शिलान्यास से पहले नेपाल में भारत द्वारा विकसित पनबिजली परियोजना में धमाका
![Blast at India-developed hydroelectricity project in Nepal weeks before inauguration by Modi Blast at India-developed hydroelectricity project in Nepal weeks before inauguration by Modi](https://images.prabhasakshi.com/2018/4/satluj-jal-vidyut-nigam_650x_2018043009082057.jpg)
पूर्वी नेपाल में भारत के सहयोग से विकसित एक पनबिजली परियोजना के कार्यालय में बम विस्फोट हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ ही हफ्तों में इसका शिलान्यास करने वाले थे जिससे पहले यह घटना सामने आई है।
काठमांडो। पूर्वी नेपाल में भारत के सहयोग से विकसित एक पनबिजली परियोजना के कार्यालय में बम विस्फोट हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ ही हफ्तों में इसका शिलान्यास करने वाले थे जिससे पहले यह घटना सामने आई है। नेपाल के संखुवासभा जिले के मुख्य जिला अधिकारी शिवराज जोशी ने बताया कि विस्फोट से इस परियोजना के कार्यालय की चहारदीवारी नष्ट हो गई है। 900 मेगावाट क्षमता के अरुण-3 पनबिजली संयंत्र का कार्यालय काठमांडो से 500 किलोमीटर दूर खांडबरी-9 तुमलिंगटर में है।
जोशी ने कहा कि विस्फोट के पीछे किसी अज्ञात समूह का हाथ है। इस परियोजना के 2020 तक चालू होने की संभावना है। यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है जब मोदी 11 मई को अपनी आधिकारिक नेपाल यात्रा के दौरान इसका शिलान्यास करने जाने वाले हैं। अधिकारी ने कहा कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है और कार्यालय मामूली रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं और षड्यंत्रकारियों की तलाश की जा रही है। घटना के बाद इलाके में सुरक्षा मजबूत कर दी गई है।
हालांकि अभी तक किसी ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है। अरुण-3 परियोजना के लिए प्रधानमंत्री मोदी और तब नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला की मौजूदगी में 25 नवंबर 2014 को परियोजना विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत की ओर से इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के सतुलज जल विद्युत निगम ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस बीच यहां के भारतीय दूतावास ने मामले पर नेपाल के विदेश मंत्रालय से चर्चा की है।
नेपाल में एक माह के भीतर किसी भारतीय संपत्ति पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले 17 अप्रैल को विराटनगर में भारतीय दूतावास के क्षेत्रीय कार्यालय के निकट प्रेशर कुकर बम विस्फोट हुआ था। इससे परिसर की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई थी। नेपाल में फिलहाल बिजली की कमी है और इस परियोजना से जल विद्युत उत्पादन से मुख्यत: इसकी घरेलू मांगें पूरी होंगी। परियोजना से नेपाल में डेढ़ अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आएगा और हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
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