सबके घर मां दीवाली कर दो (कविता)
अमृता गोस्वामी । Oct 18 2017 10:34AM
वरिष्ठ लेखिका अमृता गोस्वामी द्वारा रचित कविता ''सबके घर माँ दीवाली कर दो'' में दीवाली के महत्व के साथ ही सामाजिक संदेश पर भी प्रकाश डाला गया है।
वरिष्ठ लेखिका अमृता गोस्वामी द्वारा रचित कविता 'सबके घर माँ दीवाली कर दो' में दीवाली के महत्व के साथ ही सामाजिक संदेश पर भी प्रकाश डाला गया है।
दीपावली की रात सुहानी,
धरती पर ले आई रवानी।
दीप जगमगा उठे हैं ऐसे,
सैंकड़ों तारे आसमान पे जैसे।
रोज़ निहारती धरती आकाश को,
आज निहारे आकाश धरती को।
लक्ष्मी जी का हो रहा आगमन,
साफ-सफाई से सजा है आंगन।
लाई बताशे मिठाई पटाखे,
नए-नए वस्त्र और नए मांडने।
स्वागत की है तैयारी जोरों पर,
सजी रंगोली, द्वार सजे घर।
लक्ष्मी माता आओ पधारो,
मुस्कान चेहरों पर सबके ला दो।
आपके बिना है सब जग सूना,
जीवन सूना हर घर सूना।
दीवाली पर सब रोशन कर दो,
सबके घर मां दीवाली कर दो।
- अमृता गोस्वामी
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