टकराव से बचने के लिए तुरंत अपने सैनिक हटाए भारतः चीन
![China says to India not to enter monopoly to meet political goals China says to India not to enter monopoly to meet political goals](https://images.prabhasakshi.com/2017/7/_650x_2017071817344801.jpg)
चीन ने कहा कि भारत को राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सिक्किम सेक्टर में डोकलाम इलाके में अनाधिकार प्रवेश नहीं करना चाहिए और उसने नयी दिल्ली से तुरंत अपने सैनिकों को हटाने को कहा।
बीजिंग। चीन ने आज कहा कि भारत को अपने राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सिक्किम सेक्टर में डोकलाम इलाके में अनाधिकार प्रवेश नहीं करना चाहिए और किसी टकराव से बचने के लिए उसने नयी दिल्ली से तुरंत अपने सैनिकों को हटाने को कहा। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह भारत के साथ टकराव पर बीजिंग में विदेशी मिशनों के साथ ‘‘करीबी संपर्क’’ में है लेकिन इसकी पुष्टि करने से इंकार कर दिया कि क्या उसने मुद्दे पर उन्हें खास तौर पर अवगत कराया है।
कथित अवगत कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, ‘‘भारतीय सीमा कर्मियों की ओर से अवैध प्रवेश के बाद से चीन में कई विदेशी राजनयिक इस पर हैरान हैं और पुष्टि करना चाहते हैं कि क्या यह सही है।’’ कांग ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीनी पक्ष इस मुद्दे पर दिलचस्पी रख रहे विदेशी राजनयिक मिशनों के साथ करीबी संपर्क में है।’ चीन ने कथित तौर पर पिछले सप्ताह ‘बंद कमरे के भीतर वार्ता की थी’ और भूटान त्रिसीमा (तीनों देशों की सीमा जहां मिलती है) के निकट टकराव के संबंध में अपने पक्ष से अवगत कराया। तीनों देशों की सीमा जहां मिलती है, उसके नजदीक चीन द्वारा सड़क के निर्माण पर पिछले एक महीने से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच टकराव जारी है। भारत ने तीनों देशों की सीमा के मिलने वाली इस जगह पर सड़क निर्माण पर चिंता प्रकट की है। आशंका है कि इससे चीनी सैनिक पूर्वोत्तर के राज्यों में भारत की पहुंच खत्म कर सकते हैं।
चीन को अवगत कराया गया है कि सड़क निर्माण यथापूर्व स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव होगा जिससे भारत के लिए गंभीर सुरक्षा की स्थिति पैदा होगी। यह पूछे जाने पर क्या चीन ने कथित बैठक में धैर्य जवाब देने के बारे में बताया, लू ने कहा कि बीजिंग ने जोर देकर कहा कि इस घटना में तथ्य बिल्कुल स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा के सिक्किम खंड को दोनों तरफ से आपसी तौर पर मान्यता दी गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार भारतीय सीमा कर्मियों ने सीमा का उल्लंघन कर चीनी क्षेत्र में प्रवेश किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जोर देते हैं कि भारतीय पक्ष को अपने राजनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने या उस तक पहुंचने के लिए नीतिगत औजार के तौर पर उल्लंघन नहीं करना चाहिए।’’
एक अन्य सवाल कि क्या बीजिंग ने कहा है कि मुद्दे पर उसका धैर्य जवाब दे रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय पक्ष की ओर से अनाधिकार प्रवेश पर अपना रूख हम दोहरा चुके हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपको इसके बारे में बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष को मौजूदा हालात की स्पष्ट समझ हो सकती है और अवैध तौर पर सीमा पार करने वाले कर्मियों की वापसी के लिए तुरंत कदम उठाया जाए जिससे कि टकराव से बचा जा सके।’’
इससे पहले सिक्किम सेक्टर की स्थिति के दीर्घकालिक रूप लेने के बीच चीनी मीडिया ने कहा है कि चीन को भारत के साथ गतिरोध के लिए तैयार हो जाने की जरूरत है। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के मीडिया समूह के अखबार ने लिखा है, ‘‘चूंकि गतिरोध जारी है, इसलिए चीन को दीर्घकालिक हालात का रूप ले रहे गतिरोध से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए, साथ-ही-साथ उसे तार्किक रूख भी बनाए रखना चाहिए।’’
उसने लिखा है, ‘‘चीन इसकी वकालत नहीं करता है और भारत के साथ सैन्य संघर्ष से बचता है, लेकिन चीन सम्प्रभुता की रक्षा के लिए युद्ध करने से डरता नहीं है, और वह स्वयं को दीर्घकालिक संघर्ष के लिए तैयार रखेगा।’’ सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि अखबार ने लिखा है, चीन के भीतर आवाजें उठ रही हैं कि भारतीय सैनिकों को ‘‘तुरंत खदेड़ा जाना चाहिए’’, जबकि भारतीय जनता का विचार चीन के साथ युद्ध का है। उसने लिखा है, ‘‘हालांकि, दोनों पक्षों को संयम बरतने और मौजूदा गतिरोध को नियंत्रण से बाहर नहीं होने देने की जरूरत है।’’ चीन के मीडिया ने साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि इस तरह के अन्य संघर्षों से संपूर्ण वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ‘भीषण संघर्ष’ छिड़ सकता है।
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