‘चीन अमेरिकी बलों को रोकने के लिए कर सकता है बीआरआई परियोजनाओं का इस्तेमाल''

चीन बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव (बीआरआई) का इस्तेमाल विभिन्न देशों पर अमेरिकी बलों को अपना अड्डा बनाने, आवाजाही या अभियानों के संचालन एवं साजो सामान की आपूर्ति से वंचित करने की खातिर ''''दबाव डालने’’ के लिए कर सकता है।
वाशिंगटन। चीन बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव (बीआरआई) का इस्तेमाल विभिन्न देशों पर अमेरिकी बलों को अपना अड्डा बनाने, आवाजाही या अभियानों के संचालन एवं साजो सामान की आपूर्ति से वंचित करने की खातिर ''दबाव डालने’’ के लिए कर सकता है। अमेरिका के एक शीर्ष एडमिरल ने कहा कि चीन ऐसा अमेरिका के प्रभाव को कम करने और ‘‘क्षेत्र में स्पष्ट रूप से आधिपत्य जमाने’’ के उद्देश्य से कर सकता है। चीन का महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव प्राचीन रेशम मार्ग को नया रूप देते हुए एशिया, यूरोप एवं अफ्रीका के बीच रेल, समुद्री एवं सड़क संपर्क का निर्माण करने की परियोजना है। अमेरिकी प्रशांत कमान के प्रमुख पद के लिए नामित एडमिरल फिलिप एस डेविडसन ने पद के लिए अपनी पुष्टि की सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा कि चीन पूरी दुनिया में अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाहता है।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन के बढ़ते वैश्विक हितों, खासकर उसकी बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव से जुड़ी परियोजनाओं के कारण वह तेजी से क्षेत्र से इतर ध्यान दे रहा है।’’ डेविडसन ने कहा, ‘‘चीन हिंद महासागर क्षेत्र में तैनाती को नियमित एवं सतत बनाए रखने के लिए जरूरी महत्वपूर्ण साजो सामानों के संबंध में अग्रिम रूप से तैयारी कर रहा है ताकि विदेशी बंदरगाहों तक अपना संपर्क बढ़ा सके। विदेशों में इस तरह के व्यापक साजो सामान की तैनाती एवं अपने अड्डे बनाने से चीन को अपने यहां से काफी ज्यादा दूरी पर अपनी सैन्य ताकत दिखाने एवं उसे बनाए रखने में मदद मिलेगी।’’ उन्होंने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन से कम ब्याज दर पर ऋण, अनुदान एवं दूसरे वित्तीय प्रलोभन स्वीकार करने वाले देश बाद में आर्थिक सौदों को भविष्य के सुरक्षा इंतजामों में बदलने के खतरे का सामना करते हैं और जब वह ऋण का भुगतान करने में नाकाम होते हैं, चीन अकसर ऋण की भरपाई दूसरे तरीकों से करता है।
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