ब्रिटेन से करीब 2,200 भारतीयों को लाया गया, OCI कार्ड धारक छात्रों ने मदद की अपील की

BRITAIN

भारत सरकार द्वारा विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए शुरू अबतक के सबसे बड़े मिशन के तहत एअर इंडिया की पहली उड़ान का परिचालन आठ मई को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से मुंबई के बीच किया गया।

लंदन। कोरोना वायरस से संक्रमण के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी रोक की वजह से ब्रिटेन में फंसे करीब 2,200 भारतीयों को वंदे भारत मिशन के पहले चरण में स्वदेश लाया गया है। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़े में दी गई। भारत सरकार द्वारा विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए शुरू अबतक के सबसे बड़े मिशन के तहत एअर इंडिया की पहली उड़ान का परिचालन आठ मई को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से मुंबई के बीच किया गया। इसके साथ ही भारतीय छात्रों और पर्यटकों को लेकर ब्रिटेन से भारत के विभिन्न शहरों के लिए विशेष उड़ानों का परिचालन शुरू हुआ। भारत की सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया के विमान ब्रिटेन से भारतीयों को लेकर मुंबई, नयी दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और अहमदाबाद रवाना हुए। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने बताया, ‘‘हमनें 17 मई तक एअर इंडिया की आठ उड़ानों के जरिये ब्रिटेन में फंसे 2,288 भारतीयों को वापस भेजा गया है। वंदे भारत मिशन भारतीयों की वापसी के लिए जारी रहेगा।’’ कोविड-19 की वजह से अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर लगी रोक के चलते फंसे भारतीयों को लाने के लिए भारत ने अबतक के सबसे बड़े वापसी अभियान वंदे भारत मिशन की शुरुआत की है।

इसे भी पढ़ें: ब्रिटेन ने दाऊद के सहयोगी टाइगर हनीफ के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया खारिज

भारतीयों को वापस लाने के अभियान का दूसरा चरण प्रक्रियागत है। इस बीच बृहस्पतिवार को दिल्ली के लिए रवाना होने वाले विमान में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त पद से सेवानिवृत्त हुई रुचि घनश्याम भी होंगी। ब्रिटेन में भारतीय पत्रकारों के परिसंघ की ओर से घनश्याम के लिए दिए गए आभासी विदाई समारोह में उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत व्यस्त समय है लेकिन मैं उम्मीद करती हूं कि भविष्य में लोगों को अलविदा कहने के लिए व्यक्तिगत रूप से लौटूंगी।’’ ब्रिटेन से रोजाना भारतीयों को भारत के विभिन्न शहरों के लिए विशेष विमानों से रवाना किया जा रहा है लेकिन अब भी कुछ लोग हैं जो बेसब्री से वापसी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें वे लोग भी हैं जो कोलकाता सहित अपने शहरों में जाना चाहते हैं लेकिन अबतक उन शहरों के लिए उड़ाने निर्धारित नहीं की गई हैं। ब्रिटेन में नौकरी करने आए सुवेंदू बताते हैं, ‘‘घर में दो बेटियां हैं, बूढ़े मां-बाप और पत्नी है लेकिन कोलकाता लौटने का कोई रास्ता नहीं है। मुझे अपने माता-पिता को लेकर चिंता हो रही है।’’

इसे भी पढ़ें: कोरोना से मोटापे का क्या संबंध? ब्रिटिश PM बोरिस जॉनसन चला रहे है ये मुहिम

बता दें कि हाल में सुवेंदू की नौकरी भी छूट गई है। डॉ.अर्पिता राय, जिनके पिता भारत वापस जाना चाहते हैं, कहती हैं, ‘‘मैं आश्चर्यचकित हूं कि अबतक कोलकाता के लिए कोई उड़ान नहीं है लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।’’ इनके अलावा ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड धारक भी भारत वापसी का इंतजार कर रहे हैं जिनके कार्ड की वैधता कोविड-19 की वजह से स्थगित कर दी गई है। भारत सरकार द्वारा पिछले महीने जारी आदेश और पिछले हफ्ते अद्यतन किए गए आदेश के मुताबिक विदेशी नागरिकों के लिए वीजा और ओसीआई कार्ड स्थगित रहेंगे। इस कार्ड की मदद से भारतीय मूल के लोग बिना वीजा भारत की यात्रा कर सकते हैं। लंदन के एसओएएस विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे त्रिदीप बताते हैं, ‘‘ हमारी दुर्दशा भारतीय पासपोर्ट धारक छात्रों से अलग नहीं है। भारत हम सभी का घर है।’’ 18 वर्षीय त्रिदीप ने कहा, ‘‘हां, हवाई यात्रा इस समय खतरनाक है लेकिन हम सभी एहतियाती कदम उठाने को तैयार हैं।

इसे भी पढ़ें: वैज्ञानिकों ने लगाया पता, कोरोना संक्रमण कैसे बनता है मौत का कारण

भारत पहुंचने पर 14 दिनों के अनिवार्य पृथकवास के नियम का अनुपालन करेंगे।’’ इम्पीरियल कॉलेज लंदन में पढ़ाई कर रहे अतुलित कहते हैं, ‘‘जीवन का बड़ा हिस्सा भारत में बिताया, भारतीय नागरिकों की तरह ही भारत मेरा भी घर है। किसी अन्य भारतीय की तरह मैं भी घर और परिवार में जाना चाहता हूं। मैं केवल उम्मीद कर सकता हूं कि सरकार ओसीआई कार्ड धारकों पर अपनाई गई नीति की समीक्षा करेगी और मैं अपील करता हूं कि वापसी योजना में हमें भी शामिल किया जाए।’’ वेल्स के बेंगोर विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही बियांता कहती हैं, ‘‘ मानसिक तनाव के साथ ब्रिटेन आर्थिक रूप से भी महंगा है। आने वाले हफ्तों में मकान मालिक से किया गया करार समाप्त हो जाएगा और उसके बाद में कहीं की नहीं रहुंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं ब्रिटेन में अपना खर्च नहीं चला सकती क्योंकि मई तक पढ़ाई पूरी कर घर लौटने की योजना थी। कृपया कर मुझे घर पहुंचाने में मदद करें। मेरे पासपोर्ट के रंग से यह तय नहीं होता कि मेरा घर कहां है।’’ उल्लेखनीय है कि वाणिज्यिक उड़ानों के रद्द होने की वजह से सरकार ने 40 देशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए वंदे भारत मिशन के दूसरे चरण में 149 विशेष उड़ानों का परिचालन करने का फैसला किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़