ताइवान में सत्तारूढ़ पार्टी के लिए अग्नि परीक्षा साबित होगा स्थानीय चुनाव
ताइवान में शनिवार को होने वाले स्थानीय चुनाव न सिर्फ राष्ट्रपति साई इंग वेन की संकट में घिरी सरकार के लिए कड़ी परीक्षा साबित होंगे बल्कि कई ऐसे जटिल मुद्दों पर भी वोट होगा जिनसे चीन प्राय: अप्रसन्न रहता है।
ताइपे। ताइवान में शनिवार को होने वाले स्थानीय चुनाव न सिर्फ राष्ट्रपति साई इंग वेन की संकट में घिरी सरकार के लिए कड़ी परीक्षा साबित होंगे बल्कि कई ऐसे जटिल मुद्दों पर भी वोट होगा जिनसे चीन प्राय: अप्रसन्न रहता है। इन चुनावों में 10 अभूतपूर्व जनमत संग्रह शामिल होंगे। इनमें से एक में ताइवान द्वारा खेल कार्यक्रमों में इस्तेमाल किया जाने वाला नाम बदलने का आह्वान किया गया है। इस प्रस्ताव ने पहले से ही चीन को क्रोधित कर दिया है। साथ ही इनमें समलैंगिक अधिकारों के मुद्दे पर जनमत संग्रह भी होगा जो रूढ़िवादी और उदार समूहों के बीच तनाव को प्रतिबिंबित करता है क्योंकि सरकार ने संवैधानिक अदालत के फैसले को लागू करने को लेकर अपनी गति धीमी कर ली है।
इस अदालत ने करीब एक साल पहले समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी थी। चुनाव 24 नवंबर को होने हैं। ग्रामीण स्तर से ऊपर की सीटों पर ये चुनाव होंगे जहां सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) को फिलहाल 22 शहरों एवं काउंटियों में से 13 का नियंत्रण हासिल है। जिन अन्य मुद्दों पर जनमत संग्रेह होगा उनमें एक 2020 ओलंपिक खेलों में ताइवान खिलाड़ियों को ‘ताइवान’ देश के नाम से उतारना है। अभी तक ताइवान के खिलाड़ी ‘चीनी ताइपे’ के नाम से ओलंपिक मैदान में उतर रहे थे। चीन ताइवान को अपनी सीमा के रूप में देखता है और इसकी संप्रभुता को मान्यता देने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है।
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