China Big Survey On BJP-NDA: मोदी 430 सीटें...चीन का ये सर्वे उड़ा देगा विपक्ष के होश

China Big Survey
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । May 15 2024 6:44PM

ग्लोबल टाइम्स ने हमला बोलते हुए कहा कि एलएसी पर पीएम मोदी का रुख नरम है। वो एलएसी को कम महत्व दे रहे हैं और उनकी ये नरमी चुनाव को लेकर है। उनका लक्ष्य 430 सीटें जीतना हैं। चीन का सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स ये आरोप लगा रहा है कि चुनाव को लेकर पीएम मोदी बॉर्डर के मुद्दों पर चुप हैं। जबकि एस जयशंकर मुखर हो रहे हैं।

दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है भारत और यहां चुनाव चल रहे हैं। भारत के चुनाव पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हैं। वहीं 2024 के चुनाव पर पड़ोसी देश चीन की भी नजर है। दरअसल, एलएसी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर की दो टूक के बाद तिलमिलाए चीन पीएम मोदी को निशाने पर लिया है। ग्लोबल टाइम्स ने हमला बोलते हुए कहा कि एलएसी पर पीएम मोदी का रुख नरम है। वो एलएसी को कम महत्व दे रहे हैं और उनकी ये नरमी चुनाव को लेकर है। उनका लक्ष्य 430 सीटें जीतना हैं। चीन का सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स ये आरोप लगा रहा है कि चुनाव को लेकर पीएम मोदी बॉर्डर के मुद्दों पर चुप हैं। जबकि एस जयशंकर मुखर हो रहे हैं। 

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जयशंकर के किस  बयान से तिलमिलाया चीन

विदेश मंत्री एस जयशंकर के किस बयान से चीन तिलमिला उठा है उसके बारे में भी आपको बता देते हैं। एस जयशंकर ने कहा कि चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की तैनाती असामान्य है और देश की सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। अब जो बदलाव आया, वह 2020 की घटना के बाद आया है। चीनियों ने 2020 में कई समझौतों का उल्लंघन करते हुए हमारी सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया और उन्होंने यह ऐसे वक्त किया जब हमारे यहां कोविड लॉकडाउन लागू था। गलवान घाटी झड़प में कुल 20 भारतीय सैन्य कर्मी शहीद हुए थे। भारत-चीन सीमा पर चार दशकों में यह सबसे भीषण झड़प थी। जयशंकर ने कहा कि भारत ने भी (सीमा पर) सैनिकों को तैनात कर जवाब दिया और चार साल से गलवान में सैनिकों की तैनाती वाले सामान्य मोर्चों से आगे भारतीय सैनिक तैनात हैं। एलएसी पर यह बहुत ही असमान्य तैनाती है। इतना ही नहीं भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो टूक कहा कि दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती तभी आएगी जब बॉर्डर पर शांति होगी। 

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एलएसी पर हिंदुस्तान जिस तरीके से चीन को जवाब दे रहा है, ये उसके गले नहीं उतर रहा है। चीन भूल गया है कि ये नया भारत है। जो शांति का दूत तो पहले की ही भांति है। लेकिन हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देना पहले से भी कहीं बेहतर जानता है। 

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