो आपके हृदय गति को बढ़ाती है। इसलिए इसमें बागवानी, पैदल चलना, और दौड़ना शामिल हो सकता है। इसके अलावा, साइकिल चलाना और डांस करना आदि भी कार्डियो एक्सरसाइज में शामिल है।

- मिताली जैन

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़