अमेरिका ने नौवहन अधिकारों को लेकर दी चुनौती
वाशिंगटन। अमेरिकी सेना ने भारत और चीन समेत 13 देशों के खिलाफ पिछले साल ‘‘नौवहन की स्वतंत्रता’’ के अभियान चलाए। एक अक्तूबर 2014 से 30 सितंबर 2015 तक की अवधि वाली पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने चीन, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, लीबिया, मलेशिया, मालदीव, ओमान, फिलीपीन और वियतनाम के खिलाफ नौवहन की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का कई बार प्रयोग किया। हालांकि अपनी दो पन्नों की अपनी रिपोर्ट में उसने विस्तृत जानकारी नहीं दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी सेना ने अर्जेंटीना, निकारागुआ और ताइवान के खिलाफ एकल अभियान चलाए। पेंटागन की रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया है, ‘‘ईईजेड (विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र) में सैन्य अभ्यासों या युद्धाभ्यासों के लिए पूर्व अनुमति की जरूरत थी।’’ रिपोर्ट में चीन के बारे में कहा गया है कि अत्यधिक समुद्री दावों में अत्यधिक ‘स्ट्रेट बेसलाइन’, ईईजेड के ऊपर हवाई क्षेत्र पर अधिकार, एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (एडीआईजेड) के जरिए राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश के इरादे के बिना उड़ान भरने वाले विदेशी विमानों पर प्रतिबंध, ईईजेड में विदेशी प्रतिष्ठानों की सर्वेक्षण गतिविधि का अपराधीकरण करने वाला घरेलू कानून, क्षेत्रीय समुद्रों में टीटीएस के जरिए विदेशी सैन्य जहाजों को गुजरने के लिए पूर्व में अनुमति लेने की आवश्यकता शामिल है।
अमेरिका ने 2014 में भी भारत, चीन और ब्राजील समेत 18 देशों के क्षेत्रीय दावों को चुनौती दी थी। चीन का दावा है कि अमेरिका अनावश्यक रूप से उसे निशाना बना रहा है जबकि पेंटागन का कहना है कि वह विश्वभर में नौवहन की स्वतंत्रता के अभियान चलाता है।
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