मस्जिद की सुरक्षा AI करेगी, फेस रिकग्निशन से लेकर क्राउड कंट्रोल सब का जिम्मा सौंपा गया

86 साल के अंतराल के बाद, इसे 10 जुलाई, 2020 को राष्ट्रपति के आदेश द्वारा मस्जिद के रूप में पूजा के लिए फिर से खोल दिया गया। तब से, आधुनिक तकनीक और एआई अनुप्रयोगों के उपयोग के माध्यम से इसके ऐतिहासिक ताने-बाने को संरक्षित करने और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए व्यापक प्रयास किए गए हैं।
तुर्किये की 15 शताब्दियों से खड़ी और इतिहास में तीन बार पुनर्निर्मित, हागिया सोफिया की सुरक्षा अब अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित प्रणाली के हवाले कर दी गई है। मूल रूप से इस्तांबुल की विजय के बाद मस्जिद में परिवर्तित हागिया सोफिया को 1934 में मंत्रिपरिषद के एक आदेश द्वारा एक संग्रहालय के रूप में पुनर्निर्मित किया गया था। 86 साल के अंतराल के बाद, इसे 10 जुलाई, 2020 को राष्ट्रपति के आदेश द्वारा मस्जिद के रूप में पूजा के लिए फिर से खोल दिया गया। तब से, आधुनिक तकनीक और एआई अनुप्रयोगों के उपयोग के माध्यम से इसके ऐतिहासिक ताने-बाने को संरक्षित करने और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए व्यापक प्रयास किए गए हैं।
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साल से अधिक पुरानी यह विश्वविख्यात इमारत अब भी स्थापत्य कला और धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर के रूप में लाखों पर्यटकों को आकर्षित करती है। तुर्किये सरकार ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए एआई सुरक्षा प्रोजेक्ट की शुरुआत की। हर साल औसतन 35 लाख से अधिक पर्यटक हागिया सोफिया पहुंचते हैं। हर रोज यहां 10 हजार पर्यटकों की भीड़ होती है। इस भीड़ में सुरक्षा बनाए रखना, विरासत को क्षति से बचाना सरकार की प्राथमिकता बन गई थी।
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फेस रिकग्निशन से लेकर क्राउड कंट्रोल एडवांस एआई ही करेगा
19 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य सिर्फ सुरक्षा सुनिश्चित करना नहीं, बल्कि विरासत की रक्षा और आगंतुकों को बेहतर अनुभव देना भी है। हागिया सोफिया ग्रैंड मस्जिद में अब 360-डिग्री कैमरे, सेंसर-आधारित प्रवेश द्वार और एक लाइव मॉनिटरिंग डेस्क स्थापित किए गए हैं। जिससे मानवीय हस्तक्षेप कम होगा। इस एआई परियोजना में फेस रिकग्निशन, संदिग्ध गतिविधियों की पहचान, भीड़ नियंत्रण और इमरजेंसी रेस्पोंस सिस्टम जैसी तकनीकें शामिल हैं।
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