चीन ने अमेरिकी राजनयिकों को पृथकवास में रखने संबंधी शिकायतों को किया खारिज

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विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन ‘‘बिना किसी भेदभाव के चीन आने वाले चीनी और विदेशी नागरिकों, दोनों के लिए विज्ञान आधारित और प्रभावी महामारी रोकथाम प्रोटोकॉल अपनाता है।’’ माओ ने कहा कि नीति ‘‘खुली और पारदर्शी है।’’

बीजिंग। चीन ने देश के सख्त कोविड-19 नियमों के तहत अमेरिकी राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को पृथकवास में रखे जाने को लेकर अमेरिकी कांग्रेस के दो सदस्यों की शिकायतों को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन ‘‘बिना किसी भेदभाव के चीन आने वाले चीनी और विदेशी नागरिकों, दोनों के लिए विज्ञान आधारित और प्रभावी महामारी रोकथाम प्रोटोकॉल अपनाता है।’’ माओ ने कहा कि नीति ‘‘खुली और पारदर्शी है।’’ माओ ने एक दैनिक ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि सभी अमेरिकी आगंतुकों ने चीन की महामारी नीतियों को स्वीकार किया है। 

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उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी सांसदों के इस तरह के बयान वास्तव में बेतुके और पूरी तरह से निराधार हैं।’’ केंटकी के रिपब्लिकन जेम्स कॉमर और टेक्सास के माइकल टी. मैककॉल ने बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पत्र लिखकर अमेरिकी राजनयिकों और परिवार के सदस्यों को चीन द्वारा पृथक-वास में रखे जाने पर स्पष्टीकरण मांगा था। उन्होंने पत्र में कहा था, ‘‘बीजिंग में अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने हाल में पुष्टि की थी कि 16 अमेरिकी राजनयिक और उनके परिवार के सदस्यों को महामारी के दौरान पृथकवास शिविरों में रखा गया था।’’ अमेरिकी दूतावास ने शुक्रवार को पत्र पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। माओ ने कहा कि उन्हें 16 अमेरिकी नागरिकों की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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