मानवाधिकारों का सम्मान नहीं करने वाली अफगान सरकार की अंतरराष्ट्रीय वैधता कम होगी: अमेरिका

Afghan government

अमेरिका ने तालिबान को चेतावनी दी है कि कोई भी सरकार जो मानवाधिकारों का सम्मान नहीं करेगी और बंदूक के बल पर शासन करने की कोशिश करेगी, उसकी अंतरराष्ट्रीय वैधता कम होगी।

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पंढरपुर मंदिर में ‘महापूजा’ की, कोविड को खत्म करने की प्रार्थना की

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को दैनिक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि मेहनत से हासिल उपलब्धियों को बनाए रखने में अमेरिका को अफगानिस्तान की सरकार और लोगों के साथ काम करते हुए दो दशक हो गए हैं। उनमें अफगान महिलाओं और अफगान लड़कियों द्वारा हासिल उपलब्धियां भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका की इसमें अहम भूमिका है और उसने अफगानिस्तान को मानवीय और विकास सहायता भी दी है। प्राइस ने कहा कि अमेरिकी दूतावास जमीन पर अफगान नागरिक समाज का साझेदार है और उनका साझेदार बना रहेगा। प्रवक्ता के मुताबिक, वे जानते हैं कि बीते 20 साल में हासिल उपलब्धियों की अहमियत क्या है।

इसे भी पढ़ें: हिंदू धर्म में क्या है देवशयनी एकादशी का महत्व, जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं

प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, “ हम कह रहे हैं कि अफगानिस्तान में जो भी सरकार आए और वे उन उपलब्धियों का संरक्षण न करे, मानवाधिकारों का सम्मान न करे और बंदूक के दम पर शासन करने की कोशिश करे तो वह ऐसी सरकार होगी जिसे अफगान लोगों की ओर से या अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से वैधता नहीं प्राप्त होगी।” विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान और तालिबान के बयानों का समर्थन करता है जिनमें समावेशी राजनीतिक समाधन की दिशा में दोनों पक्षों की ओर से बातचीत तेज करने की प्रतिबद्धता जताई गई है। उन्होंने कहा, “ हमारा मानना है कि सिर्फ बातचीत के माध्यम से हासिल समाधान ही 40 साल के संघर्ष को खत्म कर सकता है। हम तालिबान से आग्रह करते हैं कि वह संयुक्त घोषणा में दी गई प्रतिबद्धता को बनाए रखे, अफगानिस्तान के बुनियादी ढांचे की रक्षा करे, नागरिकों की हिफाज़त करे और मानवीय सहायता में सहयोग दे।”

प्राइस ने दोनों पक्षों को साथ लाने के लिए कतर के नेतृत्व के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “हम न केवल उन पक्षों के साथ काम करना जारी रखेंगे जिनकी चर्चा का हम दोहा में समर्थन कर रहे हैं, बल्कि कतर, संयुक्त राष्ट्र, व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय और महत्वपूर्ण रूप से अफगानिस्तान के पड़ोसियों के साथ भी काम करना जारी रखेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान के पड़ोसियों को अहम भूमिका निभानी चाहिए ताकि एक राजनीतिक समाधान निकल सके जो एक ऐसा अफगानिस्तान बनाने में मदद करे जो अधिक स्थिर, अधिक सुरक्षित और अधिक शांतिपूर्ण हो।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़