क्या है कीटोजेनिक डाइट, जानिए इसके लाभ और नुकसान

keto diet
मिताली जैन । Mar 28 2020 9:56AM

कीटोजेनिक डाइट इस सिद्धांत पर आधारित है कि कार्बोहाइड्रेट के शरीर को कम करके, जो ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है, आप शरीर को ईंधन के लिए वसा जलाने के लिए मजबूर कर सकते हैं, जिससे वजन घटाने को अधिकतम किया जा सकता है।

आज के समय में लोग फिट रहने के लिए एक्सरसाइज के अलावा खान−पान पर भी पूरा ध्यान देते हैं और यह बेहद जरूरी भी है। ऐसा माना जाता है कि यह डाइट वजन कम करने में कारगर है और इसलिए लोगों के बीच इसका काफी क्रेज है। कीटोजेनिक डाइट को लोग बिना सोचे−समझे ही फॉलो करने लग जाते हैं। अगर आप भी इसे फॉलो कर रहे हैं तो आपको पहले यह पता होना चाहिए कि आखिर यह डाइट क्या है और किस तरह काम करती है। साथ ही अगर आप इस डाइट को फॉलो कर रहे हैं तो आपको किन−किन बातों का खास ख्याल रखना होगा। तो चलिए जानते हैं कीटोजेनिक डाइट के बारे में−

इसे भी पढ़ें: नौ दिनों के उपवास में करें संतुलित भोजन, नहीं तो बिगड़ सकती है सेहत

क्या है कीटोजेनिक डाइट

कीटोजेनिक डाइट इस सिद्धांत पर आधारित है कि कार्बोहाइड्रेट के शरीर को कम करके, जो ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है, आप शरीर को ईंधन के लिए वसा जलाने के लिए मजबूर कर सकते हैं, जिससे वजन घटाने को अधिकतम किया जा सकता है। जब आप ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जिनमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं, तो शरीर उन कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज, या रक्त शर्करा में परिवर्तित कर देता है, जो इसके बाद ऊर्जा के लिए उपयोग होता है। लेकिन कीटोजेनिक डाइट का लक्ष्य कार्बोहाइड्रेट सेवन को प्रतिबंधित करना है ताकि शरीर को ऊर्जा के लिए वसा को तोड़ना पड़े। जब ऐसा होता है, तो लिवर में वसा टूट जाती है, जिससे केटोन्स का उत्पादन होता है। इन कीटोन्स का उपयोग ग्लूकोज की अनुपस्थित मिें शरीर को ईंधन देने के लिए किया जाता है।

ऐसी होती है डाइट

एक कीटो डाइट में आप ज्यादातर वसा और बहुत कम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं। एक आदर्श कीटो डाइट में 75 प्रतिशत वसा, 20 प्रतिशत प्रोटीन और पांच प्रतिशत कार्ब होते हैं। कीटो डाइट में अंडे, मीट, फुल−फैट डेयरी, पत्तेदार सब्जियां और बिना स्टार्च की सब्जियां, एवोकाडो, ऑलिव ऑयल आदि को शामिल किया जाता है।

इसे भी पढ़ें: नवरात्रि व्रत के दौरान न करें सेहत की अनदेखी, अपनाएं यह तरीके

लाभ और नुकसान

कीटो डाइट के अगर लाभों की बात हो तो अगर इस डाइट को सही तरह से फॉलो किया जाए तो इससे वजन कम होता है। इस डाइट को फॉलो करते समय बॉडी का वाटर वेट कम होने लगता है, तो इससे वजन भी तेजी से कम होता है। वहीं इसके दुष्प्रभावों में मुंह से बदबू आना, कब्ज, सिरदर्द, जी मचलाना, उल्टी, नींद न आना जैसी परेशानियां होती है।

नहीं है इतनी आसान

कुछ लोग दूसरों की देखा−देखी इस डाइट को फॉलो करने लग जाते हैं, लेकिन वास्तव में इस डाइट का पालन करना इतना भी आसान नहीं है, क्योंकि इसमें कई तरह के प्रतिबंध होते हैं और लंबे समय तक इस डाइट को फॉलो करना काफी मुश्किल होता है। इसके अलावा अगर आप मधुमेह पीडि़त हैं या रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए दवाईयों का सेवन कर रहे हैं तो आपको इस डाइट का पालन बेहद सोच−समझकर करना चाहिए।

- मिताली जैन

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़