भारत के खिलाफ हजारों परमाणु बम बना रहा चीन! LAC पर फिर टेंशन बढ़ाने का जिनपिंग का इरादा?

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Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Feb 29 2024 7:26PM

डीओडी का अनुमान है कि मई 2023 तक पीआरसी के पास 500 से अधिक परिचालन परमाणु हथियार थे, जो पिछले अनुमानों को पार करने की राह पर है। चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और वह अपने परमाणु शस्त्रागार के निर्माण की राह पर कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है।

भारत का दबदबा और कद वैश्विक मंचों पर लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन वो कहते हैं न कि जब आप कामयाबी की बुलंदियों को छूने की ओर अग्रसर होते हैं तो कई चुनौतियां और खतरे भी आपके सामने उभरने लगते हैं। खबर है कि भारत के बढ़ते रुतबे और अमेरिका से हार के डर से चीन बड़ी परमाणु हथियारों की तैयारी में जुट गया है। चीन अपने दुश्मनों पर हमले के लिए परमाणु बमों की एक पूरी श्रृंखला तैयार करने में लगा है। ये दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन के पास 500 परमाणु हथियार हैं जिसे बढ़ाकर उसने अब इसे 100 से 1500 करना शुरू कर दिया है। चीनी सेना भविष्य में परमाणु हथियारों के और अधिक उत्पादन पर जोर दे रही है। दुनिया की महाशक्तियों में से एक कहे जाने वाले चीन के पास वर्तामन में सबसे तेजी से बढ़ते परमाणु शस्त्रागार हैं। 

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डीओडी का अनुमान है कि मई 2023 तक पीआरसी के पास 500 से अधिक परिचालन परमाणु हथियार थे, जो पिछले अनुमानों को पार करने की राह पर है। चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और वह अपने परमाणु शस्त्रागार के निर्माण की राह पर कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, यह दिखाते हुए रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि चीन के पास 2030 तक संभवतः 1,000 से अधिक परिचालन परमाणु हथियार होंगे। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) 2023 से जुड़े सैन्य और सुरक्षा विकास शीर्षक से वार्षिक रूप से जारी की जाने वाली चीन सैन्य शक्ति रिपोर्ट यह चेतावनी देती है कि चीन पारंपरिक रूप से सशस्त्र अंतरमहाद्वीपीय रेंज मिसाइल प्रणालियों के विकास की खोज कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि विकसित और तैनात किया जाता है, तो ऐसी क्षमताएं पीआरसी को महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका, हवाई और अलास्का में लक्ष्यों के खिलाफ पारंपरिक हमलों की धमकी देने की अनुमति देंगी।

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इससे पहले एलएसी पर भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा तनाव के बारे में पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया था कि वेस्टर्न थिएटर कमांड भौगोलिक रूप से पीआरसी के भीतर सबसे बड़ा थिएटर कमांड है और भारत के साथ संघर्ष का जवाब देने के लिए जिम्मेदार है। उसने बड़े पैमाने पर लामबंदी और तैनाती लागू की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एलएसी पर वेस्टर्न थिएटर कमांड की तैनाती संभवतः 2023 तक जारी रहेगी। 2020 की झड़प के बाद, पीएलए ने लगातार बल की उपस्थिति बनाए रखी है और एलएसी के साथ बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा है।

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