भारत के रक्षा बजट से ‘चिढ़ा’ चीन, सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स ने कहा- इसका कोई वास्तविक लाभ नहीं होगा

देश की राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में एक प्रमुख जोर देते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रक्षा बजट को लगभग 13 प्रतिशत बढ़ाकर 5.93 लाख करोड़ रुपये कर दिया, जबकि 2022-23 में यह 5.25 लाख करोड़ रुपये था। अब भारत के इस कदम से चीन पूरी तरह से बौखलााय हुआ नजर आ रहा है। चीन के सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने भारत के रक्षा बजट से लेकर अमेरिकी साझेदारी को लेकर तंज कसा है। ग्लोबल टाइम्स और सोशल मीडिया के जरिए चीन के झूठे राष्ट्रवाद को भड़काने वाले हू शिजिन ने भारत के रक्षा बजट में बढ़ोतरी को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि भारत का अंतिम लक्ष्य सीमा पर चीन से मुकाबला करना नहीं होगा। इसका कोई वास्तविक लाभ नहीं होगा। भारत की महत्वाकांक्षा हिंद महासागर को पूरी तरह से नियंत्रित करने और इसे भारत के "अंतर्देशीय समुद्र" में बदलने की है।
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इसके साथ ही हू शिजिन ने अमेरिका भारत को चीन के लिए आपूर्ति-श्रृंखला विकल्प के रूप में देखता है वाले वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट का स्कीनशॉट शेयर करते हुए यदि भारत विश्व आपूर्ति श्रृंखला में चीन की स्थिति को बदल सकता है, तो वह इसे बहुत पहले ही बदल चुका होता। अब राजनेता बाजार के स्वामी बनना चाहते हैं और अमेरिका वैश्विक स्तर की नियोजित अर्थव्यवस्था में संलग्न होना चाहता है। मैं व्हाइट हाउस की हिम्मत और महत्वाकांक्षा की प्रशंसा करता हूं। बता दें कि भारत समेत दुनियाभर के देशों के खिलाफ हू शिजिन ट्विटर पर जहर उगलता रहता था। इसी वजह से उसे 'ट्रोल किंग' कहा जाता था।
India's ultimate goal will not be to compete with China on the border. That will have no real benefits. India's ambition is to completely control the Indian Ocean and turn it into India's "inland sea". pic.twitter.com/DHjUMMfoVN
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) February 2, 2023
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