कामकाजी महिलाओं को होती है ये बीमारियां जानिए बचने के उपाय
सुपरवुमन बनने के चक्कर में महिलाएं अपने सिर पर ढेर सारी ज़िम्मेदारियां ले लती हैं और जब वो पूरी नहीं हो पाती तो तनाव और अवसाद का शिकार हो जाती हैं। अध्ययन के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाएं तनाव का शिकार ज़्यादा होती हैं, क्योंकि उनके ऊपर ऑफिस के साथ ही घर की भी कई ज़िम्मेदारियां होती हैं।
घर और ऑफिस संभालने के चक्कर में अधिकांश कामकाजी महिलाएं अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ करती रहती हैं। इस लापरवाही की वजह से ही कई बार वो गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाती है। सुबह ऑफिस जाने की जल्दबाज़ी में ठीक से नाश्ता न कर पाना, वर्कप्रेशर की वजह से लंच जल्बाज़ी में खत्म करना आदि का असर देर-सबेर उनकी सेहत पर दिखने लगता है। वर्किंग वुमन ज़्यादातर लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार होती हैं। एक सर्वे के मुताबिक, 20 से 40 साल की महिलाएं सबसे ज़्यादा लाइफस्टाइल डिसिज़ का शिकार होती हैं
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डायबिटीज़
कामकाजी महिलाओं को होने वाली यह एक आम बीमारी है। डायबिटीज़ की वजह से वो कई और बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं। डायबिटीज़ का शिकार होने पर शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, इसमें पेंक्रियाज़ ग्रंथी सुचारू रूप से काम करना बंद कर देती है। इस ग्रंथि में इंसुलिन के अलावा कई तरह के हार्मोंस निकलते हैं।
बचने के उपाय- डायबिटीज़ होने पर खाने-पीने में बहुत परहेज़ की ज़रूरत होती है, साथ ही थोड़ी देर के अंतराल पर कुछ न कुछ खाते रहना ज़रूरी है। यदि आप इस बीमारी से बचना चाहती हैं तो शुरुआत से ही अपनी सेहत के प्रति सतर्क रहे और डायट के साथ ही एक्सरसाइज़ के लिए भी थोड़ा समय निकालें।
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डिप्रेशन
सुपरवुमन बनने के चक्कर में महिलाएं अपने सिर पर ढेर सारी ज़िम्मेदारियां ले लती हैं और जब वो पूरी नहीं हो पाती तो तनाव और अवसाद का शिकार हो जाती हैं। अध्ययन के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाएं तनाव का शिकार ज़्यादा होती हैं, क्योंकि उनके ऊपर ऑफिस के साथ ही घर की भी कई ज़िम्मेदारियां होती हैं। एक रिसर्च के मुताबिक तनावग्रस्त रहने वाले लोगों को दिल की बीमारियां होने का खतरा सामान्य लोगों से 40 फीसदी तक अधिक होता है।
बचने के उपाय- महिलाओं को बाकी चीज़ों के साथ ही अपना भी ध्यान रखना चाहिए, इसलिए ज़रूरी है कि वह उतनी ही ज़िम्मेदारी लें जितनी की निभा पाएं। बाकी काम में पति और परिवारवालों की मदद लें। तनाव से बचने के लिए पर्याप्त नींद भी ज़रूरी है। तनाव कम करने के लिए हफ्ते में एक दिन कोई हॉबी या शौक के लिए थोड़ा समय निकालें।
मोटापा
आजकल बच्चों के साथ ही महिलाओं के लिए भी मोटापा गंभीर समस्या बनती जा रही है। वज़न बढ़ने पर और भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती है। मोटापा बढ़ने की बड़ी वजह समय पर नहीं खाना, एक्सरसाइज़ की कमी, जंक फूड की आदत आदि है। वज़न बढ़ने पर जोड़ों में दर्द और त्वचा पर स्ट्रेस मार्क्स भी आ जाते हैं।
बचने के उपाय- वज़न कम करने के लिए सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीएं। डायट में प्रोटीन से भरपूर चीजें जैसे दाल, नट्स और सीड्स को शामिल करें। खाना समय पर खाएं और जंकफूड से पूरी तरह दूर रहें। रोज़ाना कम से कम आधे घंटे की एक्सरसाइज़ या वॉक भी ज़रूरी है।
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ऑस्टियोपोरोसिस
एक रिसर्च के मुताबिक, हर दस में से चार महिलाएं इस बीमारी का शिकार होती हैं। इसमें हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं और जोड़ों में बहुत दर्द होता है। ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से हड्डियां टूटने का भी डर रहता है। इस बीमारी की वजह है कैल्शियम, विटामिन डी और मिनरल्स की कमी। जब लंबे समय तक शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है ऑस्टियोपोरोसिस होता है।
बचने के उपाय- अपनी डायट में कैल्शियम, मिनरल्स से भरपूर चीज़ें शामिल करें। बादाम और रोज़ाना दूध ज़रूर पीएं। सुबह की धूप विटामिन डी का बेहतरीन स्रोत है, हो सके तो सुबह आधे घंटे धूप सेंकें।
- कंचन सिंह
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