बिलावल ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ बैठक में उठाया जम्मू कश्मीर का मुद्दा

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बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया में तत्काल मानवीय जरूरतों पर ध्यान दिया जाना चाहिए और अफगानिस्तान में अर्थव्यवस्था को ढहने से बचाना चाहिए, अन्यथा इसके सामान्य अफगान नागरिकों के लिए गंभीर परिणाम होंगे।

संयुक्त राष्ट्र|  पाकिस्तान के नये विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस के साथ अपनी बैठक में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बिलावल भुट्टो जरदारी ने गुटारेस के साथ अपनी बैठक के दौरान यह भी कहा कि पाकिस्तान, भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है।

उन्होंने कहा कि यह तब तक नहीं हो सकता जब तक कि जम्मू-कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्पों और कश्मीरियों की इच्छा के अनुरूप नहीं हो जाता।

बिलावल भुट्टो जरदारी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त किये जाने का भी जिक्र किया। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान को 2019 में समाप्त करने के भारत के फैसले से पाकिस्तान नाराज हो गया था।

पाकिस्तान ने इसके बाद भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया था और इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि देश की संसद द्वारा 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करना उसका आंतरिक मामला है।

भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि जम्मू कश्मीर ‘‘हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा।’’ भारत ने पाकिस्तान को इस वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत- विरोधी सभी दुष्प्रचार रोकने की भी सलाह दी है।

भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है। गुटारेस के साथ अपनी बैठक के दौरान, बिलावल भुट्टो जरदारी ने ‘‘अफगान लोगों के लिए मानवीय और आर्थिक सहायता जुटाने’’ में महासचिव की भूमिका की ‘‘सराहना’’ की।

बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया में तत्काल मानवीय जरूरतों पर ध्यान दिया जाना चाहिए और अफगानिस्तान में अर्थव्यवस्था को ढहने से बचाना चाहिए, अन्यथा इसके सामान्य अफगान नागरिकों के लिए गंभीर परिणाम होंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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