ईरान के समर्थन में उतरने वाले हैं रूस-चीन-नॉर्थ कोरिया? अमेरिकी प्रभुत्व पर ब्रेक लगाएंगे, इजरायल की दादागिरी को धूल में मिलाएंगे

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अभिनय आकाश । Jun 13 2025 1:19PM

अमेरिका के दुनिया भर में करीब 80 एयरबेस हैं और वह अपने दुश्मन देशों में अशांति फैलाने के लिए विद्रोहियों को हर तरीके की मदद देता रहता है। चीन के पास ताइवान को मदद, उत्तर कोरिया के सामने दक्षिण कोरिया को और रूस को घेरने के लिए यूक्रेन को, अमेरिका परदे के पीछे से इन सभी देशों का जीना हराम किए हुए हैं।

13 जून की अहले सुबह इजरायल की तरफ से ईरान के ऊपर ताबड़तोड़ अटैक किए गए। जिसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मीडिया के सामने आगे आकर न सिर्फ ट्रंप का शुक्रिया अदा करते हैं। बल्कि वो इसका भी अंदेशा जताते हैं कि अब दूसरी तरफ से भी हम पर हमला किया जाएगा और इसलिए इजरायल में आपातकाल की घोषणा भी कर दी गई है। ऐसे में इन सारी चीजों को देखने के बाद इस बात की चर्चा तेज हो चली है कि क्या रूस और चीन एक साथ आएंगे। चीन के साथ ईरान की एक डील भी सामने आई थ। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट सामने आई थ कि ईरान ने चीन से जो मिसाइल ईंधन डील की है। उसके तहत चीन ने ईरान को हजारों टन मिसाइल ईंधन का ऑर्डर दिया । इसमें अमोनियम परक्लोरेट भी शामिल है ताकि वह बडे़ पैमाने पर बैलिस्टिक मिसाइले बना सके। इस ईंधन से ईरान 800 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें तैयार करेगा। 

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इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान की राजधानी पर हमला कर दिया और देश के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाया जिसके बाद पश्चिम एशिया के दो कट्टर विरोधियों के बीच एक व्यापक युद्ध की आशंका तेज हो गई है। इसे 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। इजराइल ने ईरान के मुख्य परमाणु संवर्धन केंद्र को भी निशाना बनाया और हमले के बाद वहां से काला धुआं हवा में उठता देखा गया। इजराइल के हमले में ईरान के अर्द्धसैनिक बल ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी की मौत हो गई। 

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ईरान के समर्थन में उतरेंगे रूस-चीन-नार्थ कोरिया? 

अमेरिका के दुनिया भर में करीब 80 एयरबेस हैं और वह अपने दुश्मन देशों में अशांति फैलाने के लिए विद्रोहियों को हर तरीके की मदद देता रहता है। चीन के पास ताइवान को मदद, उत्तर कोरिया के सामने दक्षिण कोरिया को और रूस को घेरने के लिए यूक्रेन को, अमेरिका परदे के पीछे से इन सभी देशों का जीना हराम किए हुए हैं। अब चीन और रूस के पास अमेरिका से बदला लेने का अच्छा अवसर है। अरब में एक्टिव होने वाला नया न्यूक्लियर ट्राइएंगल मिडिल ईस्ट में अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती देने में तो पूरी तरह से सक्षम है ही वहीं इजराइल की दादागिरी पर फुल स्टॉप लगाने का दम भी रखता है। 

100 से ज्यादा मिसाइल दागे

इजराइल की सेना ने कहा है कि ईरान उस पर किए गए हमलों के जवाब में इजराइल पर ड्रोन दाग रहा है। इजराइल के मुख्य सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा, ‘‘ पिछले कुछ घंटों में ईरान ने इजराइल की ओर 100 से अधिक ड्रोन दागे हैं। सभी रक्षा प्रणालियां हमलों को रोकने के लिए काम कर रही हैं।’’ डेफ्रिन ने कहा कि लगभग 200 इजराइली लड़ाकू विमान अभियान में शामिल थे और लगभग 100 लक्ष्यों पर हमला किया गया तथा हमले अब भी जारी हैं। इस बीच जॉर्डन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने कहा कि देश का हवाई क्षेत्र सभी उड़ानों के लिए बंद रहेगा। ‘जॉर्डन समाचार एजेंसी’ ने कहा कि क्षेत्र में बढ़ते तनाव को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। 

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